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ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं ने ट्रंप से की बैठक, ये रहीं चार बड़ी बातें

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Getty Images ओवल ऑफ़िस में मुलाक़ात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की

राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की यूक्रेन में जंग ख़त्म करने के उद्देश्य से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने सोमवार को फिर से व्हाइट हाउस पहुँचे.

कई यूरोपीय नेता भी बैठक में हिस्सा लेने के लिए वॉशिंगटन में थे.

कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की थी.

लेकिन उस शिखर सम्मेलन के बावजूद यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध विराम नहीं हो सका था.

ट्रंप के उम्मीदों से भरे शब्दों और उनके यूरोपीय सहयोगियों के कुछ उदासीन से आकलनों के बावजूद, सोमवार शाम तक शांति समझौते की दिशा में कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया.

सोमवार को ज़ेलेंस्की और ट्रंप के बीच हुई वार्ता की ख़ास बातें ये रहीं.

ट्रंप के बहुचर्चित उद्देश्यों में से एक है ज़ेलेंस्की और पुतिन के साथ त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन करना.

सोमवार को यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी वार्ता से पहले उन्होंने कहा कि अब यह मुद्दा है कि ऐसी बैठक 'कब होगी, न कि होगी या नहीं.'

1. क्या पुतिन-ज़ेलेंस्की की होगी मुलाक़ात? image Reuters 16 अगस्त को ट्रंप ने की थी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात

वार्ताओं के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पुतिन को फ़ोन करके रूसी नेता और ज़ेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय वार्ता से जुड़ी 'तैयारियां' शुरू करने को कहा है. ट्रंप ने कहा कि पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद, एक त्रिपक्षीय बैठक होगी, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति भी शामिल होंगे.

पुतिन के एक सलाहकार ने बाद में बताया कि ट्रंप और पुतिन ने सोमवार को फ़ोन पर 40 मिनट तक बात की थी.

यूरोपीय नेताओं की ट्रंप से औपचारिक बातचीत से पहले ट्रंप और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच हो रही गुफ़्तगू एक माइक ने रिकॉर्ड कर ली.

इस बातचीत में ट्रंप ने पुतिन की ओर इशारा करते हुए मैक्रों से कहा, "मुझे लगता है कि वह डील करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि वह मेरे लिए एक सौदा करना चाहते हैं. क्या आप इसे समझते हैं? यह सुनने में भले ही अजीब लगे."

यह देखना अभी बाक़ी है कि फ़रवरी 2022 में रूस के हमले के बाद पहली बार दो ऐसे कट्टर दुश्मनों को बातचीत की मेज पर आमने-सामने लाना कितना आसान होगा. महीनों से ज़ेलेंस्की पुतिन से मिलने के लिए दबाव बना रहे हैं.

लेकिन ज़ेंलेस्की ने ऐसा कोई संकेत कभी नहीं दिया है जिससे लगे कि पुतिन से मुलाक़ात के बाद जंग रुक जाएगी.

इसकी बजाय, संभवतः वो अपने उस तर्क को सिद्ध करना चाहते हैं जिसके मुताबिक रूस शांति के लिए गंभीर नहीं है. साथ ही पुतिन की ऐसी बैठक के लिए सहमत होने में कोई रुचि नहीं है.

पुतिन अतीत में कह चुके हैं कि वह ज़ेलेंस्की को 'अवैध' (राष्ट्रपति) मानते हैं क्योंकि मार्शल लॉ के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन में कोई चुनाव नहीं हुआ है. रूस ने पुतिन-ज़ेलेंस्की द्विपक्षीय वार्ता के विचार को बार-बार ख़ारिज किया है.

दो हफ़्ते पहले रूस ने तर्क दिया था कि दोनों राष्ट्रपतियों के बीच तब तक मुलाक़ात की कोई वजह नहीं है जब तक कि दोनों देशों के बीच अन्य मुद्दों पर दूरियां ख़त्म नहीं हो जातीं.

