Benefits of Figure Card To Control Diabetes: आंक (Calotropis) एक औषधीय पौधा है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है। खासतौर पर, मधुमेह (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में आंक के पत्ते का उपयोग एक पारंपरिक उपाय माना जाता है।
इस उपाय का दावा है कि यह रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
आंक के पत्ते का प्रयोग कैसे करें?
रात में पैर पर बांधने की विधि:
यह कैसे काम करता है?
- आंक के पत्ते में मौजूद सक्रिय तत्व:
- ग्लूकोसाइड्स और एल्कलॉइड्स, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माने जाते हैं।
- पत्ते का ठंडक प्रभाव पैरों की तंत्रिकाओं को आराम देने में भी मदद करता है, जिससे शरीर में रक्त संचार बेहतर हो सकता है।
आयुर्वेदिक मान्यता:
आयुर्वेद में माना जाता है कि पैर के तलवों पर विशेष पौधों के पत्ते लगाने से शरीर की आंतरिक ऊर्जा (प्राण) को संतुलित किया जा सकता है। इससे शरीर की चयापचय क्रिया में सुधार होता है, जो शुगर लेवल को कम करने में सहायक हो सकता है।
सावधानियां:
1. एलर्जी टेस्ट: पहली बार उपयोग करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपको आंक के पत्ते से एलर्जी तो नहीं है।
2. संक्रमण से बचाव: पत्ते को अच्छी तरह साफ करके ही इस्तेमाल करें।
3. मधुमेह की दवाइयों के साथ: यह उपाय डॉक्टर की सलाह से ही अपनाएं। दवाइयों को बंद न करें।
आंक के पत्ते का यह उपाय एक पारंपरिक आयुर्वेदिक तकनीक है, जो रक्त शर्करा नियंत्रण में सहायक हो सकता है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, इसलिए इसे डॉक्टर की सलाह के बिना मुख्य उपचार के रूप में न अपनाएं। इसे सहायक उपचार के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
You may also like
हाथ आया मुंह ना लगा... ऋषा घोष ने कर दी इतनी बड़ी गलती, टीम इंडिया को हार से चुकानी पड़ी कीमत
Women's World Cup: स्मृति मंधाना ने बनाया ये विश्व रिकॉर्ड, ये बड़ी उपलब्धि भी अपने नाम दर्ज करवाई
Vodafone Idea का ₹1,048 प्लान — भारत का BEST 84-दिन का डेटा ऑफर
Congress In Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में अभी नहीं हो सका सीटों का बंटवारा, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस उठा सकती है ये बड़ा कदम
इन 7-सीटर गाड़ियों की मार्केट में रही धाक, देखें टॉप 10 कारों की लिस्ट, SUV से लेकर MPV तक