By Jitendra Jangid- दोस्तो हम जब कभी भी अपनी समान आयु के इंसान से मिलते हैं तो हाथ जोड़ते हैं और अपने से बड़े लोगो से मिलते हैं तो पैर छूते हैं, जो भारतीय संस्कृति में पैर छूना सम्मान और आस्था का प्रतीक माना जाता है। माता-पिता, गुरुजन और बुजुर्गों के चरण स्पर्श से आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का बड़ा संचार होता है। लेकिन क्या आपको पता हैं कि कुछ लोगो के पैरे छूना मना हैं, आइए जानते है इसके बारे में पूरी डिटेल्स

पूजा-पाठ के दौरान
यदि कोई व्यक्ति पूजा कर रहा है, तो उस समय उसके पैर नहीं उठने चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करना अशुभ होता है और अनहोनी में संकट पैदा हो सकता है।
कुवारी कन्याओं के
कुँवारी कन्याओं से पैर नहीं छुड़ाना चाहिए। ऐसा करने से पाप का साझेदार बनने का डर रहता है और आपके कार्य में भाग लिया जा सकता है।
शमशान घाट से आते व्यक्तियों के
श्मशान घाट से आने वाले व्यक्ति के पैर छूना मना है। सिद्धांत यह है कि नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है और पर्यावरण की पवित्रता समाप्त हो जाती है।

मंदिर में किसी के
मंदिर में किसी के भी पैर नहीं छूने चाहिए। यह भगवान का पवित्र स्थान है, इसलिए ऐसा करने से मंदिर का निषेध और पवित्रता भंग होती है।
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