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टैरिफ का असर : जामनगर के पीतल कारोबारियों ने जताई अमेरिका को होने वाला निर्यात घटने की आशंका

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जामनगर, 1 सितंबर . अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ का असर अब गुजरात के जामनगर की पहचान पीतल उद्योग पर भी दिखने लगा है. निर्यातकों के मुताबिक, इस टैरिफ से अमेरिका को होने वाला निर्यात आधा रह जाने की आशंका है.

जामनगर का पीतल उद्योग दुनिया भर में मशहूर है और यहां से करीब 10 प्रतिशत निर्यात अमेरिका को किया जाता है. लेकिन ट्रंप सरकार द्वारा लागू किए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने उद्योगपतियों की चिंता बढ़ा दी है.

कारोबारी लाखा भाई कैसवाला ने से खास बातचीत के दौरान कहा कि टैरिफ बढ़ने से कुछ फर्क पड़ेगा, लेकिन जिस तरह से लोगों को डर है कि फैक्ट्री बंद हो जाएंगी, ऐसा होने की संभावना कम है. यहां का कोई भी कारोबारी एक उत्‍पाद नहीं बनाता और उत्‍पाद अमेरिका के अलावा कई अन्‍य देशों में भी भेजे जाते हैं. टैरिफ को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय है, लोगों के साथ खड़ी है. कारोबारियों की सरकार से उम्‍मीद है कि केंद्र लोन के ब्‍याज में कमी करे और नए राहत पैकेज दे. अगर ऐसा होता है तो इंडस्ट्री को ज्‍यादा दिक्‍कत नहीं होगी.

उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि 10 प्रतिशत निर्यात में से आधा यानी पांच प्रतिशत हिस्सा कम हो सकता है. इसका असर अगले 5 से 6 महीनों तक देखने को मिलेगा, जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है.

फैक्ट्री मालिक प्रकाश कटारमल ने बताया कि इस टैरिफ वार से पहले 5 से 9 प्रतिशत का टैक्‍स लगता था. अब टैरिफ बढ़ने से इंपोर्ट ड्यूटी करीब 59 प्रतिशत हो सकती है. टैरिफ वॉर के चलते मुश्किलें बढ़ रही हैं. इससे कारोबार में कमी होने की आशंका है.

उन्‍होंने कहा कि हालांकि, निर्यातक हिम्मत हारने के बजाय बाजार के अन्य विकल्प तलाशने में जुट गए हैं. अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और युगांडा जैसे देशों में नए अवसर तलाशे जा रहे हैं. पहले से ही जामनगर के पीतल पार्ट्स यूरोप, ब्रिटेन और रूस में निर्यात हो रहे हैं.

एएसएच/एएस

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