हमेशा से थी बिजनेस करने की इच्छा
अंकित साहनी 35 साल के हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के पलिया में हुआ था। अंकित के पिता हरविंदर कुमार साहनी पहले एक राइस मिल और फैक्ट्री चलाते थे। बाद में वह राजनीति में आ गए। वह चाहते थे कि अंकित अच्छी शिक्षा प्राप्त करें। हालांकि, अंकित हमेशा से बिजनेस करना चाहते थे। उन्होंने रियल एस्टेट कंपनी में काम करके बिजनेस की बारीकियां सीखीं। हालांकि, बाद में अपना कैफे शुरू करने का फैसला किया। अंकित ने अपनी स्कूली शिक्षा बिरला विद्या मंदिर और जीडी गोयनका वर्ल्ड स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय से इकनॉमिक्स में बीए ऑनर्स किया।
पिता को अपने फैसले से किया हैरान
ग्रेजुएशन के बाद अंकित ने 2011 में इन्वेस्टर्स क्लिनिक नाम की एक रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म में 25,000 रुपये के शुरुआती वेतन पर काम किया। वहां उन्होंने रियल एस्टेट सेल्स की गहरी समझ हासिल की। 2012 में लखनऊ लौटने के बाद वह परिवार के रियल एस्टेट व्यवसाय में शामिल हो गए और प्रीमियम आवासीय अपार्टमेंट परियोजनाओं को सफलतापूर्वक संभाला। सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन, अंकित का मन हमेशा एक कैफे का मालिक बनने का सपना देखता था। जब उन्होंने यह विचार अपने पिता के साथ साझा किया तो वह हैरान रह गए कि अंकित जमे-जमाए रियल एस्टेट व्यवसाय को छोड़कर कुछ नया शुरू करना चाहते हैं। चार साल तक रियल एस्टेट में रहने के बाद अंकित ने आखिरकार इंप्रेसारियो (मोचा और सोशल जैसे ब्रांडों को चलाने वाली कंपनी) की फ्रेंचाइजी लेने का बड़ा फैसला लिया, जो उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
आसान नहीं था ये सफर
फूड और बेवरेज (F&B) सेक्टर में यह बदलाव अंकित के लिए आसान नहीं था। उन्हें नए सिरे से शुरुआत करनी पड़ी और मैनपावर को संभालने की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अंकित को बहुत सारे फूड टेस्ट करने पड़ते थे, जिससे उनका वजन पहले 7-8 महीनों में 20 किलो बढ़ गया। उन्हें यह भी एहसास हुआ कि सही लोगों का मिलना बहुत मुश्किल है। इन चुनौतियों के बावजूद अंकित ने 20 फरवरी, 2019 को लखनऊ में 4,000 वर्ग फीट के किराए के स्थान पर THF का पहला आउटलेट खोला। उनके छोटे भाई बादल साहनी अब उत्पादन और बैक-एंड संचालन को संभालते हैं, जबकि अंकित खुद कंपनी के संचालन, मार्केटिंग, ब्रांडिंग और विस्तार की देखरेख करते हैं।
तेजी से हो रहा है विस्तार
THF ने लगभग 150 उत्पादों के साथ शुरुआत की थी। अब यह 500 से ज्यादा उत्पादों को संभालती है, जो रोजाना तैयार किए जाते हैं। कंपनी अपनी मिठाइयों में खोया (मावा) का इस्तेमाल नहीं करती। बेचे न जाने वाले केक को 18 घंटे के बाद फेंक देती है, जो क्वालिटी के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। कोरोना महामारी के कारण तीन आउटलेट बंद करने पड़े, लेकिन उन्होंने वापसी की और अब हर तिमाही में तीन से चार नए आउटलेट खोल रहे हैं। हाल ही में THF ने बीकाजी इंटरनेशनल फूड को 51% हिस्सेदारी बेचकर 131 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे उसके विस्तार की योजनाएं और मजबूत हुई हैं। अंकित साहनी की कहानी उन महत्वाकांक्षी उद्यमियों के लिए प्रेरणा है जो अपने जुनून का पीछा करने और चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने का साहस करते हैं।
You may also like
PM Kisan Yojana: जुलाई महीने की इस तारीख को जारी हो सकती हैं पीएम किसाने योजना की 20वीं किस्त
सीएम फडणवीस ने 'सिंदूर ब्रिज' का किया उद्घाटन, बोले- 'गुलामी की निशानी को हटा रहे हैं'
कराईकल अम्माइयार का भव्य मंगनी उत्सव, भक्तों ने किए भगवान शिव के दर्शन
'किस किस के पीरियड्स आ रहे हैं?', टॉयलेट में मिले खून के धब्बे, तो उतरवा लिए छात्राओं के कपड़े, स्कूल में शर्मनाक हरकत
भूकंप से कांपी दिल्ली! 4.4 तीव्रता के झटके ने लोगों को किया दहशत में...