खार स्थित पी.डी. हिंदुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर में कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर हरेश मेहता ने कई वर्षों के अनुभव से बताया, 'मैंने कोरोनरी आर्टरी डिजीज को लेकर नजरिए में बदलाव देखा है। मरीज अक्सर मेरे पास एक ही डर लेकर आते हैं कि ब्लॉकेज निकलने का मतलब है स्टेंट। स्टेंट ने कार्डियोलॉजी में क्रांति ला दी है और अनगिनत जानें बचाई हैं, लेकिन असलियत काफी गहरी है। हर ब्लॉकेज के लिए स्टेंट की जरूरत नहीं होती और इसके पीछे का साइंस समझना डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए आवश्यक है।
जरूरी नहीं दिल को नुकसान पहुंचाए
कोरोनरी आर्टरी हार्ट मसल्स को ब्लड सप्लाई करती हैं। ब्लॉकेज या स्टेनोसिस प्लाक के जमने से होती है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं। ब्लॉकेज की गंभीरता सिर्फ एंजियोग्राम पर दिखने से नहीं होती। बल्कि यह पता लगाना जरूरी है कि क्या रुकावट वास्तव में व्यायाम जैसी मेहनत के वक्त हार्ट की मसल्स में ब्लड फ्लो को रोक कर रही है। यहां पर 'हीमोडायनैमिकली सिग्निफिकेंट' शब्द महत्वपूर्ण हो जाता है। स्क्रीन पर दिखने वाली ब्लॉकेज हमेशा लक्षण पैदा करने या हार्ट मसल्स को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त गंभीर नहीं भी हो सकती है।
खतरे की ऐसे होती है पहचान
डॉक्टर ने बताया कि ब्लॉकेज की गंभीर पता लगाने के लिए फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व (FFR) टेस्ट किया जाता है।। FFR में रुकावट से पहले और बाद में कोरोनरी आर्टरी में ब्लड प्रेशर और प्लो को मापा जाता है। एक सामान्य FFR मान 1.0 होता है। 0.80 या उससे कम का FFR मान दर्शाता है कि रुकावट ब्लड फ्लो को रोकने के लिए काफी है और स्टेंट लगाना फायदेमंद हो सकता है। अगर FFR 0.80 से ऊपर है तो अक्सर लक्षणों का कारण ब्लॉकेज नहीं होती है और उसे स्टेंट लगाने की आवश्यकता नहीं हो सकती है।
ये टूल भी होते हैं इस्तेमाल
यह टूल एक क्रांतिकारी बदलाव है, जो हमें ब्लॉकेज के सिर्फ दिखने की जगह उसके असर के बारे में बताता है। हम भविष्य में दिल के दौरे का कारण बन सकने वाले कमजोर प्लाक की पहचान के लिए OCT (ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी) और NIRS (नियर इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी) जैसी इंट्रावास्कुलर इमेजिंग मॉडेलिटिस का भी उपयोग करते हैं।
कम ब्लॉकेज के लिए बेस्ट ट्रीटमेंट

कम गंभीर ब्लॉकेज के लिए सबसे अच्छा उपाय मेडिकल इंटरवेंशन है। जिसमें स्टैटिन, बीपी की दवाओं और जीवनशैली में बदलाव (जैसे हार्ट हेल्दी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज) जैसी एग्रेसिव मेडिकल थेरेपी प्लाक को कंट्रोल कर सकती हैं, उसे बढ़ने से रोक सकती हैं और यहां तक कि कुछ हद तक ब्लॉकेज को कम भी कर सकती हैं। ये तरीके भविष्य में होने वाले दिल के खतरे को रोकने की बुनियाद हैं, चाहे आपको स्टेंट लगाया गया हो या नहीं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
You may also like
AFG vs SL, Asia Cup 2025: Rashid Khan के दिमाग की बत्ती हुई गुल, Bowled होने के बाद अंपायर से मांगा DRS; देखें VIDEO
आसान विकल्प या स्वास्थ्य का खतरा? जानिए पैकेटबंद आटे का सच
ला सेला ओपन : पहले दिन त्वेसा रहीं सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली भारतीय
नैनीताल में भारी बारिश से माल रोड का एक हिस्सा धंसा, सीएम के सचिव ने किया निरीक्षण
शबाना आजमी के 75वें बर्थडे पार्टी में रेखा और माधुरी ने लगाए चार चांद, 'कैसी पहेली जिंदगानी' पर किया शानदार डांस