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एक्ट्रेस ललिता पवार का दर्दनाक अनुभव: थप्पड़ ने बदल दी जिंदगी

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बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में कलाकारों का व्यवहार

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री में हर कलाकार का अपना एक अलग व्यक्तित्व होता है। कुछ कलाकार गुस्से वाले होते हैं, जबकि कुछ का स्वभाव शांत होता है। जब कोई व्यक्ति फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखता है, तो उसका सपना मुख्य अभिनेता या अभिनेत्री बनना होता है।


एक्ट्रेस का दर्दनाक अनुभव

कभी-कभी कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो कलाकारों के जीवन पर गहरा असर डालती हैं। ऐसी ही एक घटना मशहूर अभिनेत्री ललिता पवार के साथ हुई, जिसने पूरी इंडस्ट्री को हिला दिया।


ललिता पवार की पहचान

ललिता पवार, जिन्होंने 9 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, ने 700 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्हें बॉलीवुड की क्लासिक अभिनेत्रियों में गिना जाता है। उनकी फिल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं निभाने के कारण दर्शक उन्हें बुरी सास के रूप में पहचानते हैं।


भगवान दादा का थप्पड़

फिल्म 'जंग-ए-आजादी' (1942) में ललिता पवार और सुपरस्टार भगवान दादा ने काम किया था। एक दृश्य में भगवान दादा को ललिता को थप्पड़ मारना था, लेकिन यह थप्पड़ इतना जोरदार था कि इससे ललिता की आंख की नस फट गई।


करियर पर असर

इस घटना के बाद ललिता पवार को गंभीर चोटें आईं, जिससे उनका कान का पर्दा भी फट गया। उन्हें तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी स्थिति बिगड़ गई और उनके शरीर का एक हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। हालांकि, उन्होंने लंबे समय बाद फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की, लेकिन उनकी चोट के कारण उन्हें साइड रोल ही मिले। रामानंद सागर की 'रामायण' में मंथरा का किरदार निभाकर उन्होंने फिर से चर्चा में आईं।


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