Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को पहलगाम अटैक में मारे गए पर्यटकों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान सीएम उमर अब्दुला ने कहा कि सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी थी। मैं इन लोगों के परिजनों से कैसे माफ़ी मांगू? मेरे पास माफ़ी के लिए शब्द नहीं है।
मैं सुरक्षित भेज नहीं सकाउमर ने विधानसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा जनता द्वारा चुनी गई सरकार की जिम्मेदारी नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री होने के नाते मैंने उन्हें आमंत्रित किया था। मेजबान होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं उन्हें सुरक्षित भेजूं लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका।
बच्चों से क्या कहूं मैं#WATCH जम्मू, जम्मू-कश्मीर: पहलगाम आतंकी हमले पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "... हम में से कोई इस हमले के साथ नहीं है। इस हमले ने हमें अंदर से खोखला कर दिया है... 26 सालों में मैंने पहली बार लोगों को इस तरह घरों से… pic.twitter.com/EBFdJU4uPA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 28, 2025
उमर ने आगे कहा कि उन बच्चों से क्या कहता मैं, जिन्होंने अपने वालिद को खून में लिपटा हुआ देखा। उस नेवी अफसर की विधवा को क्या कहूं, जिसकी चंद दिन पहले ही शादी हुई थी। कुछ लोग पूछ कि हमारा क्या कसूर था। हम तो पहली बार कश्मीर आए थे छुट्टी मनाने और इसका खामियाजा जिंदगी भर भुगतना पड़ेगा।
अल्फाज नहीं है मेरे पासउमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि कुछ दिन पहले हम इसी सदन में थे और बजट और कई अन्य मुद्दों पर बहस हो रही थी। जब सदन स्थगित हुआ तो हमें उम्मीद थी कि हम श्रीनगर में फिर मिलेंगे। किसने सोचा था कि जम्मू-कश्मीर में ऐसे हालात पैदा हो जाएंगे कि हमें फिर यहां मिलना पड़ेगा। मेरे पास अल्फाज नहीं है कि कैसे माफ़ी मांगू।
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