Indian Students in US: अमेरिका में पढ़ने का ख्वाब देखने वाले भारतीय छात्रों की संख्या लाखों में है। हर साल हजारों छात्र अमेरिका में हायर एजुकेशन के लिए जाते भी हैं। ये वो लोग जिन्हें लकी कहा जा सकता है, क्योंकि उन्हें स्टूडेंट वीजा मिल गया। लेकिन बहुत से ऐसे छात्र भी हैं, जिन्हें अमेरिका में एडमिशन तो मिल जाता है, लेकिन उन्हें स्टूडेंट वीजा नहीं मिल पाता। वीजा ऑफिसर कई बार अपने मन से ही वीजा रिजेक्ट कर देते हैं, जिस वजह से कई भारतीयों का अमेरिका में पढ़ने का सपना टूट जाता है।
ऐसा ही कुछ एक भारतीय छात्र के साथ हुआ, जिसके बाद उसने अपना दुख शेयर किया और कहा कि उसने डिग्री की जगह अपना आत्मसम्मान चुना। भारतीय छात्र ने बताया कि वीजा प्रोसेस में उसने लाखों रुपये लगाए। इसके बाद भी उसे वीजा देने से इनकार कर दिया गया। भारतीय छात्र ने कहा, 'मैंने एक सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन खर्च कर दिया। इसलिए अब मैंने काम करते रहने का फैसला किया। अब डिग्री से ज्यादा अपनी शांति और आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दी है।'
एडमिशन के बाद भी रिजेक्ट हुआ वीजा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक पोस्ट में भारतीय छात्र ने स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन का दर्द साझा किया है। उसने 'अमेरिका में पढ़ने की कोशिश करने का अनुभव' नाम से एक पोस्ट किया। इसमें उसने कहा, 'मुझे अमेरिका में फॉल 2025 में कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम में पढ़ने के लिए टॉप-15 यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला। F-1 फ्रीज की वजह से मुझे वीजा अप्वाइंटमेंट भी नहीं मिल सका और इस तरह पढ़ने का प्लान स्प्रिंग 2026 तक पोस्टपोन करना पड़ा। इस बार मुझे वीजा अप्वाइंटमेंट भी मिल चुका है।'
भारतीय छात्र ने आगे कहा, 'मैं बायोमेट्रिक और इंटरव्यू देने के लिए गया। लेकिन मेरा स्टूडेंट वीजा सेक्शन 214(b) के तहत रिजेक्ट कर दिया गया। इसका मतलब था कि मैं नॉन-इमिग्रेंट इंटेट दिखाने में फेल हो गया।' सेक्शन 214(b) के तहत रिजेक्शन का मतलब है कि स्टूडेंट पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका छोड़कर नहीं जाना चाहता है। वीजा इंटरव्यू के दौरान साबित करना पड़ता है कि आप डिग्री लेने के बाद यूएस छोड़कर जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो फिर वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है।
तीन घंटे लाइन में खड़ा रखकर कर दिया वीजा रिजेक्ट
अपनी पोस्ट में छात्र ने कहा, 'मुझे ठगा हुआ और घोर अपमान का एहसास हुआ। मेरे पास एक ऐसे कॉलेज से डिग्री है, जिसका मेरे आस-पास के सभी लोग सम्मान करते हैं और मेरी नौकरी भी वैसी ही है। एक तथाकथित अधिकारी द्वारा मुझे तीन घंटे लाइन में खड़ा रखने के बाद, अमेरिका में पढ़ाई के लिए अयोग्य कहना भी बहुत बुरा लगा।' अमेरिकी कानून के तहत वीजा ऑफिसर के पास अधिकार है कि वह वीजा को किसी भी सूरत में रिजेक्ट कर सकता है। इसे लेकर कोई गाइडलाइंस भी नहीं है।
भारतीय छात्र ने कहा कि वीजा देने के सिस्टम में सुधार होना चाहिए, क्योंकि पूरा एप्लिकेशन प्रोसेस काफी महंगा होता है। वीजा रिजेक्शन अपील का सिस्टम भी होना चाहिए, ताकि चीजें पारदर्शी हो सकें। छात्र ने आगे कहा कि अगर कोई 600 डॉलर वीजा के लिए अप्लाई कर रहा है, तो उन्हें कम से कम ये मालूम होना चाहिए कि उनका वीजा क्यों रिजेक्ट किया गया। उन्हें सिर्फ एक स्लिप दे दिया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वीजा रिजेक्ट कर दिया गया है। इसमें कोई अन्य जानकारी भी नहीं होती है।
डिग्री से ज्यादा आत्म-सम्मान को दी प्राथमिकता
