मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने अपने तिमाही नतीजों से इस बार बाजार को थोड़ा निराश किया है. उम्मीदें कुछ और थीं, लेकिन नतीजे उतने दमदार नहीं निकले. मार्च से अब तक कंपनी के शेयरों में करीब 25% की जबरदस्त तेजी आई थी, मगर कमजोर Q1 रिजल्ट्स के चलते अब बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है.
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. जहां कुछ ब्रोकरेज हाउस सतर्क हो गए हैं, वहीं कई बड़े नाम रिलायंस के भविष्य को लेकर बेहद पॉजिटिव हैं. JP Morgan और Jefferies जैसे ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म्स ने इसके टारगेट प्राइस में बढ़ोतरी की है और इसके ट्रांसफॉर्मेशन को बड़ा गेमचेंजर बताया है.
जहां Kotak Institutional Equities ने रिलायंस को ‘बाय’ से घटाकर ‘ऐड’ रेटिंग दी है, वहीं JP Morgan ने इसका टारगेट प्राइस 8% और Jefferies ने 5% तक बढ़ाया है. ये साफ संकेत हैं कि कुछ एनालिस्ट कंपनी के हालिया परफॉर्मेंस से सतर्क हैं, लेकिन बाकी इसकी लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में भरोसा जता रहे हैं.
रिलायंस की ग्रोथ के नए कैटलिस्ट्स
भले ही तिमाही नतीजे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, लेकिन तेल से टेलीकॉम तक फैले इस ग्रुप में कई ऐसे ग्रोथ ड्राइवर्स हैं जो आने वाले महीनों में इसके शेयर की कीमत को तेजी से बढ़ा सकते हैं. Jio और डिजिटल बिजनेस में तेजी, नए एनर्जी इनिशिएटिव्स और रिटेल विस्तार- ये सब रिलायंस की भविष्य की कहानी को मजबूत बनाते हैं.
मार्च से अब तक 25% की तेजी
रिलायंस के शेयर ने मार्च 2025 से अब तक 25% का उछाल दिखाया है, जिससे निवेशकों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं. ऐसे में नतीजों के बाद थोड़ी गिरावट स्वाभाविक भी मानी जा रही है. कुल मिलाकर, बाजार में रिलायंस को लेकर ‘मिक्स्ड रिस्पॉन्स’ देखी जा रही है. कुछ इसे मुनाफा वसूली का मौका मान रहे हैं, तो कुछ लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिहाज से अब भी मजबूत दांव.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में तेजी ला सकने वाले 3 बड़े ग्रोथ ट्रिगर्स
1. Jio की कमाई में जबरदस्त उछाल, टैरिफ बढ़ोतरी बनेगी बूस्टर
रिलायंस जियो ने जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है. Bernstein के अनुसार, कंपनी ने बेहतर मार्जिन की वजह से दमदार नतीजे दिए हैं. जियो का ARPU (एवरेज रिवेन्यू पर यूजर) यानी प्रति यूजर औसत कमाई 1.3% बढ़कर ₹208.8 प्रति महीने हो गई है. लेकिन असली कमाई तो आने वाले सालों में होनी है. Jefferies के एनालिस्टों का कहना है कि FY25 से FY28 के बीच जियो का ARPU 11% की वार्षिक दर (CAGR) से बढ़कर ₹273 तक पहुंच सकता है. इसके पीछे वजह - हर साल के आखिर में लगातार तीन बार 10% की टैरिफ बढ़ोतरी (FY26, FY27, FY28) होगी.
जियो के सिर्फ मोबाइल यूजर्स ही नहीं, हाई-ARPU वाले होम ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे कमाई में और इजाफा होगा. इस तिमाही में जियो के सब्सक्राइबर 1.7% की बढ़त के साथ 498.1 मिलियन हो गए हैं. कंपनी का EBITDA मार्जिन भी 170 बेसिस पॉइंट बढ़कर 51.8% तक पहुंच गया है. कुल मिलाकर, रिलायंस जियो की बढ़ती सब्सक्राइबर बेस, टैरिफ बढ़ोतरी और होम ब्रॉडबैंड से आने वाली कमाई मिलकर RIL के शेयरों के लिए एक बड़ा ग्रोथ इंजन बन सकते हैं.
