न्यूयॉर्क की एक अपीलीय अदालत ने नागरिक धोखाधड़ी मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जुर्माना लगाने के फैसले को खारिज कर दिया।
पांच न्यायाधीशों के पैनल ने न्यूयॉर्क राज्य के उस मुकदमे में अपना फैसला सुनाया, जिसमें ट्रंप पर ऋण हासिल करने के लिए अपनी निवल संपत्ति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया गया था। यह फैसला ट्रंप के बतौर राष्ट्रपति व्हाइट हाउस में वापसी करने के सात महीने बाद आया है।
न्यूयॉर्क के मध्य-स्तरीय अपीलीय डिविजन ने एक निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिससे ट्रंप को 51.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान होने और उनके रियल एस्टेट साम्राज्य को बड़ा झटका लगने की आशंका थी।
पाकिस्तान के सिंध में भारी बारिश से बढ़ी मुश्किलेंपाकिस्तान में लगातार हो रही मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण सिंध प्रांत और उसकी राजधानी कराची में गुरुवार को भारी जलभराव और बिजली की कटौती जैसी समस्याएं देखने को मिलीं।
मीडिया के अनुसार, पाकिस्तानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि मानसून का अगला दौर ज्यादा तबाही ला सकता है।
कराची ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, शहर की कई सड़कें बारिश के पानी में डूबी हुई हैं। कोरंगी नदी और कॉजवे रोड को ज्यादा पानी जमा होने के कारण आम यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
शहर के कई इलाकों जैसे उत्तरी नजीमाबाद, गुलिस्तान-ए-जौहर, डिफेंस व्यू, ओरंगी टाउन, लियारी, बल्दिया टाउन, लियाकताबाद, सुरजानी और कोरंगी इंडस्ट्रियल एरिया के लोगों ने बताया कि सभी पिछले 24 से 48 घंटे से बिना बिजली के रह रहे हैं।
इसके अलावा, कराची के कुछ इलाकों में 36 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली नहीं आई, जिससे लोगों के घरों में पानी की सप्लाई भी बंद है।
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार चैनल 'दुनिया न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार तक कराची में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हुए हैं।
इसी बीच, गुलिस्तान-ए-जौहर के ब्लॉक 8 में 32 घंटे से बिजली नहीं मिलने से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, ब्लॉक 2 में मंगलवार से ही बिजली नहीं थी। उत्तरी नजीमाबाद के कई इलाकों में भी 45 घंटे तक बिजली गायब रही।
'बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल नहीं हुआ'बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कहा है कि देश में अभी तक लोकतंत्र पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव भी नहीं हो पाए हैं। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को दी।
बुधवार को ढाका में बीएनपी के मुख्य कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के वरिष्ठ संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने कहा, "हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है। लोकतंत्र अभी पूरी तरह से बहाल नहीं हुआ है। इसे बहाल करने के लिए हमें और भी कठिन रास्ते से गुजरना पड़ सकता है। हमारी पार्टी और राष्ट्रवादी ताकतों के सभी नेता और कार्यकर्ता तैयार हैं।"
बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक 'जुगांतर' ने बीएनपी नेता के शब्दों में लिखा, "हमारे देश में अभी भी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित नहीं हुए हैं। हमें कई तरह की साजिशों और मास्टर प्लान के बारे में पता चलता है।"
इस बीच, बीएनपी के वरिष्ठ नेता नजरुल इस्लाम खान ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों की मांग, जो अगले राष्ट्रीय चुनाव में आनुपातिक प्रतिनिधित्व (पीआर) प्रणाली लागू करने की है, अवास्तविक और संदिग्ध है।
खान ने कहा, "जब इस मामले (पीआर) पर इतना जोर दिया जाता है, तो शक होता है कि यह एक गलत कोशिश हो सकती है, जिससे चुनाव कराने पर बुरा असर पड़ सकता है।"
उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में पीआर लागू करने के लिए संविधान में बदलाव करना होगा, जो चुनाव से पहले संभव नहीं है।
उन्होंने कहा, "अगर आप पीआर प्रणाली लागू करने पर सहमत भी हो जाएं, तो भी इसे आने वाले चुनाव में लागू नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसके लिए पहले संविधान में बदलाव करना होगा। यह काम केवल संसद ही कर सकती है, इसलिए अगर इसे लागू करना है, तो यह अगले चुनाव में ही संभव होगा।"
संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने गाजा में तत्काल युद्धविराम का किया आह्वानइजरायल और हमास के बीच गाजा में चल रहा संघर्ष नागरिकों के अस्तित्व के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाजा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है।
एंटोनियो गुटेरेस ने युद्धविराम का आह्वान इजरायल द्वारा गाजा शहर पर कब्जा करने के लिए चलाए जा रहे व्यापक अभियान के पहले चरण की घोषणा के बाद किया है।
गुटेरेस ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "गाजा में तुरंत युद्धविराम और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई जरूरी है। गाजा के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से होने वाली मौत और विनाश से बचना जरूरी है।"
उन्होंने इजरायल से भी आग्रह करते हुए लिखा, "इजरायली अधिकारियों द्वारा अवैध बस्तियों का निर्माण रुकना चाहिए। यह पश्चिमी तट को विभाजित कर देगा। इन बस्तियों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।"
इजरायल और हमास के बीच गाजा में 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है। युद्ध की शुरुआत हमास द्वारा गाजा पट्टी से इजरायल पर जमीनी, समुद्री और हवाई हमला करने के बाद शुरू हुई।
लगभग 2 साल में इजरायल के किए हवाई हमलों में गाजा को भारी नुकसान हुआ है। शहर में व्यापक तौर पर विनाश और तबाही हुई है और ये सैकड़ों साल पीछे चला गया है।
इजरायल ने गाजा में भोजन, पानी, दवा जैसी जरूरी चीजों की आपूर्ति पर भी रोक लगाई है। इस वजह से क्षेत्र में जीवन मुश्किल हो गया है और लोग अकाल मृत्यु के शिकार हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय दबाव में इजरायल कभी-कभी खाद्य पदार्थों की आपूर्ति पर रोक को हटाता भी है, लेकिन बहुत सीमित समय के लिए।
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