अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। बुधवार को पहला जत्था जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से पवित्र गुफा के लिए रवाना हुआ।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर इस यात्रा का शुभारंभ किया। इस दौरान श्रद्धालु “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के जयकारों के साथ उत्साह में डूबे नजर आए।
🗓️ 3 जुलाई से आधिकारिक शुरुआत, 9 अगस्त को रक्षाबंधन पर समापन
38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा इस बार दो प्रमुख रूटों – पहलगाम और बालटाल से होगी।
यात्रा का समापन रक्षाबंधन के दिन 9 अगस्त को होगा।
पिछले वर्ष यह यात्रा 52 दिन चली थी और 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए थे।
इस साल अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा जैसे स्थानों पर रजिस्ट्रेशन केंद्र खोले गए हैं,
जहां प्रतिदिन लगभग 2000 श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है।
🛤️ दो रूट्स, दो अनुभव: कैसे पहुंचे बाबा अमरनाथ के दर्शन को
🟠 1. पहलगाम रूट – आसान लेकिन लंबा
कुल दूरी: लगभग 36 किमी
समय: 3 दिन
रास्ता:
पहलगाम से चंदनवाड़ी (16 किमी)
चंदनवाड़ी से पिस्सू टॉप (3 किमी चढ़ाई)
फिर शेषनाग (9 किमी)
अगले दिन पंचतरणी (14 किमी)
अंत में गुफा तक (6 किमी)
यह रूट अपेक्षाकृत आसान और सुंदर है, लेकिन समय ज़्यादा लगता है।
🔵 2. बालटाल रूट – छोटा लेकिन कठिन
कुल दूरी: 14 किमी (एक दिन में)
विशेषता: सीधी और कठिन चढ़ाई, तंग और घुमावदार रास्ते
यह रूट तेज़ यात्रा के लिए उपयुक्त है, लेकिन बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए अनुशंसित नहीं।
✅ यात्रा में इन बातों का रखें ध्यान
दस्तावेज़: मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, 4 पासपोर्ट साइज़ फोटो, RFID कार्ड, यात्रा एप्लिकेशन फॉर्म
तैयारी:
हर दिन 4–5 किमी पैदल चलने की प्रैक्टिस करें
प्राणायाम और श्वास संबंधित योग करें
जरूरी सामान:
ऊनी कपड़े, रेनकोट
ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल
आवश्यक दवाइयों का बैग
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