नकली दवाओं का बाजार दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है जिससे पब्लिक हेल्थ को गंभीर खतरा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार लो और मिडिल इनकम वाले देशों में हर 10 में से 1 मेडिकल प्रोडक्ट नकली या घटिया है। भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा जेनेरिक दवा निर्माता है भी इस समस्या का सामना कर रहा है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । विशेषज्ञों के अनुसार असली और नकली दवाओं में अंतर पहचानने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
You may also like
'तूफान में भी न डगमगाए'…आयशा जुल्का ने शेयर की भारतीय सेना के अदम्य साहस पर कविता
भारत के आईटी सेक्टर में अप्रैल में 16 प्रतिशत बढ़ी भर्तियां
IAS- ताश के पत्तों में 3 बादशाह की मूंछ होती है, चौथे की क्यों नहीं? शायद ही कोई जानता होगा सही वजह ˠ
IPL 2025 के बचे हुए मुकाबले कब और कहां खेले जाएंगे, सामने आई बड़ी रिपोर्ट
गर्मी ने कर दिया है जीना मुश्किल? तो इन एयर कूलर की बर्फीली ठंडक से पाएं राहत, अमेजॉन पर कीमत 20000 से भी कम