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Mutual Fund: ज़ोमैटो, पेटीएम, नायका बने म्यूचुअल फंड्स की पहली पसंद

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भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम अब सिर्फ ‘डिसरप्टर’ की पहचान तक सीमित नहीं है. फूड डिलीवरी से लेकर फिनटेक और ई-कॉमर्स तक, नई-उम्र की कंपनियां अब म्यूचुअल फंड्स के लिए भी भरोसेमंद निवेश का जरिया बन चुकी हैं. अगस्त 2025 के पोर्टफोलियो डिस्क्लोज़र के आंकड़े बताते हैं कि Zomato, Paytm, Nykaa, Policybazaar (PB Fintech), Delhivery और Affle जैसी कंपनियां अब कई बड़े फंड हाउस की पहली पसंद बन रही हैं.



जहां पहले इन कंपनियों को हाई-रिस्क और लंबी अवधि का दांव माना जाता था, वहीं अब ये फंड्स के पोर्टफोलियो में मेनस्ट्रीम हिस्सेदारी निभा रही हैं.



Zomato सबसे आगेनई-उम्र की कंपनियों में Zomato सबसे ज्यादा पसंदीदा बनकर उभरी है. अगस्त 2025 तक 352 म्यूचुअल फंड्स ने इसमें हिस्सेदारी ली है.



HDFC Non-Cyclical Consumer Fund ने Zomato में सबसे ज्यादा भरोसा जताया है और लगभग 10% नेट एसेट अलॉट किया है.



इसके अलावा HDFC Innovation Fund (9.8%) और Aditya Birla Sun Life Transportation & Logistics Fund (9.4%) जैसे बड़े फंड्स ने भी इसमें बड़ी हिस्सेदारी रखी है.



ये आंकड़े दिखाते हैं कि अब Zomato सिर्फ एक फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि संस्थागत निवेशकों की नजर में एक मजबूत बिज़नेस मॉडल बन चुका है.



PolicybazaarZomato के बाद PB Fintech (Policybazaar) दूसरी बड़ी पसंद है. इसमें 205 फंड्स ने निवेश किया है.



Motilal Oswal Digital India Fund (9.7%) और UTI Innovation Fund (9.6%) ने इसमें बड़ा दांव लगाया है. बीमा और फिनटेक के तेजी से बढ़ते क्षेत्र में Policybazaar की मौजूदगी इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है.



Paytm पर बढ़ रहा भरोसाPaytm का सफर शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन म्यूचुअल फंड्स इसे लगातार अपनाते जा रहे हैं. अगस्त 2025 तक 127 फंड्स ने Paytm को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है.



Motilal Oswal Focused Fund (7.6%), Helios Financial Services Fund (6.2%) में अग्रणी हैं. डिजिटल पेमेंट और फिनटेक सेक्टर में Paytm की पकड़ अभी भी मजबूत है और फंड हाउस इस पर लंबी अवधि का दांव खेल रहे हैं.



Nykaa और Affleब्यूटी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Nykaa को 103 फंड्स ने चुना है. खासतौर पर Motilal Oswal Midcap Fund ने इसमें 9% नेट एसेट लगाया है.



वहीं डिजिटल ऐडटेक कंपनी Affle भी पीछे नहीं है. इसमें 62 फंड्स की हिस्सेदारी है. कई फंड्स ने इसमें 5-6% तक का अलॉटमेंट किया है.



लॉजिस्टिक्स सेक्टर की बड़ी कंपनी Delhivery को फिलहाल उतना भरोसा नहीं मिला है. यह अभी सिर्फ 93 फंड्स के पोर्टफोलियो में शामिल है. इनमें Bandhan Innovation Fund और Invesco India Infrastructure Fund प्रमुख हैं, जिन्होंने लगभग 5.2% अलॉटमेंट किया है. हालांकि लॉजिस्टिक्स और ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए आने वाले समय में इसकी स्थिति बेहतर हो सकती है.



म्यूचुअल फंड्स में इन कंपनियों की मौजूदगी बताती है कि संस्थागत निवेशक इनके बिज़नेस मॉडल, भविष्य की ग्रोथ और मार्केट पकड़ पर भरोसा कर रहे हैं.



पहले जहां इन्हें हाई-रिस्क बेट माना जाता था, अब ये फंड पोर्टफोलियो में स्थायी जगह बना रही हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई निवेशक म्यूचुअल फंड्स में SIP या डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट कर रहा है, तो अप्रत्यक्ष रूप से वो भी इन नई कंपनियों का हिस्सा बन रहा है.



Zomato, Paytm, Nykaa, Policybazaar और Delhivery जैसी कंपनियां अब सिर्फ ‘नए जमाने का आइडिया’ नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म निवेश का भरोसेमंद विकल्प बन रही हैं.

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