संभल,10 जुलाई . इस साल श्रावण माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश का संभल जिला महादेव के इस खास महीने को लेकर चर्चा में आ गया है. इसके पीछे की वजह इस श्रावण महीने में संभल में स्थित कार्तिकेय महादेव का मंदिर है, जहां 46 साल बाद शिव का जलाभिषेक होगा. इसके लिए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
संभल जिले में प्रशासन की ओर से कांवड़ यात्रा मार्गों पर व्यापक तैयारियां की गई हैं. सड़कों की मरम्मत, प्रकाश व्यवस्था, पेयजल, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा बलों की तैनाती जैसी तमाम व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.
बता दें कि हाल ही में हरिहर मंदिर को लेकर हुए सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के दौरान एक 46 साल से बंद कार्तिकेय महादेव मंदिर का पता चला था. इसके बाद इस मंदिर को खोल दिया गया था. यह घटना स्थानीय स्तर पर और देश में भी काफी चर्चाओं में रहा. इसके बाद जिले में अन्य प्राचीन मंदिरों और कुओं की खोज भी शुरू हुई, जिसमें कई ऐतिहासिक स्थल सामने आए.
संभल का यह कार्तिकेय महादेव मंदिर खग्गू सराय क्षेत्र में स्थित है, इस बार सावन में पहली बार कांवड़िए इस शिवलिंग पर जलाभिषेक करेंगे. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में आरआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं और सीसीटीवी कैमरों से मंदिर की निगरानी की जा रही है. प्रशासन को उम्मीद है कि हजारों श्रद्धालु सावन भर मंदिर में दर्शन व जलाभिषेक के लिए पहुंचेंगे.
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह कांवड़ यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें और शांति व्यवस्था बनाए रखें. इस दौरान शहर में तैनात सुरक्षा बल और तकनीकी निगरानी टीम यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं.
सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है. कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त पवित्र नदियों से जल भरकर लाते हैं और भगवान शिव को अर्पित करते हैं. यह यात्रा भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है.
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एएसएच/जीकेटी
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