एक छोटे से गांव में एक युवक अपने पिता और पत्नी के साथ निवास करता था। पिता की उम्र बढ़ने के साथ उनकी स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ गईं। इस स्थिति के कारण, पत्नी को अपने ससुर की देखभाल में काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। एक दिन, पत्नी ने अपने पति से कहा कि उन्हें अपने पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देना चाहिए।
उसने कहा, "मैं अब उनकी देखभाल नहीं कर सकती। आप सुनिश्चित करें कि वे त्योहारों पर भी घर नहीं आएं।"
पति ने पत्नी की बात मान ली और अपने पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ आया। लेकिन उसे यह भी बताना था कि त्योहारों पर भी पिता वहीं रहेंगे, इसलिए वह फिर से वृद्धाश्रम गया।
जब वह वहां पहुंचा, तो उसने देखा कि उसके पिता और वृद्धाश्रम के अधिकारी एक-दूसरे से गले मिल रहे हैं और दोनों बहुत खुश हैं। यह देखकर बेटे को आश्चर्य हुआ कि ये दोनों इतनी जल्दी कैसे घुल-मिल गए।
कुछ समय बाद, पिता अपने कमरे में चले गए और बेटे ने अधिकारी से पूछा कि वह उसके पिता को कब से जानता है। अधिकारी ने बताया कि वह पिछले 30 वर्षों से उन्हें जानता है, क्योंकि 30 साल पहले उन्होंने एक बच्चे को इस आश्रम से गोद लिया था।
यह सुनकर बेटे को समझ में आया कि वह बच्चा कोई और नहीं, बल्कि वह खुद था। उसके पिता ने उसकी खुशी के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। बेटे को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने पिता से माफी मांगी। फिर उसने अपने पिता को घर ले आया और पत्नी को समझाया कि अब वह अपने ससुर की देखभाल करेगी।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए हर सुख-सुविधा का त्याग करते हैं, लेकिन जब वे बूढ़े होते हैं, तो बच्चे अपनी जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं।
You may also like
रूस अजरबैजानी विमान की दुर्घटना में हुए नुकसान के लिए मुआवजा देने को तैयार : पुतिन
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ आज, निर्जला उपवास शुरू, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री
IND vs WI 2nd Test: टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट में पहले चुनी बल्लेबाजी, प्लेइंग XI पर डालें नजर
क्या खड़ी कार में पी सकते हैं शराब` पीने वालों को पता होना चाहिए ये नियम
फिलीपींस में 'जलजला'! धरती कांपी, इमारतें हिलीं और अब समुद्र से उठ रही हैं लहरें, सुनामी की चेतावनी