नैनीताल, 16 जुलाई . उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य में चल रही कांवड़ यात्रा, चारधाम यात्रा और मानसून सीजन के मद्देनजर पंचायत चुनाव को टालने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने State government , डीजीपी और सचिव पंचायतीराज द्वारा दाखिल शपथपत्रों को रिकॉर्ड में लेते हुए याचिका को खारिज कर दिया.
देहरादून निवासी डॉ. बैजनाथ द्वारा दायर याचिका में मांग की गई थी कि बरसात के मौसम और कांवड़ व चारधाम यात्रा के चलते प्रशासनिक तंत्र पहले से ही व्यस्त है, ऐसे में पंचायत चुनावों को अगस्त माह के बाद आयोजित किया जाए. याचिकाकर्ता ने आपदा प्रबंधन और कानून व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका भी जताई थी.
सुनवाई के दौरान सचिव पंचायतीराज ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य निर्वाचन आयोग, प्रशासन और पुलिस द्वारा चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस बल का संतुलित वितरण किया गया है. 30 प्रतिशत फोर्स कांवड़ मेले के लिए, 10 प्रतिशत चारधाम यात्रा के लिए और 10 प्रतिशत फोर्स पंचायत चुनाव के लिए रिजर्व रखी गई है. इसके अलावा किसी आपात स्थिति के लिए अतिरिक्त फोर्स भी स्टैंडबाय में है.
डीजीपी की ओर से कोर्ट में दाखिल शपथपत्र में बताया गया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ अनुशासनहीन घटनाओं, जैसे महिलाओं व दुकानदारों के साथ दुर्व्यवहार और तेज डीजे बजाने की शिकायतों पर कार्रवाई की गई है और संबंधित लोगों पर केस दर्ज किया गया है. चुनाव आयोग ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि सभी जिलों में चुनाव शांतिपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से कराए जाएंगे. विशेष तौर पर जिन जिलों में कांवड़ यात्रा का अधिक प्रभाव है, वहां चुनाव दूसरे चरण में रखे गए हैं. श्रद्धालुओं का पहला जत्था चुनाव की पहली तिथि से पहले ही लौट चुका होगा. इन तमाम तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने चुनावों में किसी बाधा की संभावना से इनकार करते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया.
हाई कोर्ट अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया, “डॉ. बैजनाथ द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. उनका कहना था कि हरिद्वार जिले में कांवड़ यात्रा चल रही है, साथ ही पहाड़ों में भारी बारिश के चलते भू स्खलन की घटनाएं भी देखने को मिल रही है. ऐसे में कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस महानिदेशक और सचिव पंचायतीराज को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए थे, जिसके बाद उनके द्वारा कोर्ट में स्पष्ट किया गया कि सुरक्षा के पूरे इंतजाम है, पहाड़ों में बरसात से होने वाली दिक्कतों के लिए भी पूरा होमवर्क किया गया है. इसलिए चुनाव को संपन्न करवाने में कोई दिक्कत नहीं है. न्यायालय द्वारा उनके कहे कथन को लिखित रूप में मांगा गया था, Wednesday को उनका लिखित कथन आ गया है. लिखित कथन से संतुष्ट होकर कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया है.”
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एससीएच/जीकेटी
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