2) न्यू एनर्जी बिजनेस, ग्रोथ की अपॉर्चुनिटी
रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सिर्फ तेल और टेलीकॉम तक सीमित नहीं रही है, बल्कि अब कंपनी न्यू एनर्जी के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने जा रही है. कंपनी का फोकस अब सोलर एनर्जी, बैटरी और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन पर है. रिलायंस ने कहा है कि अगले 4 से 6 तिमाहियों में वह अपनी बड़ी-बड़ी गिगा फैक्ट्रीज बनाकर तैयार कर लेगी, जिसमें सोलर सेल, मॉड्यूल, बैटरी, पॉलीसिलिकॉन जैसी चीजें बनाई जाएंगी. गुजरात के कच्छ में 7,000 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट से कंपनी 125 गीगावॉट तक बिजली बना सकेगी. एक्सपर्ट का मानना है कि यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा है कि यह Tesla की Giga Factory से भी 4 गुना बड़ा होगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस की इस पूरी सोलर इक्विपमेंट बनाने की क्षमता अगर पूरी तरह इस्तेमाल हुई, तो इसकी वैल्यू करीब 20 अरब डॉलर तक हो सकती है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में रिलायंस का शेयर काफी ऊपर जा सकता है, जैसा पहले Jio के लॉन्च के वक्त हुआ था. आज रिलायंस की कमाई का 54% हिस्सा रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस से आता है. लेकिन अब न्यू एनर्जी बिजनेस से कंपनी की कमाई और भी बढ़ सकती है. इसके साथ ही, कंपनी का लक्ष्य है कि वो 2035 तक पूरी तरह नेट जीरो कार्बन कंपनी बन जाए. यानी वो वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी. इसलिए, रिलायंस का न्यू एनर्जी सेक्टर में जाना एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है. इससे न सिर्फ कंपनी की कमाई बढ़ेगी, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक नए मौके की तरह हो सकता है.
3) जियो IPO: निवेशकों के लिए बन सकता है बड़ा मौका!
रिलायंस इंडस्ट्रीज की बड़ी योजनाओं में से एक है Jio का IPO लॉन्च करना. भले ही यह IPO अब 2025 के बाद ही आने की उम्मीद है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कंपनी के लिए जबरदस्त वैल्यू अनलॉक करने वाला इवेंट होगा. JP Morgan के मुताबिक, Reliance Retail की वैल्यू 121 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जो कि अनुमानित FY27 के EBITDA के मुकाबले सिर्फ 32 गुना पर ट्रेड हो रही है. वहीं, DMart जैसी कंपनी 42 गुना के वैल्यूएशन पर ट्रेड करती है. यानी Jio या रिटेल बिजनेस में IPO या स्टेक सेल के जरिए अगर ये वैल्यू अनलॉक होती है, तो RIL के शेयर में जबरदस्त उछाल आ सकता है.
CLSA का मानना है कि आने वाले समय में Jio और Retail की कमाई रिलायंस की कुल कमाई में बड़ा योगदान देगी. ऐसे में रिलायंस का यह 'कंजर्वेटिव वैल्यूएशन' उसे बड़े निवेशकों के लिए और भी अट्रैक्टिव बना रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बाकी कंपनियां पहले से ज्यादा महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही हैं. JP Morgan का यह भी कहना है कि रिलायंस आने वाले सालों में हर साल करीब 20 बिलियन डॉलर का EBITDA बना सकती है और फ्री कैश फ्लो भी पॉजिटिव रहेगा. Nomura ने भी इस शेयर पर 'बाय' रेटिंग दोहराई है. अगर आप रिलायंस के उन 48 लाख शेयर होल्डर्स में से हैं जो मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच टिके हुए हैं, तो मार्केट एक्सपर्ट्स को इसमें आने वाले समय में तेजी की उम्मीद है.
कंपनी की अगली AGM पर निवेशकों की नजरें
अब निवेशकों की नजरें रिलायंस की अगली AGM (एनुअल जनरल मीटिंग) पर टिकी हैं, जो अगले दो महीनों में हो सकती है. इसमें कंपनी अपने FMCG प्लान, न्यू एनर्जी प्रोजेक्ट्स, मीडिया बिजनेस के विस्तार, रिटेल की ग्रोथ और Jio IPO को लेकर नए ऐलान कर सकती है. रिलायंस का लक्ष्य है कि वह FY30 तक अपने Jio, Retail और New Energy बिजनेस को अपने पारंपरिक O2C (ऑयल टू केमिकल) बिजनेस के बराबर ले आए. यानी कंपनी का साइज लगभग दोगुना हो जाए.