पोस्ट में भारतीय छात्र ने कहा, 'मैंने एक खोखले सपने को पूरा करने में काफी समय और संसाधन खर्च कर दिए हैं। मेरे पास एक अच्छी-खासी नौकरी है, एक मददगार परिवार है। लगातार बढ़ते विदेशी-द्वेष, कम होते रोजगार के अवसरों और पाबंदियों के बीच, मैंने काम करते रहने का फैसला किया है। साथ ही डिग्री से ज्यादा अपनी शांति और इजात-आत्मसम्मान को प्राथमिकता दी है।' उसने अन्य छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आपको ये देख लेना चाहिए कि क्या आप सच में अमेरिका में पढ़ना चाहते हैं।
ऐसा ही कुछ एक भारतीय छात्र के साथ हुआ, जिसके बाद उसने अपना दुख शेयर किया और कहा कि उसने डिग्री की जगह अपना आत्मसम्मान चुना। भारतीय छात्र ने बताया कि वीजा प्रोसेस में उसने लाखों रुपये लगाए। इसके बाद भी उसे वीजा देने से इनकार कर दिया गया। भारतीय छात्र ने कहा, 'मैंने एक सपने को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय और संसाधन खर्च कर दिया। इसलिए अब मैंने काम करते रहने का फैसला किया। अब डिग्री से ज्यादा अपनी शांति और आत्म-सम्मान को प्राथमिकता दी है।'
एडमिशन के बाद भी रिजेक्ट हुआ वीजा
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक पोस्ट में भारतीय छात्र ने स्टूडेंट वीजा रिजेक्शन का दर्द साझा किया है। उसने 'अमेरिका में पढ़ने की कोशिश करने का अनुभव' नाम से एक पोस्ट किया। इसमें उसने कहा, 'मुझे अमेरिका में फॉल 2025 में कंप्यूटर साइंस प्रोग्राम में पढ़ने के लिए टॉप-15 यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला। F-1 फ्रीज की वजह से मुझे वीजा अप्वाइंटमेंट भी नहीं मिल सका और इस तरह पढ़ने का प्लान स्प्रिंग 2026 तक पोस्टपोन करना पड़ा। इस बार मुझे वीजा अप्वाइंटमेंट भी मिल चुका है।'
भारतीय छात्र ने आगे कहा, 'मैं बायोमेट्रिक और इंटरव्यू देने के लिए गया। लेकिन मेरा स्टूडेंट वीजा सेक्शन 214(b) के तहत रिजेक्ट कर दिया गया। इसका मतलब था कि मैं नॉन-इमिग्रेंट इंटेट दिखाने में फेल हो गया।' सेक्शन 214(b) के तहत रिजेक्शन का मतलब है कि स्टूडेंट पढ़ाई पूरी करने के बाद अमेरिका छोड़कर नहीं जाना चाहता है। वीजा इंटरव्यू के दौरान साबित करना पड़ता है कि आप डिग्री लेने के बाद यूएस छोड़कर जाएंगे। अगर ऐसा नहीं हो पाता है, तो फिर वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है।
तीन घंटे लाइन में खड़ा रखकर कर दिया वीजा रिजेक्ट
अपनी पोस्ट में छात्र ने कहा, 'मुझे ठगा हुआ और घोर अपमान का एहसास हुआ। मेरे पास एक ऐसे कॉलेज से डिग्री है, जिसका मेरे आस-पास के सभी लोग सम्मान करते हैं और मेरी नौकरी भी वैसी ही है। एक तथाकथित अधिकारी द्वारा मुझे तीन घंटे लाइन में खड़ा रखने के बाद, अमेरिका में पढ़ाई के लिए अयोग्य कहना भी बहुत बुरा लगा।' अमेरिकी कानून के तहत वीजा ऑफिसर के पास अधिकार है कि वह वीजा को किसी भी सूरत में रिजेक्ट कर सकता है। इसे लेकर कोई गाइडलाइंस भी नहीं है।
भारतीय छात्र ने कहा कि वीजा देने के सिस्टम में सुधार होना चाहिए, क्योंकि पूरा एप्लिकेशन प्रोसेस काफी महंगा होता है। वीजा रिजेक्शन अपील का सिस्टम भी होना चाहिए, ताकि चीजें पारदर्शी हो सकें। छात्र ने आगे कहा कि अगर कोई 600 डॉलर वीजा के लिए अप्लाई कर रहा है, तो उन्हें कम से कम ये मालूम होना चाहिए कि उनका वीजा क्यों रिजेक्ट किया गया। उन्हें सिर्फ एक स्लिप दे दिया जाता है, जिसमें लिखा होता है कि वीजा रिजेक्ट कर दिया गया है। इसमें कोई अन्य जानकारी भी नहीं होती है।
डिग्री से ज्यादा आत्म-सम्मान को दी प्राथमिकता
पोस्ट में भारतीय छात्र ने कहा, 'मैंने एक खोखले सपने को पूरा करने में काफी समय और संसाधन खर्च कर दिए हैं। मेरे पास एक अच्छी-खासी नौकरी है, एक मददगार परिवार है। लगातार बढ़ते विदेशी-द्वेष, कम होते रोजगार के अवसरों और पाबंदियों के बीच, मैंने काम करते रहने का फैसला किया है। साथ ही डिग्री से ज्यादा अपनी शांति और इजात-आत्मसम्मान को प्राथमिकता दी है।' उसने अन्य छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आपको ये देख लेना चाहिए कि क्या आप सच में अमेरिका में पढ़ना चाहते हैं।
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