देहरादून, 14 अक्टूबर . त्योहारी सीजन के चलते पूरे देश में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य विभाग ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. उत्तराखंड में भी खाद्य विभाग ने नकली और मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है.
राज्य में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की जा रही है और खाद्य सामग्री के नमूने जांच के लिए एकत्र किए जा रहे हैं. इस दौरान नकली मावा और पनीर की बड़ी खेप जब्त कर नष्ट की गई है, जबकि कुछ सैंपलों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है.
अपर आयुक्त खाद्य, ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि त्योहारी सीजन में मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ने के कारण मिलावटखोरी की आशंका बढ़ जाती है. इसे देखते हुए खाद्य विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है. इसके तहत क्विक रिस्पॉन्स टीमें (क्यूआरटी) गठित की गई हैं, जो पूरे उत्तराखंड में लगातार छापेमारी कर रही हैं. टीमें बाजारों, मिठाई की दुकानों, गोदामों और अन्य खाद्य इकाइयों पर नजर रख रही हैं. साथ ही उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी विशेष निगरानी की जा रही है.
जग्गी ने बताया कि बाहरी राज्यों से आने वाले नकली मावा और पनीर को रोकने के लिए राज्य के बॉर्डर पर टीमें तैनात की गई हैं. हाल ही में कई स्थानों पर छापेमारी के दौरान नकली मावा और पनीर की खेप जब्त की गई, जिसे तत्काल नष्ट कर दिया गया. इसके अलावा, संदिग्ध खाद्य सामग्री के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग की टीमें त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगी. आम जनता की सेहत को ध्यान में रखते हुए यह अभियान दीपावली तक और तेज किया जाएगा.
उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे खाद्य पदार्थ खरीदते समय सतर्क रहें और मानक चिह्नों की जांच करें. साथ ही, किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी तुरंत खाद्य विभाग को दें. खाद्य विभाग के इस अभियान से व्यापारियों में भी हड़कंप मचा है. कई दुकानदारों ने विभाग की कार्रवाई का स्वागत किया है, लेकिन कुछ का कहना है कि सख्ती के कारण छोटे व्यापारियों को भी परेशानी हो रही है.
विभाग ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य केवल मिलावटखोरों पर नकेल कसना है, न कि ईमानदार व्यापारियों को परेशान करना. यह अभियान न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि बाजार में गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री की उपलब्धता भी बढ़ाएगा.
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एकेएस/एबीएम
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