नई दिल्ली, 23 मई . अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें ऑलिव रिडली के संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने पर गर्व है.
ऑलिव रिडली एक प्रकार का समुद्री कछुआ है, जो दुनिया भर के उष्णकटिबंधीय और उपोष्ण कटिबंधीय जल (ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल वॉटर) में पाया जाता है. यह कछुआ अपने विशिष्ट ऑलिव-हरे रंग की वजह से जाना जाता है.
यह सात जीवित समुद्री कछुओं की प्रजातियों में से एक है, जिसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) रेड लिस्ट ने ‘संवेदनशील या संकटग्रस्त’ के रूप में वर्गीकृत किया है.
उनके विशिष्ट ब्रीडिंग पैटर्न और मानवीय गतिविधियों से बढ़ते खतरे ने इस प्रजाति को संवेदनशील बना दिया है.
करण अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”हमें खुशी है कि धामरा के पास गहिरमाथा बीच पर ऑलिव रिडली कछुओं की संख्या में रिकॉर्ड तेजी देखी जा रही है.”
उन्होंने आगे कहा, ”हमें ओडिशा में उनके नाजुक इकोसिस्टम की रक्षा करने वाले संरक्षण प्रयासों का समर्थन करने पर गर्व है.”
ओडिशा में अदाणी समूह का धामरा बंदरगाह दुनिया की सबसे बड़ी नेस्टिंग आबादी में से एक ऑलिव रिडली कछुओं का घर है.
समूह ने ऑलिव रिडली कछुओं के संरक्षण और सुरक्षा के लिए 30 करोड़ रुपए का फंड बनाया है.
एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में, करण अदाणी ने ऑलिव रिडली कछुओं के संरक्षण के लिए अदाणी पोर्ट्स द्वारा किए गए कुछ उपायों को लेकर जानकारी दी.
समुद्र की चकाचौंध को कम करने और कछुओं की आवाजाही में सहायता करने के लिए विशेष लाइट्स (डार्क स्काई लाइटिंग) शामिल हैं. कछुओं के प्रवास में सहायता के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए प्रवास अवधि के दौरान गश्त के लिए वन विभाग को ट्रॉलर उपलब्ध करवाए जाते हैं. इसके अलावा, सुरक्षित नेविगेशन के लिए कछुओं के समूह क्षेत्रों से दूर बंदरगाह मार्गों की योजना बनाई गई है.
कंपनी ने कहा कि 2024-25 सीजन में लगभग 6.89 लाख ऑलिव रिडली कछुओं ने गहिरमाथा समुद्र तट पर नेस्ट बनाया.
करण अदाणी ने कहा, “स्थानीय समुदायों और वन्यजीव अधिकारियों के साथ मिलकर हम इन समुद्री जीवों की सुरक्षा करना जारी रखे हुए हैं.”
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एसकेटी/एबीएम
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