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बिहार चुनाव के मुख्यधारा में आया नौकरी का सवाल, महागठबंधन के घोषणापत्र में बड़ा वादा, नीतीश कुमार ने भी दिया जवाब

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नई दिल्ली: बिहार के युवाओं के लिए नौकरी व रोजगार का सवाल इस बार विधानसभा चुनाव की मुख्यधारा में शामिल हुआ है। वैसे तो बिहार में रोजगार की समस्या पहले से ही गंभीर रही है लेकिन पिछले एक- दो वर्षों में जिस तरह से युवाओं ने प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से लेकर शिक्षा व्यवस्था की खामियों के खिलाफ आंदोलन किया है, उससे राजनीतिक दलों में हलचल मची हुई है।

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी युवा शक्ति को साधने की कोशिश की है, तो महागठबंधन के सीएम चेहरे तेजस्वी यादव ने एक दिन पहले घोषणापत्र जारी कर हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी का बहुत बड़ा वादा कर दिया है।

वहीं दूसरी ओर बीजेपी समेत एनडीए के घटक दल तेजस्वी यादव की घोषणा पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि बिहार के बजट से कहीं ज्यादा का वादा कर दिया गया है और तेजस्वी की घोषणा खोखले वादों का पुलिंदा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी जवाब देते हुए बताया है कि कैसे बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और पांच साल में युवाओं के रोजगार का क्या रोडमैप होगा।

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि बिहार चुनाव में पहली बार शिक्षा व्यवस्था, रोजगार पर राजनीतिक दल सबसे ज्यादा जोर दे रहे हैं और यह युवाओं की शक्ति का ही नतीजा है कि उनकी आवाज को महत्व मिल रहा है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि युवा वर्ग किनके दावों व वादों पर विश्वास जताता है लेकिन युवाओं के लिए यह एक नई शुरुआत जरूर हो सकती है।

क्या है महागठबंधन का वादा और बीजेपी का जवाब
महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने घोषणापत्र में वादा किया गया है कि सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा और 20 महीने में भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। उनका कहना है कि महागठबंधन की सरकार बनने के 20 दिन के भीतर एक विधेयक लाकर हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं एनडीए ने तेजस्वी यादव की घोषणाओं को झूठ का पुलिंदा बताया है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह खोखले वादों का पुलिंदा है, जिसे बनाने वाले भी जानते हैं कि महागठबंधन की सरकार नहीं बननी है। महागठबंधन के घोषणा पत्र पर केंद्रीय मंत्री और HAM(S) के नेता जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव की क्या जवाबदेही है? अगर सत्ता में रहते तो अलग बात थी। ये जानते हैं कि इनको सत्ता में नहीं आना है।

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 2005 के पहले तेजस्वी के माता-पिता की सरकार थी, कितना पलायन रोका था? बल्कि बिहार में कानून- व्यवस्था की स्थिति इतनी खराब थी कि लोग मजबूरी में पलायन कर रहे थे। बहरहाल अब एनडीए और घटक दलों के घोषणा पत्र का इंतजार है कि वे युवाओं के लिए क्या घोषणाएं करते हैं? अगले कुछ दिनों में बीजेपी का घोषणापत्र जारी होगा।

नीतीश कुमार ने पेश किया नौकरी व रोजगार का रोडमैप
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए नौकरी व रोजगार का रोडमैप पेश करते हुए कहा कि हमारी सरकार के आगे के कार्यक्रमों में भी सबसे पहला निश्चय युवाओं को रोजगार देने का ही रहेगा। हमलोगों ने तय किया है कि अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार दिया जायेगा और हमलोग यह सुनिश्चित करेंगे कि राज्य के युवाओं को रोजगार के लिए अब मजबूरी में राज्य से बाहर नहीं जाना पड़े।

पिछले कुछ वर्षों में राज्य में औद्योगीकरण ने रफ्तार पकड़ी है। एनडीए की डबल इंजन सरकार की दुगुनी ताकत से राज्य में बड़े पैमाने पर उद्योग लगाये जायेंगे। 'मेक इन इंडिया' के तहत रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा हथियारों के उत्पादकों से समन्वय कर बिहार में रक्षा उपकरणों एवं हथियारों के निर्माण के लिये बिहार डिफेंस इन्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की जायेगी।

उपलब्धियां गिनाई
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के राज में वर्ष 2005 से पहले अशिक्षा, बेरोजगारी और पलायन बिहार की नियति बन गई थी। युवाओं की उच्च शिक्षा के लिए अच्छे संस्थान नहीं थे। नीतीश ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को राज्य में जब हम लोगों की सरकार बनी, तो सबसे पहले हमने शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया। राज्य में अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार प्राथमिकता रही है।

उन्होंने कहा कि 2005 से 2020 के बीच राज्य में 8 लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने की गति को और बढ़ाने के लिए वर्ष 2020 में हमने सात निश्चय-2 में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का संकल्प लिया था। सरकार इस पर लगातार काम कर रही है और वर्तमान तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। जहां तक रोजगार की बात है, 40 लाख लोगों को रोजगार दिया जा चुका है। उनका दावा है कि दोनों को मिलाकर 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दे दिया गया है।
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