आजकल मोटापे की समस्या से हर तीसरा व्यक्ति जूझ रहा है। ऐसे में वजन घटाने के लिए जापानी वॉटर थेरेपी एक प्रभावी उपाय हो सकता है। यह न केवल मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है, बल्कि आपके पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा, यह पेट से जुड़ी कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है और आंतों की सफाई करता है, जिससे आपकी सेहत में सुधार होता है। जापानी लोग इस थेरेपी को बहुत गंभीरता से अपनाते हैं।
जापानी वॉटर थेरेपी की प्रक्रिया
इस थेरेपी के तहत, आपको हर सुबह उठकर खाली पेट चार से छह गिलास पानी (160-200 मिलीलीटर) पीना होता है। यह पानी गुनगुना या सामान्य तापमान का हो सकता है। आप इसमें नींबू का रस भी मिला सकते हैं। पानी पीने के बाद, आपको अपने दांतों को ब्रश करना होता है और फिर 45 मिनट तक कुछ नहीं खाना-पीना होता है। इसके बाद, आप अपनी दिनचर्या जारी रख सकते हैं।
शुरुआत कैसे करें?
यदि कोई व्यक्ति बीमार है या बुजुर्ग है, तो उसे पहले एक गिलास पानी से शुरुआत करनी चाहिए। बाद में, वह धीरे-धीरे पानी की मात्रा बढ़ा सकता है। अगर आप एक बार में चार गिलास नहीं पी पा रहे हैं, तो हर गिलास के बीच में थोड़ा ब्रेक लें। इससे आपके पेट को आराम मिलेगा।
जापानी वॉटर थेरेपी के लाभ
इस थेरेपी के कई फायदे हैं, जैसे वजन कम करना, आंतों की सफाई, पाचन तंत्र को मजबूत बनाना, पेट की बीमारियों से बचाना, और पूरे दिन ऊर्जा बनाए रखना। नियमित रूप से इस थेरेपी का पालन करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
क्या यह थेरेपी प्रभावी है?
जापानी वॉटर थेरेपी कब्ज से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों में लाभकारी होने का दावा करती है, लेकिन इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं। फिर भी, कई लोग इसे अपनाते हैं और इसके फायदों की सराहना करते हैं। इस थेरेपी में केवल सुबह पानी पीना होता है, जो कि भारतीयों के लिए भी एक सामान्य प्रथा है। हालांकि, इसके कुछ सख्त नियम हैं जिनका पालन करना आवश्यक है।
डॉक्टर की सलाह लें
इस थेरेपी को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। ठंडे पानी का उपयोग न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल तापमान को कम कर सकता है और रक्तचाप बढ़ा सकता है।
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