लगातार बारिश और वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली औऱ एनसीआर में यमुना नदी डराने लगी है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर लगातार बढ़ता जा रहा है। इस वजह से नदी किनारे के कई निचले इलाकों में पानी घुस गया और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
यमुना का जलस्तर 206.03 मीटर पर पहुंचाअधिकारियों के मुताबिक मंगलवार शाम चार बजे दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर यमुना का जलस्तर 206.03 मीटर दर्ज किया गया। इस पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। इससे पहले, सुबह छह बजे यमुना नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर से काफी ऊपर 205.68 मीटर के स्तर पर पहुंच गई थी। यमुना का उच्चतम जल स्तर 208.66 मीटर है, जो जुलाई 2023 में दर्ज किया गया था। दिल्ली के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है, खतरे का निशान 205.33 मीटर है, तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का कार्य 206.00 मीटर पर शुरू होता है।
पुराने रेलवे पुल पर यातायात बंदVIDEO | Delhi rains: Yamuna water level rises to 206.03 metres, the highest of the year so far; surpasses the danger mark of 205.33 metres and breaches the evacuation level of 206 metres. Authorities on alert.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 2, 2025
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यमुना का जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर जिला पदाधिकारियों ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू कर दिया है और ओआरबी को यातायात के लिए अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘जल स्तर बढ़ने का मुख्य कारण वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जाना है। पूर्वानुमान के अनुसार जल स्तर में और वृद्धि हो सकती है।’’ अधिकारी के मुताबिक शाम चार बजे तक हथिनीकुंड बैराज से 1.53 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 78,700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यमुना नदी उत्तराखंड से निकलती है और हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, जब नदी निकासी स्तर के निशान को पार कर जाती है, तो जिला अधिकारियों द्वारा अस्थायी आश्रय, टेंट और भोजन एवं पानी की आपूर्ति जैसी व्यवस्था की जाती है। हरियाणा से रिकॉर्ड मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में अधिकारी ‘हाई अलर्ट’ पर हैं। पुराना रेलवे पुल नदी के प्रवाह और बाढ़ के संभावित खतरों पर नज़र रखने के लिए एक प्रमुख अवलोकन बिंदु है। बैराज से छोड़े गए पानी को दिल्ली पहुंचने में आमतौर पर 48 से 50 घंटे लगते हैं। दिल्ली में यमुना का जलस्तर शाम तक बढ़कर 206.41 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है।

यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर पुराने लोहे के पुल को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद करने पर दिल्ली यातायात पुलिस ने ‘एक्स’ पर कहा कि अगले आदेश तक पुल पर आवाजाही बंद रहेगी और यात्रियों को इस रास्ते से बचने की सलाह दी गई है। हनुमान सेतु, बेला रोड (लाल किले के पीछे) और पुराने लोहे के पुल के पूर्व तथा पश्चिम की ओर यातायात का मार्ग परिवर्तित किया गया है। परामर्श में कहा गया, ‘‘यातायात को हनुमान सेतु, राजा राम कोहली मार्ग और गीता कॉलोनी रोड से परिवर्तित किया गया। वाहन चालकों से अनुरोध है कि वे धैर्य रखें, यातायात नियमों का पालन करें और यातायात कर्मियों के साथ सहयोग करें।’’
परामर्श के अनुसार, आईएसबीटी कश्मीरी गेट, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और लाल किले की ओर से यातायात को हनुमान सेतु से बाहरी रिंग रोड होते हुए राजा राम कोहली मार्ग से गीता कॉलोनी रोड की ओर मोड़ दिया गया। राजघाट और शांति वन (बेला रोड के रास्ते) से आने वाले वाहनों को रिंग रोड पर बेला रोड टी-पॉइंट से शांति वन चौक होते हुए राजा राम कोहली मार्ग और अंत में गीता कॉलोनी रोड की ओर मोड़ दिया गया।
VIDEO | Delhi: Yamuna Marg near Civil Lines submerged due to heavy waterlogging. Roads are flooded, vehicles are stranded, and traffic is severely affected amid continuous rainfall and rising Yamuna water levels.#DelhiRains pic.twitter.com/7JsqD4FXRZ
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पुलिस ने कहा कि शाहदरा, सीलमपुर और शास्त्री पार्क सहित उत्तर-पूर्वी दिल्ली की ओर से यातायात को पुश्ता रोड होते हुए राजा राम कोहली मार्ग और रिंग रोड की ओर मोड़ दिया गया है। अक्षरधाम, मयूर विहार और पांडव नगर जैसे पूर्वी दिल्ली क्षेत्रों से यातायात को गीता कॉलोनी फ्लाईओवर से गीता कॉलोनी रोड टी-पॉइंट होते हुए गीता कॉलोनी फ्लाईओवर से शांति वन चौक और रिंग रोड (एमजीएम) तक परिवर्तित किया गया। यात्रियों से सड़कों पर यातायात दबाव कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने, सड़क किनारे वाहन खड़ा करने से बचने और सतर्क रहने का आग्रह किया गया है।
नोएडा के कई इलाकों में बाढ़ का खतरावहीं यमुना नदी में बढ़े जलस्तर की वजह से नोएडा के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। असगरपुर गांव के पास बने पुस्ता में पानी भरना शुरू हो गया है, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और नदी से सटे पुस्ते पर रहने वाले लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में पुस्ता रोड पर पहुंचने लगे हैं। गुलाब की खेती करने वाले कई किसानों की झुग्गियां पानी में डूबने लगी है और लोगों ने अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। कई जगहों पर पानी का स्तर 8 से 10 फीट तक पहुंच चुका है। शाम तक जलस्तर और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और आपदा प्रबंधन विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है।
डूब क्षेत्रों में बने फार्म हाउस पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिनमें 8 से 10 फीट तक पानी भर गया है। इन फार्म हाउस में रह रहे कामगार और मजदूर भी अब सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं। नोएडा के मंगरौली, याकूतपुर और झट्टा गांव बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीण अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और धीरे-धीरे सुरक्षित जगहों की ओर पलायन कर रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग ने याकूतपुर में बाढ़ कक्ष स्थापित किया है और अफसर मौके पर डटे हुए हैं।
डूब क्षेत्र की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए सिंचाई विभाग ने तीन टीमें बनाई हैं। जेसीबी मशीनों की मदद से बाढ़ का पानी रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, फिलहाल 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसे धीरे-धीरे निकाला जा रहा है ताकि निचले इलाकों पर दबाव कम हो। सिंचाई विभाग के एसडीओ पवन कुमार सारस्वत ने बताया कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। विभाग की टीमें चौकसी बरत रही हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाएं।
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