नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने वोटिंग के बाद मतों की गिनती में एकरूपता लाने के लिए अहम फैसला लिया है। आयोग ने तय किया है कि अगर पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों की संख्या अधिक है तो ईवीएम के अंतिम दो राउंड खत्म होने से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती खत्म करनी होगी। इसके बाद ईवीएम/वीवीपैट के बाकी बचे आखिरी दो राउंड की गिनती की जाएगी।
पहले डाक मतपत्रों की होगी गिनती
आयोग ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के पदभार संभालने के बाद चुनावी प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाने के लिए यह 30वीं पहल है। जिसमें डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम में पड़ी वोटों की गिनती से पहले खत्म करनी होगी। इसके पीछे आयोग ने तर्क दिया कि पिछले कुछ समय से दिव्यांग और 85 साल से अधिक की उम्र वाले मतदाताओं के घर से वोट देने की संख्या में बढ़ोतरी होते देख डाक मतपत्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
चुनाव आयोग ने बताया नया नियम क्या है
ऐसे में कई जगह ईवीएम में पड़ी वोटों की गिनती पहले हो जाती है जबकि पोस्टल बैलेट की गिनती चलती रहती है। क्योंकि, डाक मतपत्रों की गिनती मैनवली करनी होती है। जबकि सुबह वोटों की गिनती शुरू होने पर सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक का पहला आधा घंटा पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए ही रखा जाता है। लेकिन फिर भी पोस्टल बैलेट की बढ़ती संख्या से यह कई जगह शाम तक भी पूरी नहीं हो पाती।
इसलिए लिया गया ये फैसला
ऐसे में वोटों की गिनती में एकरूपता लाने के लिए यह तय किया गया है कि ईवीएम की गिनती खत्म होने से पहले उसके दो अंतिम राउंड की गिनती तब तक रोकी जाएगी। जब तक की पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हो जाती। इसके लिए जरूरत के मुताबिक मेन पावर बढ़ाने समेत काउंटिंग काउंटर भी बढ़ाए जाएं।
पहले डाक मतपत्रों की होगी गिनती
आयोग ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के पदभार संभालने के बाद चुनावी प्रक्रिया को और अधिक बेहतर बनाने के लिए यह 30वीं पहल है। जिसमें डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम में पड़ी वोटों की गिनती से पहले खत्म करनी होगी। इसके पीछे आयोग ने तर्क दिया कि पिछले कुछ समय से दिव्यांग और 85 साल से अधिक की उम्र वाले मतदाताओं के घर से वोट देने की संख्या में बढ़ोतरी होते देख डाक मतपत्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
चुनाव आयोग ने बताया नया नियम क्या है
ऐसे में कई जगह ईवीएम में पड़ी वोटों की गिनती पहले हो जाती है जबकि पोस्टल बैलेट की गिनती चलती रहती है। क्योंकि, डाक मतपत्रों की गिनती मैनवली करनी होती है। जबकि सुबह वोटों की गिनती शुरू होने पर सुबह 8 बजे से 8:30 बजे तक का पहला आधा घंटा पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए ही रखा जाता है। लेकिन फिर भी पोस्टल बैलेट की बढ़ती संख्या से यह कई जगह शाम तक भी पूरी नहीं हो पाती।
इसलिए लिया गया ये फैसला
ऐसे में वोटों की गिनती में एकरूपता लाने के लिए यह तय किया गया है कि ईवीएम की गिनती खत्म होने से पहले उसके दो अंतिम राउंड की गिनती तब तक रोकी जाएगी। जब तक की पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी नहीं हो जाती। इसके लिए जरूरत के मुताबिक मेन पावर बढ़ाने समेत काउंटिंग काउंटर भी बढ़ाए जाएं।
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