कई बार डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऑपरेशन के दौरान पेट में तौलिया, घड़ी या कैंची छूटने के मामले तो आम हैं। हाल ही में पेंसिल्वेनिया से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला की जान खतरे में पड़ गई। महिला अपने नियमित फर्टिलिटी अपॉइंटमेंट के लिए गई थी, लेकिन वहां कुछ ऐसा हुआ कि उसकी जान पर बन आई।
महिला का नाम क्रिस्टीन है, जो एक शिक्षिका हैं। 'द सन' की रिपोर्ट के अनुसार, क्रिस्टीन एक क्लिनिक गई थीं, जहां उन्हें सेलाइन इन्फ्यूजन सोनोग्राम कराना था। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह देखना था कि कहीं उनके फैलोपियन ट्यूब में कोई समस्या तो नहीं है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस प्रक्रिया के बाद उन्हें गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
जैसे ही डॉक्टर ने उन्हें इंजेक्शन लगाया, क्रिस्टीन को तेज जलन का अनुभव हुआ। उन्होंने डॉक्टर से अपनी परेशानी बताई, लेकिन डॉक्टर ने इसे सेलाइन का सामान्य रिएक्शन बताकर नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद, क्रिस्टीन ने देखा कि उनकी जांघों और पैरों पर लाल धब्बे उभर आए हैं। अल्ट्रासाउंड टेक्नीशियन ने पाया कि डॉक्टर ने सेलाइन के बजाय ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड का इंजेक्शन दिया।
ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड का उपयोग आमतौर पर मस्सों और पिंपल्स के इलाज के लिए किया जाता है। क्रिस्टीन को इस केमिकल बर्न का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें लोक बर्न सेंटर में इलाज कराना पड़ा। क्रिस्टीन ने बताया कि वह आईवीएफ ट्रीटमेंट ले रही थीं और इस घटना ने उनके प्रजनन अंग को गंभीर नुकसान पहुंचाया। यह घटना 2022 की है, और आज भी उन्हें बैठने पर दर्द का सामना करना पड़ता है।
You may also like
बंगाल प्रो टी20 सीजन-2: सिलीगुड़ी स्ट्राइकर्स की टीम में बरकरार आकाश दीप
शहरीकरण की दिशा में बड़ा कदम! राजस्थान सरकार ने 3 शहरों और 265 गांवों को दिया UIT का दर्जा, औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ़्तार
मुर्शिदाबाद में भीषण सड़क हादसा, ट्रक और टैंकर की टक्कर में चालक की मौत
My Hero Academia: Vigilantes Episode 9 की कहानी और रिलीज की तारीख
भारत ने दुशांबे में हिमनद संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई