भोपाल: मालेगांव ब्लास्ट केस में भोपाल की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा को बरी कर दिया है। साथ ही सात अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया है। मालेगांव केस में साध्वी प्रज्ञा जेल में भी रही हैं। इस दौरान उन्हें थर्ड डिग्री यातनाएं दी गई थी। 2019 में एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने इसका जिक्र किया था कि कैसे दिन रात उनकी पिटाई होती थी।
रो पड़ती थीं साध्वी
साध्वी प्रज्ञा टॉर्चर की कहानी को याद कर आज भी सिहर जाती हैं। वह इस टॉर्चर के लिए पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को जिम्मेदार ठहराती हैं। उन्होंने एक चुनावी सभा में कहा था कि दिन और रात में मेरी पिटाई होती थी। मुझे सोने नहीं दिया जाता था। बेल्ट में मुठ लगी होती थी और उसी से हमारी पिटाई होती थी। साध्वी उन पलों को याद करते हुए फफक पड़ती थीं।
गंदी-गंदी गालियां दी जाती थी
इसके साथ ही साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि पिटाई के दौरान उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी जाती थी। यही नहीं कि उन्हें कहा था कि पिटने वाले लोग बदल जाते थे लेकिन मैं अकेले रह जाती थी। वे लोग मुझसे झूठे आरोप कबूल करवाना चाहते थे। वे लोग ऐसी गालियां देते थे, जिसे कोई स्त्री सुन नहीं सकती।
शरीर में आ गए थे सूजर
यही नहीं, साध्वी प्रज्ञा के अनुसार उनकी इतनी पिटाई हुई थी कि पूरे शरीर में सूजन आ गया था। साथ ही कई हिस्सों में आज भी दर्द है, जिसका इलाज चल रहा है। साध्वी प्रज्ञा बीच-बीच में अपने स्वास्थ्य को लेकर अपडेट करवाते रहती हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने अपनी तस्वीर शेयर की थी, जिसमें चेहरे में सूजन दिख रहा था।
24 दिन तकनहीं दिया खाया खाना
साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि 24 दिन तक उन्हें खाना नहीं दिया गया था। सिर्फ पानी दिया गया था। बेल्ट से पिटाई के बाद मेरा पूरा नर्वस सिस्टम ढीला पड़ जाता था। उन्होंने मंच से कहा था कि कोई और बहन इस पीड़ा का सामना नहीं करे। साध्वी प्रज्ञा की पिटाई उल्टा लटकाकर पिटाई होती थी। मेरे हाथ फट जाते थे। गर्म पानी में नमक डालकर उसमें हमारे हाथों को डूबो देते थे। इसके बाद फिर पिटाई होती थी। मुझे नहीं पता था कि इसका कारण क्या है। वह मुझसे कहलवाना चाहते थे कि तुमने यह ब्लास्ट किया है और मुस्लिमों को मारा है।
गौरतलब है कि अब मालेगांव ब्लास्ट में फैसला आ गया है। साध्वी प्रज्ञा बरी हो गई हैं। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
रो पड़ती थीं साध्वी
साध्वी प्रज्ञा टॉर्चर की कहानी को याद कर आज भी सिहर जाती हैं। वह इस टॉर्चर के लिए पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को जिम्मेदार ठहराती हैं। उन्होंने एक चुनावी सभा में कहा था कि दिन और रात में मेरी पिटाई होती थी। मुझे सोने नहीं दिया जाता था। बेल्ट में मुठ लगी होती थी और उसी से हमारी पिटाई होती थी। साध्वी उन पलों को याद करते हुए फफक पड़ती थीं।
गंदी-गंदी गालियां दी जाती थी
इसके साथ ही साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि पिटाई के दौरान उन्हें गंदी-गंदी गालियां दी जाती थी। यही नहीं कि उन्हें कहा था कि पिटने वाले लोग बदल जाते थे लेकिन मैं अकेले रह जाती थी। वे लोग मुझसे झूठे आरोप कबूल करवाना चाहते थे। वे लोग ऐसी गालियां देते थे, जिसे कोई स्त्री सुन नहीं सकती।
शरीर में आ गए थे सूजर
यही नहीं, साध्वी प्रज्ञा के अनुसार उनकी इतनी पिटाई हुई थी कि पूरे शरीर में सूजन आ गया था। साथ ही कई हिस्सों में आज भी दर्द है, जिसका इलाज चल रहा है। साध्वी प्रज्ञा बीच-बीच में अपने स्वास्थ्य को लेकर अपडेट करवाते रहती हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने अपनी तस्वीर शेयर की थी, जिसमें चेहरे में सूजन दिख रहा था।
24 दिन तकनहीं दिया खाया खाना
साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि 24 दिन तक उन्हें खाना नहीं दिया गया था। सिर्फ पानी दिया गया था। बेल्ट से पिटाई के बाद मेरा पूरा नर्वस सिस्टम ढीला पड़ जाता था। उन्होंने मंच से कहा था कि कोई और बहन इस पीड़ा का सामना नहीं करे। साध्वी प्रज्ञा की पिटाई उल्टा लटकाकर पिटाई होती थी। मेरे हाथ फट जाते थे। गर्म पानी में नमक डालकर उसमें हमारे हाथों को डूबो देते थे। इसके बाद फिर पिटाई होती थी। मुझे नहीं पता था कि इसका कारण क्या है। वह मुझसे कहलवाना चाहते थे कि तुमने यह ब्लास्ट किया है और मुस्लिमों को मारा है।
गौरतलब है कि अब मालेगांव ब्लास्ट में फैसला आ गया है। साध्वी प्रज्ञा बरी हो गई हैं। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
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