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तेज प्रताप के महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ने पर तेजस्वी की प्रतिक्रिया ने बढ़ाई हलचल, बोले– 'कितनी पार्टियां बनेंगी…'

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बिहार में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी तेज होती जा रही है और राजनीतिक दलों के साथ-साथ कई नेता भी अपनी रणनीति बदलते नजर आ रहे हैं। एक ओर जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर है, वहीं दूसरी ओर नए मोर्चे भी खुलने लगे हैं। इन्हीं राजनीतिक हलचलों के बीच आरजेडी के वरिष्ठ नेता तेज प्रताप यादव ने महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है, जिसने पार्टी में हलचल मचा दी है।

इस अप्रत्याशित कदम पर तेज प्रताप के छोटे भाई और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जो प्रतिक्रिया दी, वह चौंकाने वाली रही। जब उनसे इस पर सवाल किया गया, तो उन्होंने संक्षेप में कहा, "कितनी पार्टी बनती है..." और बिना कुछ और बोले मीडिया से आगे बढ़ गए।


तेज प्रताप की मंशा हमेशा तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की रही

तेज प्रताप यादव के इस फैसले ने जरूर आरजेडी के भीतर सवाल खड़े कर दिए हैं, लेकिन तेज प्रताप कई मौकों पर यह साफ कर चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनते देखना है। पार्टी से बाहर निकलने और मतभेदों के बावजूद उन्होंने इस लक्ष्य की बात दोहराई है।

जन संवाद में जुटे तेज प्रताप, चुनावी जमीन पर कर रहे तैयारी


तेज प्रताप यादव इन दिनों सक्रियता से जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं। वे विभिन्न इलाकों का दौरा कर लोगों से सीधा संवाद कर रहे हैं। हाल ही में वे मुजफ्फरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने बोचहां विधानसभा क्षेत्र के बोरवारा गांव में जन संवाद कार्यक्रम किया। इस मौके की तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं और लिखा, “आज मैंने मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा क्षेत्र के बोरवारा में जन संवाद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में उपस्थित जनता-जनार्दन को संबोधित किया। अब समय है सामाजिक न्याय, अधिकार और सम्पूर्ण बदलाव को सशक्त करने का।”

महुआ सीट से पहले भी जीत चुके हैं तेज प्रताप

गौरतलब है कि वर्तमान में तेज प्रताप यादव हसनपुर से विधायक हैं, जबकि जिस महुआ विधानसभा सीट से वे 2025 में निर्दलीय लड़ने की बात कर रहे हैं, वह इस समय आरजेडी के खाते में है और वहां से विधायक हैं मुकेश रोशन। लेकिन यह वही सीट है जहां से तेज प्रताप ने 2015 में आरजेडी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। शायद इसी भावनात्मक जुड़ाव और चुनावी अनुभव के चलते उन्होंने फिर से इसी सीट से मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।

पिछली बार जहां वे पार्टी के सिंबल पर चुनावी समर में थे, इस बार वे अकेले दम पर अपनी राजनीतिक ताकत साबित करने की तैयारी में हैं।

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