कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बुधवार को उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कम से कम ऑपरेशन सिंदूर के बाद गुरुवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक में जरूर शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में कांग्रेस की तरफ से शामिल होंगे।
हमने 24 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक की मांग की थी। उसी दिन सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। हमें उम्मीद की थी कि प्रधानमंत्री उसकी अध्यक्षता करेंगे, लेकिन किसी कारणवश प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे।
— Congress (@INCIndia) May 7, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कल फिर से सर्वदलीय बैठक होगी। हम उम्मीद करते हैं कि कल प्रधानमंत्री इस… pic.twitter.com/LZfPtiGiIt
जयराम रमेश ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, "प्रधानमंत्री हाल के वर्षों में सर्वदलीय बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वह कम से कम कल की बैठक में शामिल होंगे।" रमेश ने कहा कि अन्य दलों के शीर्ष नेता बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस की तरफ से दोनों सर्वोच्च नेता बैठक का हिस्सा होंगे। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की थी।
#WATCH | Delhi: On the all-party meeting called by the government tomorrow, Congress MP Jairam Ramesh says, "... Immediately after the Pahalgam attack, we asked for an all-party meeting. The government called one on 24 April; we expected the Prime Minister to attend, but for some… pic.twitter.com/SsDVgNJY0L
— ANI (@ANI) May 7, 2025
दरअसल सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। भारतीय सश्स्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के ठिकानों समेत आतंकियों के छुपने के नौ अड्डों को मंगलवार की रात के वक्त निशाना बनाया।
निशाना बनाए गए ठिकानों में बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां का सरजल, कोटली का मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं। ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं। इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें मुरीदके का मरकज तैयबा, बरनाला का मरकज अहले-हदीस और मुजफ्फराबाद का शवावाई नाला कैंप शामिल हैं। पहलगाम आतंकी हमले के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
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