ब्लू-कॉलर जॉब? मन में सवाल उठ रहा है कि ये कौन-सी जॉब हैं तो बता दें कि श्रम से जुड़ी नौकरियां ब्लू-कॉलर जॉब कहलाती हैं। पर इन जॉब में एआई का क्या काम? आप यही सोच रहे हैं तो गलत सोच रहे हैं। इन नौकरियों में भी एआई ने कई नए मौके बना दिए हैं। एआई स्किल ब्लू-कॉलर जॉब वाले वर्कर्स के लिए टूल का काम कर रहा है।
एआई वो टूल है जो ब्लू-कॉलर वर्कर्स को प्रोडक्टिविटी और एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करता है। एआई के साथ ये वर्कर्स उन कामों को ऑटोमेटिक तरीके से कर पाते हैं, जिनमें मैनुअली लगना पड़ता था। इन वर्कर्स को एआई स्किल्स के साथ और ज्यादा मौके भी मिल सकते हैं। वह एआई डेवलेपमेंट और मेंटेनेंस में भी करियर की राह तलाश सकते हैं। करियर में आगे बढ़ना है? AI का हुनर सीखिए NBT Upskill's AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप में।
ब्लू-कॉलर जॉब कौन-सी होती हैं?ब्लू-कॉलर जॉब के बारे में समझने से पहले ये समझना भी जरूरी है कि इस जॉब ऑप्शन क्या-क्या हैं-
मैन्युफैक्चरिंग में मशीन ऑपरेटर्स, वेल्डर्स, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर
एनर्जी और यूटिलिटी में लाइन वर्कर्स, पावर प्लांट ऑपरेटर्स, गैस फिटर्स
टेलीकम्युनीकेशन में नेटवर्क टेक्नीशियन, टावर क्लाइम्बर्स
मशीनरी और प्लांट इंजीनियरिंग में मशीन टेक्नीशियन, सर्विस स्पेशलिस्ट
बिल्डिंग और फैसिलिटी मैनेजमेंट में बिल्डिंग मेंटेनेंस टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन
आईटी और इलेक्ट्रोनिक में आईटी हार्डवेयर इंस्टालर और टेक्नीशियन
फूड और बेवरेजेस में प्रोडक्शन लाइन वर्कर्स, क्वालिटी इंस्पेक्टर, मेंटेनेंस स्टाफ
एफिशिएंसी बढ़ेगीएआई एफिशिएंसी बढ़ाने का काम कर सकता है। यह मैकेनिक्स को डायग्नॉस्टिक में, कंस्ट्रक्शन के लिए प्रोजेक्ट प्लानिंग में और इन्वेंटरी मैनेजमेंट में भी खूब मदद कर सकता है। एआई इस तरह से वर्कर्स का समय बचाता है और एफिशिएंसी भी बढ़ती है। इससे वर्कर्स बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं।
नौकरी जाने का जोखिम कमएआई टूल्स के साथ सेफ्टी मॉनिटरिंग भी आसान हो जाती है। इससे वर्कर्स को रियल टाइम डाटा मिलता है और जॉब का जोखिम भी कम होता है। दरअसल कई ब्लू-कॉलर जॉब में वर्कर्स के लिए सेफ्टी का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है।एआई सेफ्टी से जुड़े हार्डवेयर और मशीनरी की मॉनिटरिंग आसान बनता है तो वर्कर्स की सेफ्टी के लिए थोडा और निश्चिंत हुआ जा सकता है। इसका असर उनकी जॉब पर साफ नजर आता है।
ट्रेनिंगएआई-पावर्डसिस्टम ट्रेनिंग में असिस्ट कर सकता है। इसमें कोपायलट मिलता है जिससे गाइडेंस, ट्रबलशूटिंग और अलग-अलग जगहों के हिसाब से ट्रांसलेशन सर्विस भी मिल जाती है। इससे वर्कर के लिए आरामदायक माहौल तैयार होता है।
ज्यादा पेमेंट और प्रोमोशनटूल के तौर पर एआई आपको ज्यादा पेमेंट और प्रोमोशन के योग्य बना सकता है। यह एक नया करियर बन सकता है क्योंकि इस तरह से वर्कर्स को दूसरों के मुकाबले ज्यादा कुशल माना जाएगा।
एआई के साथ नए मौकेएआई कैसे बदल रहा है? इसमें क्या-क्या सुधार किए जा रहे हैं? और समय के साथ इसका दुरुपयोग कैसे होने लगा है? जैसे सभी जवाब आपको पता होने चाहिए। इनके साथ आप अपडेट रह पाएंगे और हर तरह के जॉब ऑप्शन के लिए आपको तैयार भी माना जाएगा। एआई के साथ नए मौके भी सामने आ रहे हैं। मशीन लर्निंग इंजीनियर्स, डाटा साइंटिस्ट और एआई एथिक्स स्पेशलिस्ट, जैसी नौकरियों के दरवाजे एआई स्किल्स के साथ आसानी से खुल सकते हैं।
