कोलकाता: सोनारपुर इलाके में एक हैरान कर देना वाला मामला सामने आया है। जहां लगभग 50 लोगों की भीड़ ने एक आवासीय सोसाइटी में घुसकर कस्टम इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी पर हमला कर दिया। यह घटना 23 अक्टूबर की रात हुई, जब आरोपी ऑटो ड्राइवर अज़ीजुल गाजी और उसके साथियों ने दीशारी मेगासिटी कॉन्डोमिनियम की चौथी मंजिल पर स्थित कुमार के फ्लैट में घुसकर हमला किया। उस समय उनके साथ उनकी चार वर्षीय बेटी भी मौजूद थी, जो यह सब देख बहुत डर गई।
पुलिस के मुताबिक, घटना की शुरुआत तब हुई जब प्रदीप कुमार अपनी SUV से घर लौट रहे थे। रास्ते में काली पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान उनकी गाड़ी हल्के से एक ऑटो से टकरा गई। ऑटो ड्राइवर अज़ीजुल गाजी से इस पर कहासुनी हो गई, जो कुछ ही मिनटों में हिंसक झगड़े में बदल गई। कुमार किसी तरह वहां से निकले और अपने आवासीय परिसर पहुंच गए, लेकिन आरोपी और उसके साथी उनके पीछे-पीछे वहां तक पहुंच गए। करीब रात 9:50 बजे, गाजी के साथ आई भीड़ दीशारी मेगासिटी के गेट पर पहुंची। दो सुरक्षा गार्डों को आसानी से काबू में करते हुए वे 350 मीटर अंदर तक पहुंच गए। कुछ लोग लिफ्ट से चौथी मंजिल तक गए, जबकि बाकी सीढ़ियों से भागते हुए ऊपर पहुंचे। उन्होंने फ्लैट 4B का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसकर प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी पर हमला कर दिया।
'लगा हमारी जान नहीं बच पाएगी'
प्रदीप कुमार ने बताया कि हम लगातार सोच रहे थे कि अब हमारी जान नहीं बचेगी। उन्होंने मेरे चेहरे और सिर पर कई वार किए। मेरी पत्नी ने बचाने की कोशिश की तो उसे भी धक्का दिया गया। कुमार को सिर, गले और ठोड़ी पर गंभीर चोटें आईं। बाद में उन्हें कल्याणी एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले के दौरान प्रदीप कुमार और सोसाइटी के अन्य निवासियों ने सोनारपुर थाने में कई बार फोन किया, लेकिन पुलिस की ओर से जवाब मिला कि काली पूजा विसर्जन ड्यूटी में सभी व्यस्त हैं। जब तक पुलिस पहुंची, करीब 40 मिनट बीत चुके थे और हमलावर फरार हो चुके थे।
आरोपियों को मिली जमानत
पुलिस ने ऑटो ड्राइवर अज़ीजुल गाजी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और डकैती, गंभीर चोट पहुंचाने, घुसपैठ और अवैध रोक जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया। हालांकि, ये सभी जमानती अपराध हैं, इसलिए गाजी अगले ही दिन रिहा हो गया। रविवार को उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें भी कुछ ही घंटों में जमानत मिल गई। दीशारी मेगासिटी रेजिडेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गौरा बोस ने बताया कि करीब 200 लोग सोसाइटी गेट पर जुट गए थे। करीब 50 लोग अंदर घुस आए और प्रदीप कुमार के फ्लैट तक पहुंच गए। सुरक्षा गार्ड कुछ नहीं कर सके।
पुलिस के मुताबिक, घटना की शुरुआत तब हुई जब प्रदीप कुमार अपनी SUV से घर लौट रहे थे। रास्ते में काली पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान उनकी गाड़ी हल्के से एक ऑटो से टकरा गई। ऑटो ड्राइवर अज़ीजुल गाजी से इस पर कहासुनी हो गई, जो कुछ ही मिनटों में हिंसक झगड़े में बदल गई। कुमार किसी तरह वहां से निकले और अपने आवासीय परिसर पहुंच गए, लेकिन आरोपी और उसके साथी उनके पीछे-पीछे वहां तक पहुंच गए। करीब रात 9:50 बजे, गाजी के साथ आई भीड़ दीशारी मेगासिटी के गेट पर पहुंची। दो सुरक्षा गार्डों को आसानी से काबू में करते हुए वे 350 मीटर अंदर तक पहुंच गए। कुछ लोग लिफ्ट से चौथी मंजिल तक गए, जबकि बाकी सीढ़ियों से भागते हुए ऊपर पहुंचे। उन्होंने फ्लैट 4B का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसकर प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी पर हमला कर दिया।
'लगा हमारी जान नहीं बच पाएगी'
प्रदीप कुमार ने बताया कि हम लगातार सोच रहे थे कि अब हमारी जान नहीं बचेगी। उन्होंने मेरे चेहरे और सिर पर कई वार किए। मेरी पत्नी ने बचाने की कोशिश की तो उसे भी धक्का दिया गया। कुमार को सिर, गले और ठोड़ी पर गंभीर चोटें आईं। बाद में उन्हें कल्याणी एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। हमले के दौरान प्रदीप कुमार और सोसाइटी के अन्य निवासियों ने सोनारपुर थाने में कई बार फोन किया, लेकिन पुलिस की ओर से जवाब मिला कि काली पूजा विसर्जन ड्यूटी में सभी व्यस्त हैं। जब तक पुलिस पहुंची, करीब 40 मिनट बीत चुके थे और हमलावर फरार हो चुके थे।
आरोपियों को मिली जमानत
पुलिस ने ऑटो ड्राइवर अज़ीजुल गाजी को शुक्रवार को गिरफ्तार किया और डकैती, गंभीर चोट पहुंचाने, घुसपैठ और अवैध रोक जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया। हालांकि, ये सभी जमानती अपराध हैं, इसलिए गाजी अगले ही दिन रिहा हो गया। रविवार को उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें भी कुछ ही घंटों में जमानत मिल गई। दीशारी मेगासिटी रेजिडेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गौरा बोस ने बताया कि करीब 200 लोग सोसाइटी गेट पर जुट गए थे। करीब 50 लोग अंदर घुस आए और प्रदीप कुमार के फ्लैट तक पहुंच गए। सुरक्षा गार्ड कुछ नहीं कर सके।
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