जोधपुर, 3 मई . केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शनिवार को ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ के मौके पर मौजूदा समय में पत्रकारिता के महत्व को रेखांकित करने के साथ ही वैकल्पिक मीडिया की उभरती स्थिति पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि लोकतांत्रिक देश में पत्रकारिता की अपनी एक अहम भूमिका है.
उन्होंने कहा कि देश की आजादी से लेकर देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित करने तक की दिशा में पत्रकारिता की अपनी एक अहम भूमिका रही है. मौजूदा समय में इसका पूरा स्वरूप बदल रहा है.
उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया के आगमन से पारंपरिक मीडिया दबाव महसूस कर रहा है. डिजिटल मीडिया में बिना प्रमाणिकता के खबरों को दिखाया जा रहा है. इस वजह से पारंपरिक मीडिया से जुड़े लोग मौजूदा समय में दबाव महसूस कर रहे हैं.
मंत्री शेखावत ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में मीडिया में अनेक तरह के परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं. निश्चित तौर पर इन परिवर्तनों का सामना करने के लिए पत्रकारों को खुद को मानसिक रूप से तैयार रखना होगा. इसके अलावा, एआई का भी आगमन हो रहा है. इससे आने वाले दिनों में मीडिया की कार्यशैली में परिवर्तन देखने को मिल सकता है. इसके लिए पत्रकारों को खुद को तैयार रखना होगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब हमारा देश अनवरत विकास के पथ पर अग्रसर है. हम प्रतिदिन विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं, तो ऐसे में मीडिया की भूमिका को किसी भी कीमत पर खारिज नहीं किया जा सकता है. मीडिया किसी भी राष्ट्र को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाता है.
साथ ही उन्होंने आतंकी गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि यह नया भारत है, जो झुकता नहीं है, बल्कि आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारने पर विश्वास रखता है. केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक हमने आतंकवादियों के खिलाफ कई कार्रवाई की है. यह उसी का नतीजा है कि लंबे समय से देश में कोई भी आतंकी गतिविधि नहीं हुई है.
पहलगाम टेरर अटैक के संदर्भ में कहा कि निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आतंकियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने सिंधु जल समझौते को निलंबित किए जाने के संदर्भ में कहा कि अब तक भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन आज तक भारत ने सिंधु जल समझौते में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं किया, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात को खुद व्यक्तिगत तौर पर महसूस किया है कि रक्त और जल साथ नहीं चल सकते हैं. इसी को देखते हुए हमारी सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया.
उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते के बाद पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है और मैं चाहता हूं कि यह घबराहट बनी रहे. यही भारत के हित में रहेगा.
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एसएचके/केआर
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