नई दिल्ली: नेपाल में खूनी जनरेशन जेड की क्रांति ने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी हैं। यह क्रांति केपी शर्मा ओली सरकार की ओर से फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब, एक्स समेत 26 सोशल मीडिया साइटों पर पाबंदी के बाद भड़क उठी थी। अब नेपाल में केपी शर्मा ओली सरकार का पतन हो गया है। वहीं, सेना ने देश की कमान अपने हाथ में संभाल ली है। सड़क से संसद तक आग ही आग नजर आ रही है। मगर, नेपाल का अब भविष्य क्या होगा, ये अभी अधर में है। मगर, उससे पहले यह जानते हैं कि जेनरेशन जेड, वाई, एक्स, अल्फा, बीटा और बूमर्स क्या होते हैं, यह समझते हैं।
किन्हें कहा जाता है जेनरेशन जेड
इनवेस्टोपीडिया के अनुमसार, जेनरेशन जेड (Generation Z) में 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोग शामिल हैं, जिससे 2025 में उनकी उम्र आज लगभग 13 से 28 वर्ष के बीच होगी। इस जनसांख्यिकी को अक्सर डिजिटल मूल निवासी कहा जाता है, जो इंटरनेट और सोशल मीडिया वाली दुनिया में पली-बढ़ी है। भारत में जनरेशन जेड की पैदाइश थोड़ी देरी से हुई। यह लगभग 1990 के दशक के अंत से 2010 के दशक के प्रारंभ तक हुआ। यह पीढ़ी मोबाइल और लैपटॉप प्रेमी है। सामाजिक जागरूकता और हाइब्रिड कार्य शैली को पसंद करती है।
जनरेशन जेड की क्या है खासियत
जेनरेशन Z तकनीक में डूबी हुई बड़ी हुई है और यह पूरी तरह से डिजिटल रूप से मूल निवासी होने वाली पहली पीढ़ी है। इनमें विविधता और समावेशी गुण होते हैं। सोशल मीडिया से जुड़ी होने की धारणा के बावजूद यह पीढ़ी अक्सर व्यावहारिक होती है। खासकर वित्तीय मामलों में। ये निवेश करने से लेकर पैसे से पैसे बनाने में आगे हैं। आज के कार्यबल में सबसे युवा पीढ़ी जेन जेड है, जिसका जन्म 1995 और 2009 के बीच हुआ है। साल 2025 तक यह पीढ़ी दुनिया की करीब 30 फीसदी वर्कफोर्स बन चुकी है और अपनी अलग सोच और आदतों से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाल रही है।
कौन हैं बेबी बूमर्स, जो हैं सबसे बुजुर्ग
TRINET के अनुसार, बेबी बूमर्स सबसे बुजुर्ग हैं, जिनका जन्म 1946 और 1964 के बीच हुआ है। इनमें से ज्यादातर लोग परंपरागत नौकरियों और रहन-सहन वाले हैं। इस पीढ़ी के कुछ लोग रिटायर हो चुके हैं और कुछ की मौत हो चुकी है।
जनरेशन एक्स और जनरेशन वाई भी आई
बेबी बूमर्स के बाद जेनरेशन एक्स आती है। इनका जन्म 1965 और 1980 के बीच हुआ था। इसके बाद जेनरेशन वाई (जिसे आमतौर पर मिलेनियल्स के नाम से जाना जाता है) आती है , जिनका जन्म लगभग 1981 और 1994 के बीच हुआ।
जेनरेशन जेड के आगे कौन सी पीढ़ी है आती है?
आप सोच रहे होंगे कि भविष्य में कार्यबल में जेनरेशन Z के बाद कौन आएगा। अगली पीढ़ी अल्फा है, जिसे वर्तमान में 2010 और उसके बाद पैदा हुए लोग माना जाता है। यह पीढ़ी पूरी तरह से 21वीं सदी की पीढ़ी है। इस समूह के सबसे बड़े लोग अभी भी किशोर हैं, लेकिन जल्द ही वे अपनी पहली नौकरी की तलाश में लग जाएंगे। 1960 के दशक में जन्मे लोगों और 2000 के दशक में जन्मे लोगों के बीच कार्यस्थल की प्राथमिकताओं और संचार शैलियों में भारी अंतर है।
कौन है जनरेशन बीटा, यह भी जानिए
जेनरेशन बीटा (जनरेशन बीटा) 2025 से 2039 के बीच जन्म लेने वाले व्यक्तियों के समूह के बारे में बात करता है। एक ऐसी पीढ़ी जो जन्म से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और ऑटोमशन से लैस है। युवा मिलेनियल्स और पुरानी जेनरेशन Z के बच्चों का पालन-पोषण एक ऐसी दुनिया में होगा जहां डिजिटल और भौतिक क्षेत्र सहज रूप से विलीन हो जाएंगे, जो शिक्षा, कार्य और सामाजिक संपर्क जैसे क्षेत्रों में उनके अनुभवों को आकार देंगे।
पीढ़ी दर पीढ़ी वर्कफोर्स: बूमर से जेन जेड तक
प्यू रिसर्च के अनुसार, 2016 में मिलेनियल्स वर्कफोर्स के मामले में सबसे बड़ी पीढ़ी बन गई। 2017 तक कार्यबल में 56 मिलियन मिलेनियल्स थे। उसके बाद 53 मिलियन जेनरेशन एक्स और 41 मिलियन बेबी बूमर्स थे। वास्तव में, 2018 तक, 29 प्रतिशत बूमर्स सक्रिय रूप से काम की तलाश में थे। यह एक ऐसी विसंगति है जो 1970 के दशक के बाद से नहीं देखी गई है। बाकी युवा पीढ़ियों की बात करें तो कार्यबल में नौ मिलियन जेनरेशन जेडर्स थे। आश्चर्यजनक रूप से साइलेंट जेनरेशन (बूमर्स से पहले पैदा हुए) के तीन मिलियन लोग भी काम करते थे।
किन्हें कहा जाता है जेनरेशन जेड
इनवेस्टोपीडिया के अनुमसार, जेनरेशन जेड (Generation Z) में 1997 और 2012 के बीच पैदा हुए लोग शामिल हैं, जिससे 2025 में उनकी उम्र आज लगभग 13 से 28 वर्ष के बीच होगी। इस जनसांख्यिकी को अक्सर डिजिटल मूल निवासी कहा जाता है, जो इंटरनेट और सोशल मीडिया वाली दुनिया में पली-बढ़ी है। भारत में जनरेशन जेड की पैदाइश थोड़ी देरी से हुई। यह लगभग 1990 के दशक के अंत से 2010 के दशक के प्रारंभ तक हुआ। यह पीढ़ी मोबाइल और लैपटॉप प्रेमी है। सामाजिक जागरूकता और हाइब्रिड कार्य शैली को पसंद करती है।
In less than 48 hours Gen Z protest in Nepal did the following:
— CG (@chandangoopta) September 9, 2025
- Burnt down multiple politicians' houses
- Increased the protest even during curfew and firing around multiple cities
- made the Prime Minister resign
- entered parliament and burnt it.
