नई दिल्ली, 30 जून . पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (पीएचडीसीसीआई) के सीईओ और महासचिव डॉ. रंजीत मेहता ने भारत को सामाजिक सुरक्षा के मामले में वैश्विक स्तर पर दूसरा स्थान प्राप्त होने पर कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए हैं. इन योजनाओं ने न केवल गरीबों के जीवन स्तर को ऊपर उठाया है, बल्कि 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
डॉ. मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं, जैसे उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि, आयुष्मान भारत, जन धन योजना, स्वच्छ भारत मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में देश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है. उज्ज्वला योजना के तहत हर गरीब परिवार को मुफ्त गैस सिलेंडर प्रदान किया जाता है, जिससे लाखों महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है. इसी तरह, किसान सम्मान निधि के तहत गरीब किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो उनकी आजीविका को सशक्त बनाने में मदद करती है.
उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को पांच लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है. यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों के लिए वरदान साबित हुई है, जहां मुख्य कमाने वाला व्यक्ति बीमार पड़ने पर पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगा जाती थी. यह योजना न केवल स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करती है, बल्कि परिवारों को आर्थिक संकट से भी बचाती है. इससे गरीबों को न केवल इलाज, बल्कि एक नया आत्मविश्वास भी मिला है.
स्वच्छ भारत मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत करोड़ों लोगों को मुफ्त शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं. शौचालय सिर्फ एक ढांचा नहीं है, यह लोगों के आत्मसम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक है. खुले में शौच से मुक्ति से विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है. इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो करोड़ से अधिक लोगों को पक्के मकान दिए गए हैं, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू है. पक्का मकान हर व्यक्ति का सपना होता है. विशेष रूप से यह योजना महिलाओं के सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है, क्योंकि मकान का मालिकाना हक महिलाओं के नाम पर दिया जाता है.
डॉ. मेहता ने कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार की त्वरित कार्रवाई की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि महामारी के समय 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया गया, जो आज भी जारी है. यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है.”
उन्होंने यह भी बताया कि जन धन योजना के तहत गरीबों के लिए बैंक खाते खोले गए, जिसके जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे उनके खातों में पहुंचता है. यह डिजिटल और वित्तीय समावेशन का एक बड़ा उदाहरण है. 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालना एक ऐतिहासिक कदम है. यह न केवल देश की सामाजिक सुरक्षा नीतियों की सफलता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक मिसाल पेश करता है.
मनरेगा योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक महत्वपूर्ण साधन बनी है. मनरेगा के तहत लोगों को प्रति माह भत्ता मिलता है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को स्थिर करने में मदद करता है. इसके अलावा, 60 वर्ष से अधिक आयु के गरीब लोगों के लिए पेंशन योजना भी सामाजिक सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
डॉ. मेहता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता और उनके नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर गरीबों के दर्द को समझा और उनके लिए ऐसी योजनाएं शुरू कीं, जो आत्मसम्मान और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा देती हैं. चाहे वह शौचालय निर्माण हो, पक्के मकान हो, मुफ्त राशन हो या गैस सिलेंडर, इन सभी योजनाओं ने गरीबों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है.”
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एकेएस/एकेजे
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