आजकल लगभग हर स्मार्टफोन में कॉल रिकॉर्डिंग का फीचर होता है। लोग इसका इस्तेमाल बातचीत को सुरक्षित रखने, सबूत जुटाने या ऑफिसियल बातचीत को सेव करने के लिए करते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या कॉल रिकॉर्ड करना कानूनन सही है? अगर आपने किसी की बात रिकॉर्ड कर ली तो क्या आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है?
इस लेख में जानते हैं कि भारत में कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़े कानून क्या कहते हैं, कब ये कानूनी और कब गैरकानूनी हो सकता है, और इससे जुड़ी सजा और सावधानियां क्या हैं।
✅ क्या कॉल रिकॉर्ड करना गैरकानूनी है?
नहीं, यह पूरी तरह गैरकानूनी नहीं है। लेकिन इसकी कुछ शर्तें होती हैं।
अगर आप किसी व्यक्ति की सहमति से कॉल रिकॉर्ड करते हैं, तो यह कानूनन सही है।
लेकिन अगर आपने बिना बताए कॉल रिकॉर्ड की, तो यह प्राइवेसी का उल्लंघन माना जाएगा, और इसके लिए आप पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
✅ भारत में कॉल रिकॉर्डिंग से जुड़े कानून:
भारत में कॉल रिकॉर्डिंग को लेकर कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन ये नियम लागू होते हैं:
आईटी एक्ट 2000 (धारा 66E): बिना सहमति कॉल रिकॉर्ड करके प्राइवेसी भंग करना अपराध है।
IPC धारा 354D: किसी की निगरानी या पीछा करना (Stalking)।
IPC धारा 499 और 500: किसी की बदनामी करने पर केस दर्ज हो सकता है।
✅ क्या हो सकती है सजा?
3 साल तक की जेल
भारी जुर्माना
या दोनों
अगर आप रिकॉर्ड की गई कॉल को गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं (जैसे ब्लैकमेलिंग, वायरल करना, धमकाना आदि), तो ये गंभीर अपराध माना जाएगा।
✅ कब-कब कॉल रिकॉर्ड करना कानूनी रूप से सही है?
स्थिति कॉल रिकॉर्डिंग वैध है?
दोनों पक्ष सहमत हों ✔️ हां
कस्टमर केयर कॉल, जहां पहले ही बताया जाता है ✔️ हां
अपनी सुरक्षा के लिए (उचित सीमा तक) ✔️ हां
बिना बताए रिकॉर्ड करना ❌ नहीं
सोशल मीडिया पर कॉल डालना ❌ नहीं
ब्लैकमेल या धमकी में कॉल का इस्तेमाल ❌ नहीं
⚠️ चुपचाप कॉल रिकॉर्ड करना हो सकता है खतरनाक
किसी की कॉल बिना बताए रिकॉर्ड करना और फिर उसे
सोशल मीडिया पर डालना
किसी को भेजना
ब्लैकमेल करना
… ये सब अपराध की श्रेणी में आते हैं और इससे आपकी छवि, नौकरी और भविष्य सब खतरे में पड़ सकता है।
📱 कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स से भी हो सकता है खतरा
आजकल कई थर्ड-पार्टी ऐप्स कॉल रिकॉर्ड करते हैं और आपके डेटा को बिना जानकारी के सर्वर पर सेव कर सकते हैं। इससे डेटा लीक की आशंका रहती है।
हमेशा विश्वसनीय ऐप्स ही इंस्टॉल करें
ऐप की Permissions और Settings चेक करें
जरूरत न हो तो कॉल रिकॉर्डिंग को बंद रखें
📌 निष्कर्ष:
कॉल रिकॉर्डिंग तभी सही है जब दोनों पक्षों की सहमति हो या जहां ये पहले से बताया गया हो। वरना ये आपकी कानूनी मुसीबत बन सकता है। प्राइवेसी आज के समय में एक संवेदनशील विषय है, और उसका सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
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