एआई वो टूल है जो ब्लू-कॉलर वर्कर्स को प्रोडक्टिविटी और एफिशिएंसी बढ़ाने में मदद करता है। एआई के साथ ये वर्कर्स उन कामों को ऑटोमेटिक तरीके से कर पाते हैं, जिनमें मैनुअली लगना पड़ता था। इन वर्कर्स को एआई स्किल्स के साथ और ज्यादा मौके भी मिल सकते हैं। वह एआई डेवलेपमेंट और मेंटेनेंस में भी करियर की राह तलाश सकते हैं। करियर में आगे बढ़ना है? AI का हुनर सीखिए NBT Upskill's AI से करियर ग्रोथ वर्कशॉप में।
ब्लू-कॉलर जॉब कौन-सी होती हैं?ब्लू-कॉलर जॉब के बारे में समझने से पहले ये समझना भी जरूरी है कि इस जॉब ऑप्शन क्या-क्या हैं-
मैन्युफैक्चरिंग में मशीन ऑपरेटर्स, वेल्डर्स, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर
एनर्जी और यूटिलिटी में लाइन वर्कर्स, पावर प्लांट ऑपरेटर्स, गैस फिटर्स
टेलीकम्युनीकेशन में नेटवर्क टेक्नीशियन, टावर क्लाइम्बर्स
मशीनरी और प्लांट इंजीनियरिंग में मशीन टेक्नीशियन, सर्विस स्पेशलिस्ट
बिल्डिंग और फैसिलिटी मैनेजमेंट में बिल्डिंग मेंटेनेंस टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन
आईटी और इलेक्ट्रोनिक में आईटी हार्डवेयर इंस्टालर और टेक्नीशियन
फूड और बेवरेजेस में प्रोडक्शन लाइन वर्कर्स, क्वालिटी इंस्पेक्टर, मेंटेनेंस स्टाफ
एफिशिएंसी बढ़ेगीएआई एफिशिएंसी बढ़ाने का काम कर सकता है। यह मैकेनिक्स को डायग्नॉस्टिक में, कंस्ट्रक्शन के लिए प्रोजेक्ट प्लानिंग में और इन्वेंटरी मैनेजमेंट में भी खूब मदद कर सकता है। एआई इस तरह से वर्कर्स का समय बचाता है और एफिशिएंसी भी बढ़ती है। इससे वर्कर्स बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं।
नौकरी जाने का जोखिम कमएआई टूल्स के साथ सेफ्टी मॉनिटरिंग भी आसान हो जाती है। इससे वर्कर्स को रियल टाइम डाटा मिलता है और जॉब का जोखिम भी कम होता है। दरअसल कई ब्लू-कॉलर जॉब में वर्कर्स के लिए सेफ्टी का ध्यान रखना भी जरूरी हो जाता है।एआई सेफ्टी से जुड़े हार्डवेयर और मशीनरी की मॉनिटरिंग आसान बनता है तो वर्कर्स की सेफ्टी के लिए थोडा और निश्चिंत हुआ जा सकता है। इसका असर उनकी जॉब पर साफ नजर आता है।
ट्रेनिंगएआई-पावर्डसिस्टम ट्रेनिंग में असिस्ट कर सकता है। इसमें कोपायलट मिलता है जिससे गाइडेंस, ट्रबलशूटिंग और अलग-अलग जगहों के हिसाब से ट्रांसलेशन सर्विस भी मिल जाती है। इससे वर्कर के लिए आरामदायक माहौल तैयार होता है।
ज्यादा पेमेंट और प्रोमोशनटूल के तौर पर एआई आपको ज्यादा पेमेंट और प्रोमोशन के योग्य बना सकता है। यह एक नया करियर बन सकता है क्योंकि इस तरह से वर्कर्स को दूसरों के मुकाबले ज्यादा कुशल माना जाएगा।
एआई के साथ नए मौकेएआई कैसे बदल रहा है? इसमें क्या-क्या सुधार किए जा रहे हैं? और समय के साथ इसका दुरुपयोग कैसे होने लगा है? जैसे सभी जवाब आपको पता होने चाहिए। इनके साथ आप अपडेट रह पाएंगे और हर तरह के जॉब ऑप्शन के लिए आपको तैयार भी माना जाएगा। एआई के साथ नए मौके भी सामने आ रहे हैं। मशीन लर्निंग इंजीनियर्स, डाटा साइंटिस्ट और एआई एथिक्स स्पेशलिस्ट, जैसी नौकरियों के दरवाजे एआई स्किल्स के साथ आसानी से खुल सकते हैं।
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