सीमा सुरक्षा बल (BSF) के राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक एम.एल. गर्ग ने सोमवार, 26 मई को एक अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिलों को निशाना बनाते हुए कुल 413 ड्रोन हमले किए। लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और ताकत के चलते इन सभी ड्रोन हमलों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया।
जोधपुर स्थित बीएसएफ मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए गर्ग ने पश्चिमी सीमा पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान BSF की ओर से हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किए गए इन हमलों में फलौदी एयरबेस सहित कई संवेदनशील स्थानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना ने हर जगह सटीक जवाब दिया और एक भी हमला सफल नहीं होने दिया।
भारतीय सेना का अडिग संकल्प: एक इंच भी पीछे नहीं हटे जवान – गर्ग
गर्ग ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से छोड़े गए ड्रोन और मिसाइलें महज खाली ढांचे नहीं थे, बल्कि वे हथियारों से लैस थे। बावजूद इसके, भारतीय एयर डिफेंस और मिसाइल रोधी तकनीक ने उन्हें ज़मीन तक पहुंचने ही नहीं दिया। हर प्रयास को हवा में ही नष्ट कर दिया गया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस वजह से भारत की ओर कोई नुकसान नहीं हुआ। ज़मीन पर केवल ड्रोन का मलबा गिरा, जिससे यह साबित होता है कि हमारी रक्षा प्रणाली पूरी तरह सक्षम और प्रभावशाली है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा पार पाकिस्तान की तैयारी को लेकर गर्ग ने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा पर अपनी सेना की तैनाती कर दी थी, लेकिन भारतीय सैनिकों ने साहस और आत्मबल का परिचय देते हुए एक इंच भी पीछे हटने से इनकार कर दिया।
पाकिस्तान की कायराना हरकत और भारत का करारा जवाब
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष भारतीय नागरिकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद भारत ने ठोस और निर्णायक कदम उठाते हुए 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी अड्डों पर एयरस्ट्राइक की। इस कार्रवाई में लगभग 100 आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
भारतीय कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इसके जवाब में भारत ने भी मुंहतोड़ प्रतिक्रिया दी। हालांकि, इस गोलीबारी में भारत की सीमा के नजदीक रह रहे आम नागरिकों की जान गई और कई सुरक्षाकर्मी भी वीरगति को प्राप्त हुए।
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