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दिए गए सुझाव, राय और विचार एक्सपर्ट्स के अपने निजी हैं. इनका द इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. आप किसी भी निवेश से पहले अपनी जांच-पड़ताल जरूर करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. जहां कुछ ब्रोकरेज हाउस सतर्क हो गए हैं, वहीं कई बड़े नाम रिलायंस के भविष्य को लेकर बेहद पॉजिटिव हैं. JP Morgan और Jefferies जैसे ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म्स ने इसके टारगेट प्राइस में बढ़ोतरी की है और इसके ट्रांसफॉर्मेशन को बड़ा गेमचेंजर बताया है.
जहां Kotak Institutional Equities ने रिलायंस को ‘बाय’ से घटाकर ‘ऐड’ रेटिंग दी है, वहीं JP Morgan ने इसका टारगेट प्राइस 8% और Jefferies ने 5% तक बढ़ाया है. ये साफ संकेत हैं कि कुछ एनालिस्ट कंपनी के हालिया परफॉर्मेंस से सतर्क हैं, लेकिन बाकी इसकी लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी में भरोसा जता रहे हैं.
रिलायंस की ग्रोथ के नए कैटलिस्ट्स
भले ही तिमाही नतीजे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे, लेकिन तेल से टेलीकॉम तक फैले इस ग्रुप में कई ऐसे ग्रोथ ड्राइवर्स हैं जो आने वाले महीनों में इसके शेयर की कीमत को तेजी से बढ़ा सकते हैं. Jio और डिजिटल बिजनेस में तेजी, नए एनर्जी इनिशिएटिव्स और रिटेल विस्तार- ये सब रिलायंस की भविष्य की कहानी को मजबूत बनाते हैं.
मार्च से अब तक 25% की तेजी
रिलायंस के शेयर ने मार्च 2025 से अब तक 25% का उछाल दिखाया है, जिससे निवेशकों की उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं. ऐसे में नतीजों के बाद थोड़ी गिरावट स्वाभाविक भी मानी जा रही है. कुल मिलाकर, बाजार में रिलायंस को लेकर ‘मिक्स्ड रिस्पॉन्स’ देखी जा रही है. कुछ इसे मुनाफा वसूली का मौका मान रहे हैं, तो कुछ लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिहाज से अब भी मजबूत दांव.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में तेजी ला सकने वाले 3 बड़े ग्रोथ ट्रिगर्स
1. Jio की कमाई में जबरदस्त उछाल, टैरिफ बढ़ोतरी बनेगी बूस्टर
रिलायंस जियो ने जून तिमाही में उम्मीद से बेहतर परफॉर्म किया है. Bernstein के अनुसार, कंपनी ने बेहतर मार्जिन की वजह से दमदार नतीजे दिए हैं. जियो का ARPU (एवरेज रिवेन्यू पर यूजर) यानी प्रति यूजर औसत कमाई 1.3% बढ़कर ₹208.8 प्रति महीने हो गई है. लेकिन असली कमाई तो आने वाले सालों में होनी है. Jefferies के एनालिस्टों का कहना है कि FY25 से FY28 के बीच जियो का ARPU 11% की वार्षिक दर (CAGR) से बढ़कर ₹273 तक पहुंच सकता है. इसके पीछे वजह - हर साल के आखिर में लगातार तीन बार 10% की टैरिफ बढ़ोतरी (FY26, FY27, FY28) होगी.
जियो के सिर्फ मोबाइल यूजर्स ही नहीं, हाई-ARPU वाले होम ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे कमाई में और इजाफा होगा. इस तिमाही में जियो के सब्सक्राइबर 1.7% की बढ़त के साथ 498.1 मिलियन हो गए हैं. कंपनी का EBITDA मार्जिन भी 170 बेसिस पॉइंट बढ़कर 51.8% तक पहुंच गया है. कुल मिलाकर, रिलायंस जियो की बढ़ती सब्सक्राइबर बेस, टैरिफ बढ़ोतरी और होम ब्रॉडबैंड से आने वाली कमाई मिलकर RIL के शेयरों के लिए एक बड़ा ग्रोथ इंजन बन सकते हैं.
