छिंदवाड़ा, 6 अक्टूबर . Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने Government को आड़े हाथों लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल को बर्खास्त करने की मांग की.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी छिंदवाड़ा जिले के परासिया पहुंचे हैं, जहां बच्चों की कफ सिरप पीने से मौत हुई थी. पटवारी ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, “जिस कफ सिरप के पीने से बच्चों की मौत हुई है, उस मामले में स्वास्थ्य मंत्री शुक्ल का जो बयान आया था, उसमें कहा गया था कि यह वह दवा नहीं है जिससे बच्चों की मौत हुई. हम इसकी जांच करेंगे. जबकि हकीकत यह है कि तमिलनाडु Government की पहले ही रिपोर्ट आ चुकी थी, मगर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश शुक्ल लगातार गुमराह करते रहे. बच्चों की यह मौत Government की कार्यशैली को जाहिर करती है.”
उन्होंने आगे कहा कि बच्चों की मौत किसी हादसे से नहीं हुई, बल्कि Government की बच्चों के हत्यारे के चेहरे को दर्शाती है. Chief Minister छिंदवाड़ा और पीड़ितों के बीच आ रहे हैं, इससे पहले वह असम के दौरे पर थे. मेरा आग्रह है कि पीड़ितों के बीच आने से पहले स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करें. मंत्री को बर्खास्त करते हैं, तब तो उनकी पीड़ितों के बीच आने की सार्थकता दिखेगी, नहीं तो सिर्फ पूरी तरह यह लीपापोती की कोशिश मानी जाएगी.
जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर social media प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जहरीले कफ सिरप से 16 मासूम बच्चों की मौत एक हृदयविदारक और भयावह त्रासदी है. आज परासिया (छिंदवाड़ा) पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की. कांग्रेस पार्टी इस गहरे दुख की घड़ी में प्रत्येक शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है. हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक छिंदवाड़ा के उन नन्हे फरिश्तों को न्याय नहीं मिल जाता, जिनकी मासूम जिंदगियां Governmentी लापरवाही और दवा माफिया की घिनौनी साजिश का शिकार हो गईं.”
दरअसल पिछले दिनों छिंदवाड़ा जिले में कई बच्चे बुखार के साथ सर्दी-खांसी से पीड़ित थे. इन बच्चों में से नौ की बाद में उपचार के दौरान मौत हो गई, और यह कहा गया कि बच्चों की मौत की बड़ी वजह कफ सिरप है. Chief Minister मोहन यादव ने छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु को दुखद बताते हुए इस सिरप की बिक्री को पूरे मध्यप्रदेश में बैन कर दिया था.
सिरप को बनाने वाली कंपनी के अन्य प्रोडक्ट की बिक्री पर भी बैन लगाया गया. सिरप बनाने वाली फैक्ट्री कांचीपुरम में है, इसलिए घटना के संज्ञान में आने के बाद राज्य Government ने तमिलनाडु Government को जांच के लिए कहा था. जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया था.
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एसएनपी/एसके
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