कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर को दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। अब कर्मचारी अपने पीएफ खाते से आंशिक निकासी की जगह विशेष परिस्थितियों में 100 फ़ीसदी निकासी भी कर पाएंगे। संगठन के द्वारा यह बताया गया है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि कर्मचारियों की जीवन शैली को आसान बनाया जा सके और जरूरत पड़ने पर वे पीएफ फंड का इस्तेमाल कर सके। लेकिन इस बदलाव ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं, चलिए समझते हैं क्या बदला है और क्या सवाल खड़े हुए हुए हैं।
25% मिनिमम बैलेंस रखना भी जरूरीकर्मचारी अब अपने पीएफ खाते से 100 फ़ीसदी निकासी कर सकते हैं। इसके अलावा पहले जहां शादी और शिक्षा के लिए केवल तीन बार पैसे निकालने की अनुमति थी वहीं अब शादी के लिए 5 और शिक्षा के लिए 10 बार पैसे निकाले जा सकते हैं। संगठन के द्वारा 100 फ़ीसदी निकासी के बारे में तो कहा जा रहा है, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों को हमेशा 25 फ़ीसदी मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होगा। ताकि सदस्यों को पीएफ खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहे और वे कंपाउंडिंग का लाभ उठाते रहे।
ईपीएफओ के नियमों में बदलाव पर सवालपहले पीएफ की पूरी राशि केवल प्राकृतिक आपदा या नौकरी जाने के 2 महीने बाद या रिटायरमेंट के बाद ही निकाली जा सकती थी। लेकिन अब पूर्ण निकासी के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। संगठन ने कहा है कि अब कर्मचारियों को ज्यादा कारण और दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं। अब जब 25 फ़ीसदी बैलेंस मेंटेन करके रखना है तो 100% निकासी किन परिस्थितियों में की जा सकती है इस बारे में ईपीएफओ के द्वारा नहीं बताया गया है।
ये भी बदलासंगठन ने दो महीने की प्री-मेच्योर फाइनल सेटलमेंट की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है। इसके अलावा फाइनल पेंशन विथड्ऱॉल की समय सीमा को भी 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है। तो क्या नौकरी चल जाने की स्थिति में अब सदस्य दो महीने बाद अपने पीएफ खाते की राशि की पूर्ण निकासी नहीं कर पाएंगे? क्योंकि अभी तक नियम यह था कि यदि किसी ईपीएफओ के सदस्य की नौकरी चली जाती है और वह लगातार 2 महीने तक बेरोजगार रहता है तो वह अपने पीएफ खाते का पूरा बैलेंस निकाल सकते थे।
25% मिनिमम बैलेंस रखना भी जरूरीकर्मचारी अब अपने पीएफ खाते से 100 फ़ीसदी निकासी कर सकते हैं। इसके अलावा पहले जहां शादी और शिक्षा के लिए केवल तीन बार पैसे निकालने की अनुमति थी वहीं अब शादी के लिए 5 और शिक्षा के लिए 10 बार पैसे निकाले जा सकते हैं। संगठन के द्वारा 100 फ़ीसदी निकासी के बारे में तो कहा जा रहा है, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि कर्मचारियों को हमेशा 25 फ़ीसदी मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होगा। ताकि सदस्यों को पीएफ खाते में जमा राशि पर ब्याज मिलता रहे और वे कंपाउंडिंग का लाभ उठाते रहे।
ईपीएफओ के नियमों में बदलाव पर सवालपहले पीएफ की पूरी राशि केवल प्राकृतिक आपदा या नौकरी जाने के 2 महीने बाद या रिटायरमेंट के बाद ही निकाली जा सकती थी। लेकिन अब पूर्ण निकासी के लिए नियमों में बदलाव किया गया है। संगठन ने कहा है कि अब कर्मचारियों को ज्यादा कारण और दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं। अब जब 25 फ़ीसदी बैलेंस मेंटेन करके रखना है तो 100% निकासी किन परिस्थितियों में की जा सकती है इस बारे में ईपीएफओ के द्वारा नहीं बताया गया है।
ये भी बदलासंगठन ने दो महीने की प्री-मेच्योर फाइनल सेटलमेंट की अवधि को 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने कर दिया गया है। इसके अलावा फाइनल पेंशन विथड्ऱॉल की समय सीमा को भी 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने कर दिया गया है। तो क्या नौकरी चल जाने की स्थिति में अब सदस्य दो महीने बाद अपने पीएफ खाते की राशि की पूर्ण निकासी नहीं कर पाएंगे? क्योंकि अभी तक नियम यह था कि यदि किसी ईपीएफओ के सदस्य की नौकरी चली जाती है और वह लगातार 2 महीने तक बेरोजगार रहता है तो वह अपने पीएफ खाते का पूरा बैलेंस निकाल सकते थे।
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