सफेद दाग, जिसे श्वेत कुष्ठ भी कहा जाता है, एक त्वचा रोग है जिसमें त्वचा का कुछ हिस्सा सफेद हो जाता है। इस बीमारी में दर्द नहीं होता और यह संक्रामक नहीं है। शुरुआत में, शरीर पर काले धब्बे दिखाई देते हैं।
इसके बाद, त्वचा में जलन और खुजली होती है, जिससे त्वचा सुन्न हो जाती है और कुछ समय बाद सफेद दाग विकसित होने लगते हैं।
यह दाग आमतौर पर हाथों, कोहनियों, चेहरे, घुटनों और अन्य दबाव वाले क्षेत्रों जैसे कमर पर दिखाई देते हैं। धीरे-धीरे, ये दाग एक-दूसरे से मिलकर पूरे शरीर में फैल सकते हैं।
इन दागों में कोई दर्द नहीं होता, इसलिए जब ये छोटे होते हैं, तो लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं.
सफेद दाग के लक्षण
जब सफेद दाग अंगुलियों, हथेलियों, या पैरों के तलवों पर होते हैं, तो इन्हें ठीक करने में अधिक समय लगता है। यदि शरीर के सभी अंग सफेद हो जाते हैं, तो ठीक होने की संभावना कम होती है।
हालांकि यह रोग संक्रामक नहीं है, फिर भी लोग अक्सर सफेद दाग से ग्रस्त व्यक्तियों को अजीब नजरों से देखते हैं। यह बीमारी विश्वभर में लगभग चार प्रतिशत लोगों को प्रभावित करती है।
भारत में, लगभग पांच करोड़ लोग सफेद दाग से पीड़ित हैं। यह दाग धीरे-धीरे बड़े हो जाते हैं और इससे ग्रस्त व्यक्ति को कोई शारीरिक परेशानी नहीं होती, लेकिन यह व्यक्ति में हीनता की भावना पैदा कर सकता है।
सफेद दाग के कारण
आयुर्वेद के अनुसार, सफेद दाग उन लोगों में अधिक होते हैं जो परस्पर विरोधी भोजन करते हैं, जैसे दूध के साथ मछली खाना।
इसके अलावा, डकार, छींक, उल्टी, शौच, और मूत्र को रोकने से भी यह रोग हो सकता है।
धूप में अधिक समय बिताने, भोजन के बाद व्यायाम करने, और खट्टी या गर्म चीजें खाने से भी सफेद दाग हो सकते हैं।
यह रोग वंशानुगत भी हो सकता है, और शरीर में उपदंश या नाड़ी की खराबी के कारण भी सफेद दाग विकसित हो सकते हैं।
सफेद दाग में भोजन और परहेज
सफेद दाग के रोगियों को हमेशा ताजा और शाकाहारी भोजन करना चाहिए।
उन्हें त्रिफला के पानी में भिगोए हुए अंकुरित चने, मूंग, पालक, गाजर, और चोकर की रोटी का सेवन करना चाहिए।
सफेद दाग के रोगियों को खट्टे पदार्थ, तेल, लाल मिर्च, और गर्म मसालों से परहेज करना चाहिए।
मांस का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए और मीठी चीजों का सेवन भी कम करना चाहिए।
सप्त तेल का प्रयोग
दादा मदन लाल जी द्वारा प्रस्तुत एक अनुभूत प्रयोग में, बावची तेल, चाल मोगरा तेल, लौंग तेल, दालचीनी तेल, तारपीन तेल, श्वेत मिर्च का तेल, और नीम तेल का मिश्रण तैयार किया जाता है।
इस मिश्रण को सुबह और शाम मालिश करने से सफेद दाग ठीक हो सकते हैं। यह प्रक्रिया चार से सात महीने तक चल सकती है।
घरेलू उपाय
कालीमिर्च: पिसी हुई कालीमिर्च को सिरके में मिलाकर लगाने से सफेद दाग मिट जाते हैं।
सेंधानमक: 1 चुटकी सेंधानमक और 6 ग्राम बावची को मिलाकर खाने से सफेद दाग दूर होते हैं।
लहसुन: लहसुन का रस लगाने से सफेद दाग जल्दी ठीक होते हैं।
नीम: नीम के तेल का उपयोग सफेद दागों पर लगाने से लाभ मिलता है।
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