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हरियाणा के नूंह में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद, अभी तक क्या पता है?

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ANI इलाक़े में पुलिस ड्रोन के ज़रिए निगरानी कर रही है

हरियाणा सरकार ने रविवार को नूंह ज़िले में चौबीस घंटे के लिए इंटरनेट और बड़ी संख्या में एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध का आदेश जारी किया.

यह प्रतिबंध रविवार रात नौ बजे से सोमवार रात नौ बजे तक लागू रहेगा. इस दौरान ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा के रास्ते में पटाखे फोड़ने, ड्रोन और पतंग उड़ाने पर भी रोक है. साथ ही मांस की दुकानों को भी बंद रखा गया है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सुमिता मिश्रा की तरफ़ से जारी आदेश में कहा गया है, "यह आशंका है कि ज़िले में तनाव, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुक़सान, सार्वजनिक शांति और सौहार्द बिगड़ने की आशंका है."

"हरियाणा राज्य के नूंह ज़िले की सीमा में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, बल्क एसएमएस (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाएं (सिर्फ वॉयस कॉल को छोड़कर) निलंबित की जाती हैं."

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हरियाणा के नूंह ज़िले में हर साल सावन के पहले सोमवार को ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा निकाली जाती है. इस दौरान सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं भी हो चुकी हैं.

साल 2023 में इसी यात्रा के दौरान भड़की हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे.हर साल सावन के पहले सोमवार को निकलने वाली यह जलाभिषेक यात्रा नल्हण मंदिर से शुरू होती है और पुनहना के श्रृंगेश्वर मंदिर तक जाती है.

सोमवार सुबह पांच बजे नल्हण के मंदिर में आरती हुई और उसके बाद यात्रा आगे बढ़ी.

तनाव की आशंका को ध्यान में रखते हुए ज़िला प्रशासन ने यात्रा के दौरान किसी भी तरह के हथियार- जिनमें लाइसेंसी हथियार भी शामिल हैं, पर रोक लगाई है.

त्रिशूल, तलवार, डंडा और अन्य तरह के हथियारों पर भी रोक है. इसके अलावा लाउडस्पीकर और उत्तेजक गाने, जिनसे किसी समुदाय को ठेस पहुंच सकती है, पर भी रोक लगाई गई है.

प्रशासन ने क्या कहा? image ANI ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा के दौरान पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु image ANI

मीडिया को दिए बयान में नूंह के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) विश्राम कुमार मीणा ने बताया है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 24 ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. इसके अलावा 12 ड्यूटी मजिस्ट्रेट को रिज़र्व रखा गया है.

विश्राम मीणा के मुताबिक़, "शोभा यात्रा के लिए तैयारी अच्छे से हुई है. ज़िले में भारी वाहनों का प्रवेश बंद है. मंदिर प्रांगण में पहुँचने के बाद पार्किंग की व्यवस्था है. सुरक्षा की दृष्टि से छह ड्रोन तैनात किए गए हैं. ये सब कुछ बतौर एहतियात किया गया है. बाक़ी पीस कमिटि की मीटिंग हुई है. इस काम में सरपंच भी जुड़े हुए हैं. लोगों से आग्रह है कि वो भ्रामक ख़बरों पर यक़ीन न करें."

सोमवार सुबह यात्रा के पूरे रूट पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए. जगह-जगह सिपाही तैनात नज़र आए.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, पुलिस बलों ने यात्रा से पहले मार्ग पर पैदल मार्च किया.

नूंह के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार का कहना है कि यात्रा के लिए पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए हुए हैं.

राजेश कुमार ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "यात्रा को ध्यान में रखते हुए ज़िले के उच्च अधिकारियों की बैठक हुई थी. जलाभिषेक यात्रा की सुरक्षा, ट्रैफ़िक संबंधी ड्यूटी और भीड़ को संभालने के लिए कुल दो हज़ार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है."

एसपी राजेश कुमार बताते हैं कि असामाजिक तत्वों को इस यात्रा से दूर रखने की लगातार कोशिश की जा रही है.

उन्होंने बताया, "जिन व्यक्तियों का पुराना रिकॉर्ड सही नहीं है, उन लोगों को इस यात्रा को ध्यान में रखते हुए पाबंद किया जा रहा है. ताकि ऐसे लोग इस यात्रा में भाग नहीं ले पाएं."

नूंह हरियाणा का मुस्लिम बहुल ज़िला है जहां साल 2023 में इस यात्रा के दौरान भारी हिंसा हुई थी. इसकी प्रतिक्रिया में नज़दीकी गुरुग्राम में भी हिंसा हुई थी और समूचे इलाक़े में कई दिनों तक तनाव रहा था.

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2023 में क्या हुआ था? image ANI नूंह के एसपी राजेश कुमार
  • 31 जुलाई 2023 को हरियाणा के नूंह में बजरंग दल ने धार्मिक यात्रा का आयोजन किया था.
  • यात्रा में हज़ारों की संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.
  • यात्रा जब नूंह में मंदिर से आगे बढ़ी तो पथराव शुरू हो गया और देखते ही देखते आगजनी शुरू हो गई.
  • भीड़ ने शहर की सड़कों और मंदिर के बाहर गोलियां भी चलाईं.
  • बड़ी संख्या में लोग मंदिर में फंसे रहे, जिन्हें बाद में प्रशासन की मदद से बाहर निकाला गया.
  • नूंह से शुरू हुई हिंसा के बाद बना तनाव, देर शाम हरियाणा के सोहना और गुरुग्राम तक पहुँच गया.
  • हिंसा में छह लोगों की मौत हुई, जिसमें दो होमगार्ड भी शामिल थे.
  • हिंसा के बाद ज़िला प्रशासन ने 8 दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं.
  • कई एफ़आईआर दर्ज हुई थीं और बड़े पैमाने पर गिरफ़्तारियां हुई थीं.
  • प्रशासन ने अवैध बताते हुए मुसलमानों के ऐसे कई मकानों को बुल्डोज़र से ध्वस्त किया था जहां से पत्थरबाज़ी करने के आरोप लगे थे.
  • बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर बुल्डोज़र की कार्रवाई रुकी थी.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित

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