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भारत के रेल और तकनीकी परिवर्तन के सूत्रधार अश्विनी वैष्णव, जिन्होंने लिखी नई इबारत

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New Delhi, 17 जुलाई . केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भारत सरकार के उन चेहरों में से एक हैं, जो अपनी दूरदर्शिता, तकनीकी विशेषज्ञता और प्रशासनिक कुशलता के लिए जाने जाते हैं.

एक पूर्व नौकरशाह और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले अश्विनी वैष्णव ने रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रसारण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में अपनी छाप छोड़ी है.

उनके नेतृत्व शैली और नीतिगत निर्णयों ने भारत के बुनियादी ढांचे और डिजिटल परिदृश्य को नया आयाम दिया है. अश्विनी वैष्णव का जन्म 18 जुलाई 1970 को राजस्थान के जोधपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और व्हार्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री हासिल की.

1994 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी के रूप में उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाओं में काम किया, जिसमें कटक और सुंदरगढ़ के जिला कलेक्टर के रूप में उनकी सेवाएं शामिल हैं.

2019 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद वे ओडिशा से राज्यसभा सांसद बने और 2021 में मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हुए. रेल मंत्रालय के तहत अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे को आधुनिक और विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में भी अश्विनी वैष्णव ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया है. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 38 प्रतिशत मूल्यवर्धन (किसी उत्पाद या सेवा के बाज़ार मूल्य और उसके घटकों के कुल मूल्य के बीच के अंतर की गणना के लिए मूल्य वर्धन शब्द का प्रयोग किया जाता है) का लक्ष्य रखा है, जो अगले पांच वर्षों में हासिल किया जाएगा. भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र वर्तमान में 145 बिलियन डॉलर का है और 20 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है. सेमीकंडक्टर मिशन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की असम में चिप असेंबली प्लांट जैसी पहल इस दिशा में मील का पत्थर है.

अश्विनी वैष्णव की सोशल मीडिया नीतियां भी चर्चा में रही हैं. हालांकि अश्विनी वैष्णव की आलोचना भी होती रही है. कुछ लोग उनके कार्यकाल में रेल दुर्घटनाओं और प्रबंधन की कमी को लेकर सवाल उठाते हैं. फिर भी उनकी तकनीकी दृष्टि और परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा करने की प्रतिबद्धता ने उन्हें एक प्रभावी मंत्री के रूप में स्थापित किया है. वैष्णव न केवल भारत के रेल नेटवर्क को वैश्विक स्तर पर ले जा रहे हैं, बल्कि डिजिटल और तकनीकी क्षेत्र में भी देश को सशक्त बना रहे हैं.

एकेएस/जीकेटी

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