By Jitendra Jangid- दोस्तो कल से सावन का पवित्र महीना शुरु होने वाला है, जो कि भगवान को शिव को समर्पित हैं, इस महीने में भक्त शिव की कृपा पाने के लिए शिव की कई तरह से पूजा करते हैं, एक अनोखी प्रथा जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं नंदी के कान में अपनी इच्छाएँ फुसफुसाना, इस विश्वास के साथ कि वे उन्हें सीधे भगवान शिव तक पहुँचाते हैं। इस अनुष्ठान को करने का एक विशिष्ट तरीका है, और माना जाता है कि इसका सही ढंग से पालन करने से आपकी इच्छा पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है, आइए जानते है इसके बारे में पूरी डिटेल्स-

नंदी के कान में फुसफुसाना क्यों?
नंदी भगवान शिव के दूत हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धापूर्वक नंदी के कान में अपनी इच्छा फुसफुसाता है, तो नंदी उस प्रार्थना को सीधे शिव तक पहुँचा देते हैं।
किस कान में फुसफुसाएँ?
आपको हमेशा नंदी जी के बाएँ कान में अपनी इच्छा फुसफुसानी चाहिए।
भगवान शिव तक संदेश पहुँचाने के लिए यह भाग आध्यात्मिक रूप से अधिक ग्रहणशील माना जाता है।
अनुष्ठान को सही तरीके से कैसे करें:
अपना हाथ नंदी के दाहिने कान पर रखें और बाएँ कान में धीरे से कुछ कहें।
इससे आपकी मनोकामना निजी और पवित्र बनी रहेगी, जिससे इसे अनसुना या बाधित होने से बचाया जा सकेगा।

शांति और गोपनीयता बनाए रखें:
कान के पास धीरे से फुसफुसाकर बोलें।
सुनिश्चित करें कि आपकी मनोकामना करते समय कोई और शामिल न हो या आपकी बात न सुन रहा हो।
पहले पूजा करें:
कोई भी मनोकामना करने से पहले, नंदी को प्रणाम करें और उन्हें प्रणाम करें।
पूरी तरह से पूजा करने के बाद ही अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
इन पवित्र रीति-रिवाजों का श्रद्धा और भक्ति के साथ पालन करने से नंदी जी आपकी हार्दिक प्रार्थनाएँ सुनते हैं और उन्हें भगवान शिव तक पहुँचाते हैं।
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