Lucknow, 20 सितंबर . कांग्रेस नेता और Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर कानूनी विवादों में घिर गए हैं. Lucknow की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और षड्यंत्र के आरोपों को लेकर एक परिवाद दर्ज किया गया है.
यह मामला राहुल गांधी के उस बयान से जुड़ा है, जो उन्होंने 15 जनवरी 2025 को New Delhi स्थित कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर दिया था. उस दौरान राहुल गांधी ने कहा था, “हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं.”
इस बयान को लेकर Lucknow के सिविल कोर्ट के अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने आपत्ति जताई है और कोर्ट में परिवाद दायर किया. इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की गई है.
परिवाद में अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी का यह बयान राष्ट्रविरोधी है और India की संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला है. उनका कहना है कि यह बयान सोच-समझकर, पूरी मानसिक स्थिरता के साथ, और संभवतः विदेशी ताकतों के इशारे पर दिया गया ताकि देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा की जा सके.
अधिवक्ता ने इसे देश तोड़ने की साजिश बताते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने अपने बयान से न सिर्फ भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा, बल्कि India के गणराज्य को भी निशाना बनाया है.
इस गंभीर आरोप को लेकर एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा ने परिवाद दर्ज कर लिया है. न्यायालय से राहुल गांधी समेत कई अन्य कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी इस मामले में तलब कर भारतीय न्याय संहिता 2023 की देशद्रोह और षड्यंत्र से संबंधित धाराओं के तहत दंडित करने की मांग की गई है.
इस संबंध में अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय ने से बातचीत में कहा, “राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन पर जानबूझकर यह कहा कि हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं. इस कथन से साफ है कि वे अब Political दलों से नहीं, बल्कि India के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं से लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी कई महीनों से यह माहौल बना रहे हैं कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं भ्रष्ट हैं, चुनाव प्रक्रिया में धोखा हो रहा है और लोकतंत्र खत्म हो चुका है. राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपील की है कि India के लोकतंत्र को बचाना होगा, जो संकेत देता है कि वह नेपाल जैसी स्थिति India में पैदा करना चाहते हैं.”
इस केस में अब अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी. राहुल गांधी पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला राष्ट्रद्रोह जैसे गंभीर आरोपों तक पहुंच चुका है.
–
वीकेयू/डीएससी
You may also like
Labour Card Yojana 2025: जिन मजदूरों का बना है लेवर कार्ड तो मिलेंगे इतने पैसे
Public Holiday : 7 अक्टूबर को रहेगा सार्वजनिक अवकाश, जानें क्या बंद रहेगा क्या खुलेगा
प्रतीक स्मिता पाटिल को सिर्फ अपनी पत्नी के साथ ही रैंप वॉक करना पसंद
शुभमन गिल को रोहित के नेतृत्व गुणों की जरूरत होगी: हरभजन सिंह
बिहार: जीविका समूह बना रीमा देवी के लिए वरदान, आर्थिक रूप से बनीं मजबूत और आत्मनिर्भर