जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं हमारे देश में देवी-देवताओं के बहुत से मंदिर मौजूद हैं। यह सभी मंदिर अपनी किसी ना किसी विशेषता और रहस्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। हमारे देश में ऐसे बहुत से रहस्यमय मंदिर मौजूद हैं, जो अपने विशेष कारणों से दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध हैं। अक्सर ही इन मंदिरों में कोई न कोई चमत्कार देखने को मिलता रहता है, जिसके बारे में अभी तक किसी को कुछ भी मालूम नहीं है। यहां तक की इन रहस्यों से अब तक विज्ञान भी पर्दा नहीं उठा पाया है।
देश के इन मंदिरों में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान की पूजा के लिए जाते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने आप में ही बेहद खास है। भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर चूहों को भगवान की तरह पूजा जाता है। जी हां, वैसे तो भारत में अनेकों मंदिर हैं और हर एक मंदिर की अपनी एक विशेषता है। एक ऐसा ही बेहद अनोखा मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है।
माता के इस मंदिर में है 25000 से ज्यादा चूहे :आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहे हैं यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर में स्थित है। इस मंदिर का नाम करणी माता का मंदिर है। कई जगहों पर इस मंदिर को मूषक के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर राजस्थान के बीकानेर शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस मंदिर में करीब 25000 से भी ज्यादा चूहे मौजूद हैं। इन चूहों को माता की संतान कहा जाता है।
मंदिर में चलने के हैं अलग नियम :करणी माता के इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस मंदिर में दर्शन के दौरान भक्तों को कुछ खास निर्देश भी दिए जाते हैं। यहां पर पैरों को ऊपर उठाने के बजाय घसीट कर चलना होता है। ताकि कोई चूहा पैर के नीचे ना आ जाए। अगर मंदिर में कोई भी चूहा पैर के नीचे आ जाता है तो इसे बहुत अशुभ माना जाता है।
माता रानी के इस अद्भुत मंदिर में काले चूहों के अलावा कुछ सफेद चूहे भी देखने को मिलते हैं। इन सफेद चूहों को बेहद पवित्र माना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि माता को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को यहां पर चूहे भोग लगाते हैं और लोग उसे प्रसाद मान ग्रहण करते हैं। यहां पर दर्शन करने आने वाले भक्त चूहों के लिए एक बड़ी सी परात में खाने के लिए मूंगफली और दूध आदि देते हैं।
इस अनोखे और अद्भुत मंदिर से जुड़ी कहानी :आपको बता दें कि करणी माता को मां जगदंबा के रूप में भी जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी एक कहानी बेहद प्रचलित है कि जब करणी माता की संतान, उनके पति और उनकी बहन का पुत्र लक्ष्मण कपिल सरोवर में डूब गया था और उसकी जान चली गई थी, तो इसके बाद माता ने यमराज से बहुत प्रार्थना की थी कि उनके पुत्र को जीवित कर दें। जिसके बाद यमराज उन्हें पुनः जीवन देने पर विवश हो गए। लेकिन उनका जीवन चूहों के रूप में शुरू हुआ।
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