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AUS vs IND: गिल के कप्तानी सफर में रोहित-विराट की मौजूदगी बनेगी मील का पत्थर: अक्षर पटेल

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shubman gill (Image Credit – Twitter X)

भारतीय ऑलराउंडर अक्षर पटेल का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज शुभमन गिल के लिए कप्तान के रूप में खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है।

इस दौरे पर भारत के दो दिग्गज खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली लंबे समय बाद टीम में लौट रहे हैं। ऐसे में शुभमन गिल को उनके अनुभव से सीखने और अपनी नेतृत्व क्षमता को निखारने का बेहतरीन अवसर मिलेगा।

रोहित-विराट के साथ शुभमन के लिए कप्तानी सीखने का सुनहरा मौका

दरअसल, बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले शुभमन गिल को वनडे कप्तान नियुक्त किया है। रोहित शर्मा को उनके व्यापक अनुभव के बावजूद कप्तानी से हटाया गया, ताकि भारतीय टीम में नए दौर की शुरुआत हो सके।

अक्षर पटेल ने यह बयान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले वनडे मैच से पहले आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया था। अगर शुभमन गिल इंग्लैंड की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी शानदार शुरुआत करते हैं, तो यह उनके लिए एक परफेक्ट स्टार्ट होगा। वह कप्तानी का दबाव नहीं ले रहे हैं, बल्कि टीम के साथ तालमेल बिठाने पर ध्यान दे रहे हैं। यह उनकी सकारात्मक सोच को दर्शाता है।

अक्षर ने कहा कि भारतीय टीम इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है। नए खिलाड़ी आ रहे हैं और सीनियर खिलाड़ियों का अनुभव उनके लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा, हम युवा खिलाड़ियों के साथ मिलकर खेल के तरीके पर चर्चा कर रहे हैं। आईपीएल में खेलने से युवा खिलाड़ी पहले से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की तीव्रता के लिए तैयार हैं।

अक्षर ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे एमएस धोनी ने कप्तानी संभाली थी, तब उनके साथ सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी मौजूद थे। उस समय धोनी ने उनके अनुभव से बहुत कुछ सीखा, ठीक वैसे ही शुभमन भी रोहित और विराट से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, यह शुभमन के लिए एक आदर्श स्थिति है क्योंकि उनके साथ दो महान कप्तान मौजूद हैं। टीम में सीनियर और जूनियर खिलाड़ियों का संतुलन शानदार है, जो इस बदलाव के दौर को सफल बनाएगा।

आने वाले महीनों में शुभमन के लिए यह चुनौतीपूर्ण दौर रहेगा, क्योंकि आगे टी20 विश्व कप, आईपीएल और दक्षिण अफ्रीका दौरा जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट हैं। ऐसे में सीमित वनडे मैचों में उन्हें अपनी नेतृत्व शैली स्थापित करनी होगी, टीम की दिशा तय करनी होगी और साथ ही सीनियर खिलाड़ियों के साथ तालमेल बनाए रखना होगा। यह सीरीज उनके कप्तानी करियर की असली परीक्षा साबित हो सकती है।

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