2) न्यू एनर्जी बिजनेस, ग्रोथ की अपॉर्चुनिटी
रिलायंस इंडस्ट्रीज अब सिर्फ तेल और टेलीकॉम तक सीमित नहीं रही है, बल्कि अब कंपनी न्यू एनर्जी के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने जा रही है. कंपनी का फोकस अब सोलर एनर्जी, बैटरी और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन पर है. रिलायंस ने कहा है कि अगले 4 से 6 तिमाहियों में वह अपनी बड़ी-बड़ी गिगा फैक्ट्रीज बनाकर तैयार कर लेगी, जिसमें सोलर सेल, मॉड्यूल, बैटरी, पॉलीसिलिकॉन जैसी चीजें बनाई जाएंगी. गुजरात के कच्छ में 7,000 एकड़ में फैले इस प्रोजेक्ट से कंपनी 125 गीगावॉट तक बिजली बना सकेगी. एक्सपर्ट का मानना है कि यह प्रोजेक्ट इतना बड़ा है कि यह Tesla की Giga Factory से भी 4 गुना बड़ा होगा.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस की इस पूरी सोलर इक्विपमेंट बनाने की क्षमता अगर पूरी तरह इस्तेमाल हुई, तो इसकी वैल्यू करीब 20 अरब डॉलर तक हो सकती है. इसका मतलब है कि आने वाले समय में रिलायंस का शेयर काफी ऊपर जा सकता है, जैसा पहले Jio के लॉन्च के वक्त हुआ था. आज रिलायंस की कमाई का 54% हिस्सा रिटेल और टेलीकॉम बिजनेस से आता है. लेकिन अब न्यू एनर्जी बिजनेस से कंपनी की कमाई और भी बढ़ सकती है. इसके साथ ही, कंपनी का लक्ष्य है कि वो 2035 तक पूरी तरह नेट जीरो कार्बन कंपनी बन जाए. यानी वो वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगी. इसलिए, रिलायंस का न्यू एनर्जी सेक्टर में जाना एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है. इससे न सिर्फ कंपनी की कमाई बढ़ेगी, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक नए मौके की तरह हो सकता है.
3) जियो IPO: निवेशकों के लिए बन सकता है बड़ा मौका!
रिलायंस इंडस्ट्रीज की बड़ी योजनाओं में से एक है Jio का IPO लॉन्च करना. भले ही यह IPO अब 2025 के बाद ही आने की उम्मीद है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कंपनी के लिए जबरदस्त वैल्यू अनलॉक करने वाला इवेंट होगा. JP Morgan के मुताबिक, Reliance Retail की वैल्यू 121 बिलियन डॉलर आंकी गई है, जो कि अनुमानित FY27 के EBITDA के मुकाबले सिर्फ 32 गुना पर ट्रेड हो रही है. वहीं, DMart जैसी कंपनी 42 गुना के वैल्यूएशन पर ट्रेड करती है. यानी Jio या रिटेल बिजनेस में IPO या स्टेक सेल के जरिए अगर ये वैल्यू अनलॉक होती है, तो RIL के शेयर में जबरदस्त उछाल आ सकता है.
CLSA का मानना है कि आने वाले समय में Jio और Retail की कमाई रिलायंस की कुल कमाई में बड़ा योगदान देगी. ऐसे में रिलायंस का यह 'कंजर्वेटिव वैल्यूएशन' उसे बड़े निवेशकों के लिए और भी अट्रैक्टिव बना रहा है, खासकर ऐसे समय में जब बाकी कंपनियां पहले से ज्यादा महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रही हैं. JP Morgan का यह भी कहना है कि रिलायंस आने वाले सालों में हर साल करीब 20 बिलियन डॉलर का EBITDA बना सकती है और फ्री कैश फ्लो भी पॉजिटिव रहेगा. Nomura ने भी इस शेयर पर 'बाय' रेटिंग दोहराई है. अगर आप रिलायंस के उन 48 लाख शेयर होल्डर्स में से हैं जो मौजूदा उतार-चढ़ाव के बीच टिके हुए हैं, तो मार्केट एक्सपर्ट्स को इसमें आने वाले समय में तेजी की उम्मीद है.
कंपनी की अगली AGM पर निवेशकों की नजरें
अब निवेशकों की नजरें रिलायंस की अगली AGM (एनुअल जनरल मीटिंग) पर टिकी हैं, जो अगले दो महीनों में हो सकती है. इसमें कंपनी अपने FMCG प्लान, न्यू एनर्जी प्रोजेक्ट्स, मीडिया बिजनेस के विस्तार, रिटेल की ग्रोथ और Jio IPO को लेकर नए ऐलान कर सकती है. रिलायंस का लक्ष्य है कि वह FY30 तक अपने Jio, Retail और New Energy बिजनेस को अपने पारंपरिक O2C (ऑयल टू केमिकल) बिजनेस के बराबर ले आए. यानी कंपनी का साइज लगभग दोगुना हो जाए.
डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दिए गए सुझाव, राय और विचार एक्सपर्ट्स के अपने निजी हैं. इनका द इकोनॉमिक टाइम्स हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है. आप किसी भी निवेश से पहले अपनी जांच-पड़ताल जरूर करें या वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.
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