रूसी राष्ट्रपति के कार्यालय के एक अधिकारी यूरी उशाकोव ने सोमवार रात को अस्पष्ट सा बयान साझा किया. इसमें उन्होंने कहा कि 'ये उचित होगा' कि रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडलों के बीच वार्ता में 'प्रतिनिधियों के स्तर को बढ़ाने की संभावना का पता लगाया जाए'.

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2. ट्रंप युद्धविराम से पीछे हटे image EPA यूक्रेन के राष्ट्रपति से मिलने के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

युद्ध समाप्त करने के लिए होने वाली वार्ताओं से पहले ट्रंप किसी युद्धविराम की आवश्यकता को खारिज करते हुए प्रतीत हुए.

अब तक, यूक्रेन की ओर से यह एक मुख्य मांग रही है — उसने स्पष्ट किया है कि वह रूस के साथ आगे की बातचीत और अंततः किसी दीर्घकालिक समाधान के लिए युद्धविराम को एक अनिवार्य शर्त मानता है.

युद्धविराम पर सहमति बनाना एक पूर्ण शांति समझौते की तुलना में कुछ हद तक आसान हो सकता है, क्योंकि किसी समझौते तक पहुँचने में कई महीने लग सकते हैं और इस दौरान रूस का हमला संभवतः जारी रहेगा.

ट्रंप ने युद्धविराम को लेकर कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह ज़रूरी है."

लेकिन यूरोपीय नेताओं ने इसका विरोध किया, जिसमें सबसे कड़ी प्रतिक्रिया जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ की ओर से आई.

मर्ज़ ने कहा, "मैं कल्पना नहीं कर सकता कि अगली बैठक युद्धविराम के बिना हो, तो आइए हम उस पर काम करें और रूस पर दबाव डालने की कोशिश करें."

जब ज़ेलेंस्की से इसपर बोलने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पहले की तरह युद्धविराम की मांग को दोहराया नहीं.

image Reuters 3. ट्रंप ने सुरक्षा गारंटी का संकेत दिया image Reuters यूरोपीय देशों के नेताओं ने भी की ट्रंप और ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात

डोनाल्ड ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से कहा कि अमेरिका युद्ध ख़त्म करने वाले किसी भी समझौते में यूक्रेन की सुरक्षा की गारंटी देने में मदद करेगा. हालांकि ये सहायता किस हद तक की जाएगी, ट्रंप ने इसपर कोई स्पष्टता नहीं दी.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ज़मीन पर सैनिक भेजने की पेशकश नहीं की. लेकिन जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या यूक्रेन के लिए अमेरिकी सुरक्षा गारंटी में अमेरिकी सैन्य बलों की मौजूदगी भी शामिल हो सकती है, तो ट्रंप ने इसे सिरे से नकारा भी नहीं.

उन्होंने कहा, "सुरक्षा की पहली ज़िम्मेदारी यूरोप की है मगर हम भी इसमें शामिल होंगे."

राष्ट्रपति ने एक समय पर कहा, "हम उन्हें अच्छी सुरक्षा देंगे."

सुरक्षा गारंटी के मुद्दे पर यह ट्रंप का अब तक का सबसे निर्णायक बयान माना जा रहा है, जिसे रूस के साथ किसी भी समझौते के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.

उन्होंने यह भी कहा कि पिछले सप्ताह अलास्का में हुई शिखर बैठक के दौरान पुतिन ने स्वीकार किया कि किसी भी शांति समझौते में यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल होगी.

सोमवार की बैठकों के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ेलेंस्की ने कहा कि सुरक्षा गारंटी का एक हिस्सा अमेरिका और यूक्रेन के बीच 90 अरब डॉलर (करीब 7862 अरब रुपये) के हथियार सौदे का होगा.

उन्होंने बताया, "इसमें अमेरिका के ऐसे हथियार शामिल होंगे जो फिलहाल यूक्रेन के पास नहीं हैं- जैसे एविएशन सिस्टम, एंटी-मिसाइल सिस्टम और अन्य चीज़ें जिनके बारे में मैं कुछ नहीं बताऊंगा."

