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पानी की कमी से बनती है पथरी! इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

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हमारे शरीर में मूत्र प्रणाली (Urinary System) – जिसमें किडनी, मूत्रवाहिनी (Ureter), मूत्राशय (Bladder) और मूत्रमार्ग (Urethra) शामिल होते हैं – मूत्र निर्माण और निष्कासन की प्रक्रिया को नियंत्रित करती है।

किडनी शरीर में मौजूद पानी और बेकार पदार्थों (waste) को छानकर मूत्र बनाती है। यह मूत्र मूत्रवाहिनी से होते हुए मूत्राशय में पहुंचता है, जहां यह इकट्ठा होता है। जब शरीर को जरूरत होती है, तो ये मूत्र मूत्रमार्ग के जरिए बाहर निकलता है।

🪨 पथरी कैसे बनती है?
जब मूत्र में कुछ खनिज जैसे यूरिक एसिड, कैल्शियम या पोटैशियम अधिक मात्रा में जमा हो जाते हैं और शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो मूत्र गाढ़ा हो जाता है। यही खनिज धीरे-धीरे ठोस कणों (crystals) का रूप लेने लगते हैं, जो आगे चलकर पथरी (Kidney Stone) बन जाते हैं।

⚠️ किडनी स्टोन का पहला लक्षण क्या होता है?
जब पथरी किडनी से बाहर निकलकर मूत्रवाहिनी (Ureter) में फंस जाती है, तो वहां रुकावट पैदा होती है। इससे किडनी में दबाव बनता है और नसें सक्रिय होकर दर्द के संकेत मस्तिष्क तक भेजती हैं।

ये दर्द आमतौर पर:

पीठ के निचले हिस्से

पसलियों के नीचे

या बगल में महसूस होता है।

📍कहां-कहां महसूस हो सकता है दर्द? – शुरुआती चरण में
किडनी स्टोन का दर्द अचानक शुरू होता है और पथरी के मूवमेंट के साथ बदलता रहता है। दर्द इन हिस्सों में हो सकता है:

कमर में – जब पथरी मूत्रवाहिनी में नीचे की ओर आती है

पेट में – जब यह आगे बढ़ती है

पेशाब करते समय जलन या दर्द – जब पथरी मूत्राशय के पास पहुंचती है

बार-बार यूरिन इन्फेक्शन (UTI) की समस्या भी हो सकती है

🤢 अन्य लक्षण: मतली और उल्टी
कई बार पथरी वाले लोगों को मतली और उल्टी भी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि किडनी और पेट (GI ट्रैक्ट) की नसें आपस में जुड़ी होती हैं। तीव्र दर्द के कारण शरीर रिएक्ट करता है और पेट खराब हो सकता है।

🚨 कब जाएं डॉक्टर के पास?
अगर लगातार कमर या पेट दर्द हो रहा हो

पेशाब में जलन या खून नजर आए

बार-बार UTI हो

या मतली-उल्टी बनी रहे

तो इन लक्षणों को हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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