नई दिल्ली, 24 जून . केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि भारत एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहा है, जहां देश के कोने-कोने में वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
विश्व वाई-फाई दिवस 2025 के अवसर पर ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) द्वारा आयोजित एक विशेष सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने घोषणा की कि सरकार देश भर में वाई-फाई कवरेज को व्यापक और गहन सुनिश्चित करने के लिए साहसिक कदम उठा रही है, जिससे सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा.
सरकार के प्रमुख नीतिगत सुधार पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने पुष्टि की कि देश 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लाइसेंस मुक्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जो एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे तेज और अधिक विश्वसनीय इंटरनेट संभव होगा.
उन्होंने कहा, “संबंधित नियम इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर या उससे पहले अधिसूचित किए जाएंगे.”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार की भूमिका नियामक से सुविधा प्रदाता की ओर विकसित हो रही है और किसी भी कंपनी या तकनीक का पक्ष लिए बिना, तकनीक को सभी के लिए उपलब्ध करवाया जाना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह कनेक्ट होने, सृजन करने और आगे बढ़ने की स्वतंत्रता का जश्न मनाने का दिन है. जैसे-जैसे इसे अपनाया जा रहा है, लागत कम होती जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी पहुंच बढ़ रही है.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम पहले से ही 13 गांवों में 5जी उपयोग के मामले चला रहे हैं, प्रत्येक में 10 आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. अब, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर भारतीय के पास हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा हो, चाहे वे घर पर हों, काम पर हों या दूरदराज के इलाकों में हों.”
इस कार्यक्रम में प्रमुख नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने भी भाग लिया.
बीआईएफ की अध्यक्ष अरुणा सुंदरराजन ने अपने उद्घाटन भाषण में जोर देकर कहा कि वाई-फाई भारत की 40 प्रतिशत आबादी को जोड़ने के सरकार के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में केंद्रीय भूमिका निभाएगा, जो अभी भी ऑफलाइन है.
उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत से अधिक इंटरनेट का इस्तेमाल घर के अंदर ही होता है; ऐसे वातावरण में वाई-फाई नेटवर्क—विशेष रूप से 6 गीगाहर्ट्ज बैंड के साथ मोबाइल नेटवर्क की तुलना में बेहतर अनुकूल हैं.
सुंदरराजन ने कहा, “6 गीगाहर्ट्ज बैंड को लाइसेंस मुक्त करने से भारत को वाई-फाई 6ई और वाई-फाई 7 जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने में मदद मिलेगी. इससे ऑगमेंटेड रियलिटी, क्लाउड गेमिंग और 8के वीडियो स्ट्रीमिंग जैसे नए क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा. यह बेहतर यूजर एक्सपीरियंस और इनोवेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है.”
बीआईएफ ने पीएम-वाणी और 6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को लाइसेंस मुक्त करने जैसी पहलों का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
फोरम का मानना है कि ये कदम हर वाई-फाई हॉटस्पॉट को डेटा एक्सेस और प्रोसेसिंग के लिए एक पावरफुल नोड में बदलने में मदद करेंगे, जिससे पूरे देश में तेज और अधिक समावेशी डिजिटल विकास संभव होगा.
ट्राई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर.एस. शर्मा ने कहा, “पीएम-वाणी एक दूरदर्शी सार्वजनिक वाई-फाई फ्रेमवर्क है, जिसे ब्रॉडबैंड एक्सेस को लोकतांत्रिक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है; यह दूरसंचार क्षेत्र का वास्तविक यूपीआई है.”
शर्मा ने कहा, “एक खुला, सुरक्षित और अंतर-संचालन योग्य फ्रेमवर्क बनाकर, पीएम-वाणी हॉटस्पॉट स्थानीय उद्यमियों को सशक्त बनाने और बड़े पैमाने पर अंतिम-मील इंटरनेट पहुंच सुनिश्चित करने वाले डिजिटल द्वार के रूप में कार्य करते हैं.”
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एसकेटी/
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