ज़ेलेंस्की ने यह भी कहा कि अमेरिका यूक्रेनी ड्रोन खरीदेगा, जिससे इन ड्रोन्स के घरेलू उत्पादन के लिए फंडिंग में मदद मिलेगी.

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने पत्रकारों को बताया कि कीएव के लिए सुरक्षा गारंटी संभवतः 10 दिनों के भीतर तय कर ली जाएंगी.

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4. ज़ेलेंस्की का बदला सा अंदाज़ image EPA फ़रवरी के दौरे से हटकर इस बार ज़ेलेंस्की अमेरिकी दौरे पर अधिक सौहार्दपूर्ण व्यवहार करते दिखे

इसी साल फ़रवरी में ओवल ऑफ़िस की अपने पिछले दौरे के वक्त कड़वे अनुभवों को देखते हुए, इस बार यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की अपने अमेरिकी मेज़बानों के साथ सौहार्दपूर्ण बर्ताव करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए काफ़ी प्रयास करते दिखे. इसमें बैठक से पहले कुछ मिनटों में ही छह बार 'शुक्रिया' कहना भी शामिल था.

पिछली बार जब ज़ेलेंस्की व्हाइट हाउस में थे, तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने युद्ध के दौरान यूक्रेन को अमेरिकी समर्थन के प्रति कृतज्ञता की कमी के लिए उन्हें डांटा था.

फरवरी की बैठक में विवाद का एक अन्य मुद्दा ज़ेलेंस्की की पोशाक भी थी.

इस बार, ज़ेलेंस्की ने अपनी पारंपरिक सैन्य पोशाक के बजाय गहरे रंग का सूट पहना हुआ था. जब उसी रिपोर्टर ने उनसे उनकी पोशाक के बारे में पूछा, जिसने पिछली बार ओवल ऑफिस में सूट न पहनने के लिए उनकी आलोचना की थी, तो ज़ेलेंस्की मजाक करने के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई दिए.

जब रिपोर्टर ने उन्हें बताया कि वह "शानदार" लग रहे हैं, तो ज़ेलेंस्की ने पलटवार करते हुए कहा कि पत्रकार ने पिछली बार की तरह ही "वही सूट" पहना हुआ है.ज़ेलेंस्की की ये बात सुनकर कमरे में मौजूद रिपोर्टर, ट्रंप और अन्य अधिकारी हंस पड़े. ज़ेलेंस्की ने कहा, "जैसा कि आप देख रहे हैं, मैं बदल गया हूं."

ज़ेलेंस्की ने बैठक के दौरान पारिवारिक संबंध बनाने का भी प्रयास किया. उन्होंने अपने यूक्रेन की फ़र्स्ट लेडी ओलेना ज़ेलेंस्का की ओर से अमेरिकी फ़र्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप को लिखी चिट्ठी भी दी. उन्होंने ट्रंप से कहा, "यह आपके लिए नहीं है - यह आपकी पत्नी के लिए है."

इसी तरह अन्य यूरोपीय नेताओं ने भी बहुपक्षीय बैठक से पहले ट्रंप की ख़ूब तारीफ़ की.

ट्रंप से मुख़ातिब होकर नेटो प्रमुख मार्क रुट ने कहा, "मैं वास्तव में आपके नेतृत्व के लिए आपको धन्यवाद देना चाहता हूं."

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने कहा कि ट्रंप की बदौलत कुछ तो बदल गया है.

हालांकि, माहौल गर्मजोशी से भरा था फिर भी यूरोपीय नेताओं ने अपनी ओर से ये स्पष्ट करने की कोशिश की कि भविष्य में रूसी आक्रामकता के ख़तरे से वे खुद को भी असुरक्षित महसूस करते हैं.

फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बाकी नेताओं से गंभीर अंदाज़ में कहा, "जब हम सुरक्षा गारंटी की बात करते हैं, तो हम यूरोपीय महाद्वीप की सुरक्षा की भी बात कर रहे होते हैं."

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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