पुणे, 7 नवंबर . Maharashtra Government ने पुणे में हुए 300 करोड़ रुपए के जमीन घोटाले के मामले में राजस्व विभाग के एक अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई तब की गई जब जांच में सामने आया कि जमीन के दस्तावेजों में हेराफेरी और फर्जीवाड़ा कर बड़े पैमाने पर Governmentी जमीन का गलत हस्तांतरण किया गया था.
इस पूरे मामले में अब जमीन मालिक सुरेंद्र गायकवाड़ ने अपनी बात रखी है. गायकवाड़ का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में कई लोग शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर बड़ी साजिश रची.
उन्होंने से कहा, “सब ने मिलकर ये साजिश की है. हम इस जमीन के असली मालिक हैं, लेकिन हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे हम अस्तित्व में ही नहीं हैं. हमारी जमीन से जुड़ा हर काम बिना हमें बताए कर दिया गया. हमें पूरी तरह अंधेरे में रखा गया.”
सुरेंद्र गायकवाड़ ने Government से मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी या प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो.
गायकवाड़ ने आगे कहा कि हम न्याय चाहते हैं. जो भी लोग इस घोटाले में शामिल हैं, उन सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए. यह सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि आम लोगों के भरोसे का सवाल है.
बता दें कि इस हाई-प्रोफाइल मामले में एक तहसीलदार और एक सब-रजिस्ट्रार को Governmentी सेवा से निलंबित कर दिया गया है. निलंबित अधिकारियों में सूर्यकांत येवले और आरबी तारू शामिल हैं.
इससे पहले Thursday को Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने कहा था, “मैंने इस मामले में राजस्व एवं भूमि अभिलेख विभाग से जानकारी मांगी है. मैंने मामले की जांच के निर्देश भी दिए हैं. प्रथम दृष्टया मामला गंभीर लग रहा है. हालांकि, मुझे अभी पूरी जानकारी नहीं है. उपChief Minister भी ऐसी किसी भी अनियमितता का समर्थन नहीं करेंगे. हमने सामूहिक रूप से निर्णय लिया है कि अगर अनियमितताएं पाई जाती हैं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
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वीकेयू/डीकेपी
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