लखनऊ, 18 जुलाई . उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस वर्ष एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है. 2025-26 तक प्रदेश के 25 प्रतिशत कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से मान्यता दिलाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है. यह प्रयास राज्य के उच्च शिक्षा विभाग एवं उत्तर प्रदेश स्टेट लेवल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के सक्रिय प्रयासों का परिणाम है.
उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग में सुधार के लिए की गई पहल के तहत नैक मूल्यांकन हेतु पहले ही 1000 कॉलेजों का चयन किया जा चुका है. यही नहीं, अब तक राज्य के 6 विश्वविद्यालयों ने नैक में ए++ रैंकिंग भी हासिल की है. इसी क्रम में अब 25 प्रतिशत कॉलेजों को नैक मान्यता दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
State government ने नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बाइनरी प्रणाली की शुरुआत की है. यह प्रणाली कॉलेजों के लिए सरल, पारदर्शी और परिणामोन्मुख मूल्यांकन सुनिश्चित करती है, जिससे कॉलेजों को समय पर अपनी स्वीकृति और ग्रेडिंग प्राप्त करने में मदद मिलेगी. सरकार अब सभी पात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए समय पर नैक मूल्यांकन को अनिवार्य और जवाबदेही आधारित बनाने जा रही है. इसके लिए एक नई नीति तैयार की जा रही है, जिसमें संस्थानों को तय समयसीमा में मूल्यांकन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी.
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के अनुसार, Chief Minister योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह पहल राज्य के शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक स्तर पर साख बढ़ाने की दिशा में एक ठोस कदम है. इससे छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण, योग्य शिक्षक और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर की मान्यता प्राप्त संस्थान मिलेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई यह श्रृंखलाबद्ध पहल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता, जवाबदेही और तकनीकी समावेशन को लेकर एक नई मिसाल पेश कर रही है. इससे न केवल कॉलेजों की रैंकिंग बेहतर होगी, बल्कि छात्रों का भविष्य भी सुनहरा होगा.
नैक पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्था है. यह संस्था यूजीसी द्वारा निर्धारित यूनिवर्सिटी और कॉलेजों हेतु मानकों की जांच करती है. इसके द्वारा भारत में उच्च शिक्षा की यूनिवर्सिटी और महाविद्यालयों का मूल्यांकन करके उन्हें मान्यता प्रदान की जाती है. नैक मूल्यांकन के अंतर्गत ग्रेड प्वॉइंट्स प्रदान किए जाते हैं. इसमें न्यूनतम ग्रेड 1.5 और अधिकतम ग्रेड 4 है. मूल्यांकन के समय नैक यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में प्रदान की गयी सुविधाओं के अनुसार उन्हें ग्रेड प्रदान करता है. नैक मूल्यांकन में जिस संस्थान को ए++ प्रदान किया जाता है, उसमें शिक्षा प्रदान करने का स्तर बहुत ही अच्छा होता है. जिस संस्थान को डी प्रदान किया जाता है, उसमें वह स्तर बहुत ही निम्न स्तर का होता है और ऐसे संस्थान को मान्यता नहीं प्रदान की जाती है.
नैक रेटिंग से स्टूडेंट्स को शिक्षण संस्थान के बारे में सही जानकारी मिलती है. छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी हासिल करने में आसानी होती है. नैक ग्रेडिंग के जरिए छात्र अपने लिए बेहतर कॉलेज तलाश कर सकते हैं. इतना ही नहीं, नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गई डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते हैं.
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