Canada PR Jobs: कनाडा में परमानेंट रेजिडेंसी (PR) पाने की प्लानिंग कर रहे लोगों के लिए गुड न्यूज है। यहां पर कई सारी कंपनियां हैं, जो इस वक्त लोगों की हायरिंग कर रही हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि अगर आपको जॉब मिलती है, तो फिर आप कनाडा के एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के तहत PR के लिए कैटेगरी बेस्ड-सेलेक्शन का हिस्सा बन सकते हैं। अगर आपके पास छह महीने का वर्क एक्सपीरियंस भी है, तो आप कैटेगरी-बेस्ड सेलेक्शन का हिस्सा बनकर PR पा सकते हैं।
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ऐसे में आइए उन कंपनियों के बारे में जानते हैं, जिनमें नौकरी मिलने से आपके PR पाने के चांस बढ़ जाएंगे। साथ ही जानते हैं कि इन कंपनियों ने किन पोस्ट पर वैकेंसी निकाली है। इसके अलावा कनाडा के PR देने वाले एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम और कैटेगरी-बेस्ड सेलेक्शन को विस्तार के साथ समझते हैं।
किन कंपनियों में हो रही हायरिंग?
कनाडा में स्किल वर्कर्स को एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के तहत PR दिया जाता है। इसमें कैटेगरी-बेस्ड सेलेक्शन के जरिए उम्मीदवारों का चुनाव होता है। ये एक ड्रॉ वाला सिस्टम है। सबसे पहले आपको कैटेगरी के लिए तय किए गए नियमों और एक्सप्रेस एंट्री के सामान्य नियमों को पूरा करना होगा। कैटेगरी-बेस्ड ड्रॉ के लिए आपके पास ऊपर बताई गईं जॉब्स में से किसी एक में छह महीने का वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिए। कनाडा से बाहर का वर्क एक्सपीरियंस होने पर भी काम चल जाएगा।
एक्सप्रेस एंट्री के लिए भी कुछ सामान्य नियम होते हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी है। इसमें तीन फेडरल इमिग्रेशन प्रोग्राम में से किसी एक के लिए योग्य होना शामिल है, जो फेडरल स्किल्ड वर्कर प्रोग्राम (FSWP), फेडरल स्किल्ड ट्रेड्स प्रोग्राम (FSTP) या कैनेडियन एक्सपीरियंस क्लास (CEC) हैं। इसके अलावा, आपको IRCC के Ministerial Instructions पेज पर दिए गए सभी नियमों को भी पूरा करना होगा। आमतौर पर ऊपर बताई गई जॉब FSWP और FSTP प्रोग्राम के जरिए मिल जाती हैं।
जब कैटेगरी-आधारित ड्रॉ होता है, तो उस पूल में मौजूद उम्मीदवारों को कैटेगरी की जरूरतों के हिसाब से छांटा जाता है। फिर उन्हें एक्सप्रेस एंट्री के कॉम्प्रिहेंसिव रैंकिंग सिस्टम (CRS) के आधार पर रैंक किया जाता है। हर उम्मीदवार को उसकी उम्र, एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस के आधार पर अलग-अलग CRS स्कोर मिलते हैं। जिन उम्मीदवारों का CRS स्कोर कट-ऑफ स्कोर से ज्यादा होता है, उन्हें PR के लिए अप्लाई करने का न्योता भेजा जाता है।
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ऐसे में आइए उन कंपनियों के बारे में जानते हैं, जिनमें नौकरी मिलने से आपके PR पाने के चांस बढ़ जाएंगे। साथ ही जानते हैं कि इन कंपनियों ने किन पोस्ट पर वैकेंसी निकाली है। इसके अलावा कनाडा के PR देने वाले एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम और कैटेगरी-बेस्ड सेलेक्शन को विस्तार के साथ समझते हैं।
किन कंपनियों में हो रही हायरिंग?
- गूगल: साइबर सिक्योरिटी स्पेशलिस्ट
- माइक्रोसॉफ्ट: साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनिय
- द हर्शे कंपनी: इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रीशियन
- पार्क्स कनाडा: बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन
- फिशरीज एंड ओशंस कनाडा: सिविल इंजीनियर, कुक
- बीसी हाइड्रो: सिविल इंजीनियर, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर
- ओपनटेक्स्ट: साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स
- चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल ऑफ ईस्टर्न ओंटारियो: नर्सिंग सहायक, नर्स प्रैक्टिशनर, फार्मासिस्ट
- द को-ऑपरेटर्स: इंश्योरेंस एजेंट
- वर्कर्स कंपनसेशन बोर्ड ऑफ अल्बर्टा: फिजिशियन असिस्टेंट, फिजियोथेरेपिस्ट
- टेस्ला: इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर, मैकेनिकल इंजीनियर
- फोर्टिस: इंडस्ट्रियल इंजीनियर, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रीशियन
- एग्निको ईगल: कंस्ट्रक्शन मिलराइट, हेवी-ड्यूटी इक्विपमेंट मैकेनिक
कनाडा में स्किल वर्कर्स को एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम के तहत PR दिया जाता है। इसमें कैटेगरी-बेस्ड सेलेक्शन के जरिए उम्मीदवारों का चुनाव होता है। ये एक ड्रॉ वाला सिस्टम है। सबसे पहले आपको कैटेगरी के लिए तय किए गए नियमों और एक्सप्रेस एंट्री के सामान्य नियमों को पूरा करना होगा। कैटेगरी-बेस्ड ड्रॉ के लिए आपके पास ऊपर बताई गईं जॉब्स में से किसी एक में छह महीने का वर्क एक्सपीरियंस होना चाहिए। कनाडा से बाहर का वर्क एक्सपीरियंस होने पर भी काम चल जाएगा।
एक्सप्रेस एंट्री के लिए भी कुछ सामान्य नियम होते हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी है। इसमें तीन फेडरल इमिग्रेशन प्रोग्राम में से किसी एक के लिए योग्य होना शामिल है, जो फेडरल स्किल्ड वर्कर प्रोग्राम (FSWP), फेडरल स्किल्ड ट्रेड्स प्रोग्राम (FSTP) या कैनेडियन एक्सपीरियंस क्लास (CEC) हैं। इसके अलावा, आपको IRCC के Ministerial Instructions पेज पर दिए गए सभी नियमों को भी पूरा करना होगा। आमतौर पर ऊपर बताई गई जॉब FSWP और FSTP प्रोग्राम के जरिए मिल जाती हैं।
जब कैटेगरी-आधारित ड्रॉ होता है, तो उस पूल में मौजूद उम्मीदवारों को कैटेगरी की जरूरतों के हिसाब से छांटा जाता है। फिर उन्हें एक्सप्रेस एंट्री के कॉम्प्रिहेंसिव रैंकिंग सिस्टम (CRS) के आधार पर रैंक किया जाता है। हर उम्मीदवार को उसकी उम्र, एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस के आधार पर अलग-अलग CRS स्कोर मिलते हैं। जिन उम्मीदवारों का CRS स्कोर कट-ऑफ स्कोर से ज्यादा होता है, उन्हें PR के लिए अप्लाई करने का न्योता भेजा जाता है।
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