नई दिल्ली: पूर्व सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच ने जेन स्ट्रीट मामले में 'रेगुलेटरी फेलियर' के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने इसे 'फर्जी नैरेटिव' बताया है। उन्होंने साफ किया कि सेबी ने वास्तव में अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच जेन स्ट्रीट की इंडेक्स हेरफेर की पहचान की थी। उसके खिलाफ कई ऐक्शन लिए। इसमें 'सीज-एंड-डेसिस्ट' आदेश भी शामिल है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा है कि सेबी अप्रैल 2024 से जेन स्ट्रीट मामले पर नजर रख रहा है। उन्होंने रेगुलेटरी फेलियर के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सेबी ने विदेशी हेज फंड जेन स्ट्रीट पर हेराफेरी के जरिए वायदा और विकल्प सौदों से 4,800 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त करने का आदेश दिया था। साथ ही, उसकी बाजार पहुंच को भी रोकने का आदेश पारित किया।
अप्रैल 2024 से थी सेबी की नजर
माधबी पुरी बुच ने मीडिया में आ रही खबरों के बाद एक लिखित बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी के अंतरिम आदेश के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। वे यह कह रहे हैं कि सेबी की ओर से नियामकीय विफलता हुई है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
बुच ने अपने बयान में कहा कि सेबी ने इस मामले की जांच अप्रैल 2024 में ही शुरू कर दी थी। नियामक ने कई कदम उठाए। इनमें इंडेक्स में हेरफेर की पहचान करना, सर्कुलर जारी करना और जेन स्ट्रीट को अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच कुछ खास 'ट्रेडिंग पैटर्न' को बंद करने और रोकने के लिए चेतावनी पत्र जारी करना शामिल था।
अक्टूबर 2024 में सेबी ने नीतिगत हस्तक्षेप भी शुरू किए। इसके बाद फरवरी 2025 में सेबी ने एनएसई को जेन स्ट्रीट को 'बंद करें एवं रोकें' पत्र जारी करने का निर्देश दिया। सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने इस साल मई में बाजार में हेरफेर के जरिये फायदा कमाने के लिए फिर से ट्रेडिंग गतिविधियां शुरू कीं। इसी वजह से सेबी ने यह आदेश जारी किया।
जेन स्ट्रीट ग्रुप की स्थापना 2000 में हुई थी। यह ग्लोबल 'ट्रेडिंग' कंपनी है। फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री में काम करती है। इसके अमेरिका, यूरोप और एशिया में पांच कार्यालय हैं। इसमें 2,600 से अधिक लोग काम करते हैं। यह 45 देशों में 'ट्रेडिंग' का संचालन करती है।
सेबी ने लिया है कड़ा एक्शन3 जुलाई को बाजार नियामक ने जेन स्ट्रीट पर विस्तृत जांच लंबित रहने तक व्यापक अंतरिम प्रतिबंध लगाए। जेन स्ट्रीट संस्थाओं को प्रतिभूति बाजारों तक पहुंचने से पूरी तरह बैन कर दिया गया है। साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों को खरीदने, बेचने या उनसे निपटने से मना किया गया है। नियामक ने 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को जब्त करने का भी आदेश दिया है। इसमें जेन स्ट्रीट को इस राशि को सेबी के पक्ष में ग्रहणाधिकार (लियन) वाले एक एस्क्रो खाते में जमा करने की जरूरत है। सभी बैंक खाते, डीमैट खाते और कस्टोडियल खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इसमें सेबी की अनुमति के बिना कोई डेबिट की अनुमति नहीं है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा है कि सेबी अप्रैल 2024 से जेन स्ट्रीट मामले पर नजर रख रहा है। उन्होंने रेगुलेटरी फेलियर के आरोपों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। सेबी ने विदेशी हेज फंड जेन स्ट्रीट पर हेराफेरी के जरिए वायदा और विकल्प सौदों से 4,800 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त करने का आदेश दिया था। साथ ही, उसकी बाजार पहुंच को भी रोकने का आदेश पारित किया।
अप्रैल 2024 से थी सेबी की नजर
माधबी पुरी बुच ने मीडिया में आ रही खबरों के बाद एक लिखित बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने जेन स्ट्रीट के खिलाफ सेबी के अंतरिम आदेश के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। वे यह कह रहे हैं कि सेबी की ओर से नियामकीय विफलता हुई है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
बुच ने अपने बयान में कहा कि सेबी ने इस मामले की जांच अप्रैल 2024 में ही शुरू कर दी थी। नियामक ने कई कदम उठाए। इनमें इंडेक्स में हेरफेर की पहचान करना, सर्कुलर जारी करना और जेन स्ट्रीट को अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच कुछ खास 'ट्रेडिंग पैटर्न' को बंद करने और रोकने के लिए चेतावनी पत्र जारी करना शामिल था।
अक्टूबर 2024 में सेबी ने नीतिगत हस्तक्षेप भी शुरू किए। इसके बाद फरवरी 2025 में सेबी ने एनएसई को जेन स्ट्रीट को 'बंद करें एवं रोकें' पत्र जारी करने का निर्देश दिया। सेबी के अनुसार, जेन स्ट्रीट ने इस साल मई में बाजार में हेरफेर के जरिये फायदा कमाने के लिए फिर से ट्रेडिंग गतिविधियां शुरू कीं। इसी वजह से सेबी ने यह आदेश जारी किया।
जेन स्ट्रीट ग्रुप की स्थापना 2000 में हुई थी। यह ग्लोबल 'ट्रेडिंग' कंपनी है। फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री में काम करती है। इसके अमेरिका, यूरोप और एशिया में पांच कार्यालय हैं। इसमें 2,600 से अधिक लोग काम करते हैं। यह 45 देशों में 'ट्रेडिंग' का संचालन करती है।
सेबी ने लिया है कड़ा एक्शन3 जुलाई को बाजार नियामक ने जेन स्ट्रीट पर विस्तृत जांच लंबित रहने तक व्यापक अंतरिम प्रतिबंध लगाए। जेन स्ट्रीट संस्थाओं को प्रतिभूति बाजारों तक पहुंचने से पूरी तरह बैन कर दिया गया है। साथ ही उन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों को खरीदने, बेचने या उनसे निपटने से मना किया गया है। नियामक ने 4,843.57 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को जब्त करने का भी आदेश दिया है। इसमें जेन स्ट्रीट को इस राशि को सेबी के पक्ष में ग्रहणाधिकार (लियन) वाले एक एस्क्रो खाते में जमा करने की जरूरत है। सभी बैंक खाते, डीमैट खाते और कस्टोडियल खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। इसमें सेबी की अनुमति के बिना कोई डेबिट की अनुमति नहीं है।
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