New Delhi, 14 सितंबर . बिहार में विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर Supreme court में Monday को फिर से सुनवाई होगी.
Supreme court की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी कॉज लिस्ट के अनुसार, इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची की पीठ करेगी.
इससे पहले 8 सितंबर को पारित आदेश में न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने आधार कार्ड की भूमिका को लेकर अहम टिप्पणी की थी.
अदालत ने कहा कि प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23(4) के तहत आधार को पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
अदालत ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा, “हम चुनाव आयोग और उसके अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि वे आधार कार्ड को मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने के लिए पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार करें.”
कोर्ट ने यह भी कहा कि आधार को पहचान के लिए 12वें दस्तावेज के रूप में माना जाएगा और इसकी सत्यता की जांच अन्य दस्तावेजों की तरह की जा सकती है.
Supreme court ने चुनाव आयोग को 9 सितंबर तक यह निर्देश जारी करने को कहा था कि किस प्रकार आधार का उपयोग मतदाता पहचान के रूप में किया जाएगा.
इस मामले में चुनाव आयोग ने हाल ही में Supreme court में एक हलफनामा दाखिल कर यह स्पष्ट किया कि चुनावी मतदाता सूची में संशोधन किस प्रकार करना है, यह पूरी तरह से आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है.
आयोग के सचिव पवन दीवान द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया, “निर्वाचकों के पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 25 के अनुसार, यह पूरी तरह चुनाव आयोग के विवेक पर है कि वह संक्षिप्त पुनरीक्षण करे या सघन पुनरीक्षण. इसमें किसी अन्य प्राधिकरण की कोई भूमिका नहीं है.”
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वीकेयू/डीएससी
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