This is the generation that… pic.twitter.com/ovY2tWAASY
जनरेशन जेड की क्या है खासियत
जेनरेशन Z तकनीक में डूबी हुई बड़ी हुई है और यह पूरी तरह से डिजिटल रूप से मूल निवासी होने वाली पहली पीढ़ी है। इनमें विविधता और समावेशी गुण होते हैं। सोशल मीडिया से जुड़ी होने की धारणा के बावजूद यह पीढ़ी अक्सर व्यावहारिक होती है। खासकर वित्तीय मामलों में। ये निवेश करने से लेकर पैसे से पैसे बनाने में आगे हैं। आज के कार्यबल में सबसे युवा पीढ़ी जेन जेड है, जिसका जन्म 1995 और 2009 के बीच हुआ है। साल 2025 तक यह पीढ़ी दुनिया की करीब 30 फीसदी वर्कफोर्स बन चुकी है और अपनी अलग सोच और आदतों से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाल रही है।
कौन हैं बेबी बूमर्स, जो हैं सबसे बुजुर्ग
TRINET के अनुसार, बेबी बूमर्स सबसे बुजुर्ग हैं, जिनका जन्म 1946 और 1964 के बीच हुआ है। इनमें से ज्यादातर लोग परंपरागत नौकरियों और रहन-सहन वाले हैं। इस पीढ़ी के कुछ लोग रिटायर हो चुके हैं और कुछ की मौत हो चुकी है।
जनरेशन एक्स और जनरेशन वाई भी आई
बेबी बूमर्स के बाद जेनरेशन एक्स आती है। इनका जन्म 1965 और 1980 के बीच हुआ था। इसके बाद जेनरेशन वाई (जिसे आमतौर पर मिलेनियल्स के नाम से जाना जाता है) आती है , जिनका जन्म लगभग 1981 और 1994 के बीच हुआ।
जेनरेशन जेड के आगे कौन सी पीढ़ी है आती है?
आप सोच रहे होंगे कि भविष्य में कार्यबल में जेनरेशन Z के बाद कौन आएगा। अगली पीढ़ी अल्फा है, जिसे वर्तमान में 2010 और उसके बाद पैदा हुए लोग माना जाता है। यह पीढ़ी पूरी तरह से 21वीं सदी की पीढ़ी है। इस समूह के सबसे बड़े लोग अभी भी किशोर हैं, लेकिन जल्द ही वे अपनी पहली नौकरी की तलाश में लग जाएंगे। 1960 के दशक में जन्मे लोगों और 2000 के दशक में जन्मे लोगों के बीच कार्यस्थल की प्राथमिकताओं और संचार शैलियों में भारी अंतर है।
कौन है जनरेशन बीटा, यह भी जानिए
जेनरेशन बीटा (जनरेशन बीटा) 2025 से 2039 के बीच जन्म लेने वाले व्यक्तियों के समूह के बारे में बात करता है। एक ऐसी पीढ़ी जो जन्म से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग और ऑटोमशन से लैस है। युवा मिलेनियल्स और पुरानी जेनरेशन Z के बच्चों का पालन-पोषण एक ऐसी दुनिया में होगा जहां डिजिटल और भौतिक क्षेत्र सहज रूप से विलीन हो जाएंगे, जो शिक्षा, कार्य और सामाजिक संपर्क जैसे क्षेत्रों में उनके अनुभवों को आकार देंगे।
पीढ़ी दर पीढ़ी वर्कफोर्स: बूमर से जेन जेड तक
प्यू रिसर्च के अनुसार, 2016 में मिलेनियल्स वर्कफोर्स के मामले में सबसे बड़ी पीढ़ी बन गई। 2017 तक कार्यबल में 56 मिलियन मिलेनियल्स थे। उसके बाद 53 मिलियन जेनरेशन एक्स और 41 मिलियन बेबी बूमर्स थे। वास्तव में, 2018 तक, 29 प्रतिशत बूमर्स सक्रिय रूप से काम की तलाश में थे। यह एक ऐसी विसंगति है जो 1970 के दशक के बाद से नहीं देखी गई है। बाकी युवा पीढ़ियों की बात करें तो कार्यबल में नौ मिलियन जेनरेशन जेडर्स थे। आश्चर्यजनक रूप से साइलेंट जेनरेशन (बूमर्स से पहले पैदा हुए) के तीन मिलियन लोग भी काम करते थे।